सोयाबीन फसल नुकसान का मिलेगा मुआवजा

सीहोर : कलक्टर प्रवीण सिंह ने जिले में वर्षा के कारण सोयाबीन की फसल को हुए नुकसान के संबंध मे कृषि अधिकारियों की बैठक आयोजित की. बैठक में कृषि विभाग के उपसंचालक केके पांडे तथा फसल बीमा कंपनी एआईसी के प्रतिनिधि बीएल वर्मा सहित कृ‍षि विभाग के अन्य कृ‍षि अधिकारी उपस्थित थे.

बैठक में कलक्टर प्रवीण सिंह ने निर्देश दिए‍ कि वर्षा के कारण जिन स्थानों पर किसानों की सोयाबीन की फसलें खराब हुई हैं, उन खेतों का कृषि अधिकारी व फसल बीमा कंपनी के कर्मचारी सर्वे करें और फसल नुकसान का आंकलन कर किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाएं.

कलक्टर प्रवीण सिंह सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह काम पूरी गंभीरता से किया जाए. साथ ही, किसानों से भी फसल बीमा कंपनी के मोबाइल नंबरों और मोबाइल एप पर फसल नुकसानी की जानकारी दर्ज कराने के लिए कहा.

उन्होंने आगे यह भी कहा कि फसल बीमा की शिकायत के लिए फसल बीमा कंपनी यानी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्री नंबर और मोबाइल एप की जानकारी का व्यापक स्तर पर प्रचारप्रसार किया जाए.

बीमित किसान वर्षा एवं बाढ़ से प्रभावित फसलों के सर्वे के लिए टोल फ्री नंबर 14447 और मोबाइल एप से करें शिकायत

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत जिले के बीमित किसान वर्षा एंव बाढ़ से प्रभावित फसलों के सर्वे के लिए टोल फ्री नंबर 14447 और मोबाइल एप से शिकायत कर सकते हैं. किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के उपसंचालक ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत जिले के वे किसान जिन का बीमा है, वे वर्षा एंव बाढ़ से प्रभावित फसलों के सर्वे के लिए शिकायत अधिकृत टोल फ्री नंबर 14447 के माध्यम से सीधे बीमा कंपनी को शिकायत कर के प्रभावित फसल का सर्वे करने की सूचना दे सकते हैं.

टोल फ्री नंबर की अधिक व्यस्तता के करण जिन किसानों की शिकायत दर्ज नहीं हो रही हो, वे किसान मोबाइल से प्रभावित खेत के व्यक्तिगत फोटो, वीडियो अपलोड कर शिकायत दर्ज करा कर फसलों में हुई क्षति से फसल बीमा के लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

कृषि विभाग के उपसंचालक ने जानकारी दी कि प्ले स्टोर से मोबाइल पर Crop Insurance एप डाउनलोड करें. इस के बाद Continue Without Login में क्लिक करें. इस के बाद क्राप लास में जा कर शिकायतकर्ता द्वारा बेसिक जानकारी दे कर कंप्लेंट दर्ज कर सकते हैं.

किसान अधिक जानकारी के लिए अधिकृत एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के जिला स्तरीय प्रतिनिधि के मोबाइल नंबर 8827530270 पर बात कर सकते हैं.

दलहनी फसलों में कीटों की करें रोकथाम

टीकमगढ़ : उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल में पत्ती भक्षक कीट व सफेद मक्खी का प्रकोप देखा जा रहा है, इसलिए समय रहते उन की रोकथाम जरूरी है. इस के नियंत्रण के लिए क्विनालफास 25 ईसी दवा की 2 मिलीलिटर मात्रा प्रति लिटर पानी में घोल बना कर मौसम साफ रहने पर ही छिड़काव करें.

उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल में पीला पत्ता रोग का प्रकोप देखा जा रहा है. किसान फसलोँ की निगरानी करें और खेत में ग्रसित पौधे पाए जाने पर रोकथाम के लिए ग्रसित पौधे को उखाड़ कर जमीन में दबा दें एवं 0.5 मिलीलिटर इमिडाक्लोप्रिड या थियामेथोक्सम 2.0 मिलीलिटर दवा की मात्रा को प्रति लिटर पानी में घोल बना कर मौसम साफ रहने पर छिड़काव करें.

सोयाबीन की फसल में गर्डल वीटिल का प्रकोप देखा जा रहा है, इस के नियंत्रण के लिए फ्लूबेंडामाइड 39.5 एससी, 400 मिलीलिटर दवा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से घोल कर बना कर मौसम साफ रहने पर ही छिड़काव करें.

भिंडी में पीली पत्ती रोग का प्रकोप देखा जा रहा है. किसान फसल का निरीक्षण करते रहें और इस से बचाव के लिए आसमान साफ रहने पर मिथाइल डेमेटान 25 ईसी दवा की 2 मिलीलिटर मात्रा प्रति लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.

आसमान में बादल छाए रहने के कारण धूप की अवधि में कमी को देखते हुए किसान मुरगीघरों में रात के समय 4-5 घंटे रोशनी की व्यवस्था करें और वातावरण में हो रही नमी की वृद्धि से मुरगीघरों में नमी की वृद्धि को रोकने के लिए चूने और लकड़ी के बुरादे का फर्श पर बुरकाव करें. पशुशाला को बाह्य परजीवी जैसे मक्खी व मच्छरों से बचाने के लिए साफसफाई का ध्यान रखें. साथ ही, मैलाथियान का स्प्रे करें.