जैविक खेती करने वाले किसानों को मिलेगा इंसेंटिव

दमोह : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने किसानो से चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि हमें प्राकृतिक खेती की ओर जाना होगा, हर किसान के मनमस्तिष्क में बैठ गया है कि जितना डीएपी और यूरिया डालेंगे उतनी ही पैदावार होगी, ऐसा नहीं है. इस सोच को बदलना पड़ेगा. हम ने इन सब के उपयोग से धरती को बीमार कर दिया है. इस से इनसान, पशुपक्षी कोई भी प्राणी स्वस्थ नहीं रह सकता है, इसलिए प्राकृतिक खेती की ओर जाना होगा.

उन्होंने कहा कि किसान से यह नहीं कहा जा रहा है कि पूरे के पूरे खेत में प्राकृतिक खेती करें. यदि आप के पास 5 एकड़ जमीन है, तो एक एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करिए. राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि वे खुद भी प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, कभी भी रासायनिक खाद नहीं डालते हैं, जितने भी किसान डीएपी, यूरिया और पैस्टिसाइड डाल रहे हैं, उतनी ही पैदावार वे ले रहे हैं.

इस अवसर पर विधायक, दमोह, जयंत कुमार मलैया, जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता गौरव पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी, कलक्टर सुधीर कुमार कोचर सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे.

उन्होंने कहा कि हम ने खेत के केंचुओं को मार डाला, केंचुए किसान के मित्र हैं. खाद पर 15 लाख करोड़ रुपए सालाना इस में भारत सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है. यदि आप प्राकृतिक खेती करेंगे तो, उन्हें इंसेंटिव देंगे.

कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 10 सालों में किसान सम्मान निधि देने का काम किया. उन्होंने एमएसपी 10 साल में इतनी बढ़ाई है कि यदि आजादी के बाद इस दर से एमएसपी बढ़ती तो आज किसान के घर में समृद्धि रहती, परंतु ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि साल 2014 में 1,250 रुपए एमएसपी थी, जो मोदी के आने के बाद अभी 2,625 रुपए हो गई है.

उन्होंने कहा कि जैविक खेती में और प्राकृतिक खेती में बहुत अंतर है. प्राकृतिक खेती में किसान को बाजार से 1 रुपए का सामान लाने की जरूरत नहीं होती है. आज किसान की लागत बढ़ गई है.

केंद्रीय राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने मिट्टी परीक्षण कराने पर बल देते हुए कहा कि इस के लिए अब जन जागरण अभियान चलाया जाए. इस दौरान उन्होंने जिले के विभिन्न स्थानों से आए जैविक खेती कर रहे किसानों से चर्चा की और उन का उत्साहवर्धन किया.

बगैर पीओएस (POS) मशीन के बिना उर्वरक विक्रय करने पर रजिस्ट्रेशन होगा रद्द

नीमच : उपसंचालक, कृषि, नीमच द्वारा मैसर्स भंडारी उर्वरक बीज भंडार, प्रो.- राजेश भंडारी, चीताखेड़ा द्वारा उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 का उल्‍लंघन करने पर उन का उर्वरक पंजीयन क्र. RS/432/1401/49/2022, वैधता अवधि 22 अगस्त, 2027 को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

कृषि विभाग द्वारा उर्वरक विक्रेता मैसर्स भंडारी उर्वरक बीज भंडार, चीताखेड़ा का उर्वरक निरीक्षक द्वारा 21 नवंबर, 2024 को निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान एनपीके के 26 बैग एवं यूरिया के 270 बैग पाए गए, जिस में से 135 बैग लाइसैंस में दर्ज भंडारण स्‍थान के अन्‍यत्र स्‍थान पर पाए गए.

उक्‍त उर्वरकों के संबध में ’ओ’ फार्म चाहे गए, जिसे संबंधित द्वारा प्रस्‍तुत नहीं किया गया और मौके पर विक्रेता फर्म द्वारा भंडार पंजी का संधारण नहीं करना, मूल्‍य सूची और लाइसैंस का प्रदर्शन नहीं करना, फर्म पर फर्म के नाम का बोर्ड नहीं लगाना पाया गया. साथ ही, संबंधित फर्म के लाइसैंस में दर्ज प्रो. राजेश भंडारी के स्‍थान पर अन्‍य व्‍यक्ति रजनीश जैन द्वारा बिना पीओएस (POS) मशीन के उर्वरकों का विक्रय करना पाया गया, जो कि उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 का स्‍पष्‍ट उल्‍लंघन होने से पंजीयन निलंबित किया गया है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए फार्मर रजिस्ट्री जरूरी

रतलाम : कलक्टर राजेश बाथम ने समस्त संबंधित हितग्राहियों से अपील की है कि वह अपनी फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य रूप से करवा लें. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का निरंतर लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर रजिस्ट्री बनाना अनिवार्य किया गया है. सर्वप्रथम अपने आधारकार्ड नंबर से मोबाइल फोन नंबर लिंक करें, इस के उपरांत अपने नजदीकी सीएससी केंद्र अथवा गांव के पटवारी के माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री करवा सकते हैं अथवा व्यक्ति स्वयं लिंक पर जा कर मोबाइल नंबर से रजिस्टर कर आधार ओटीपी के माध्यम से स्वयं भी फार्मर रजिस्ट्री कर सकते हैं. एसएलआर अभिषेक मालवीय ने बताया कि आगामी समय में फार्मर आईडी अन्य योजनाओं में भी अनिवार्य होगी.

जिले के मैदानी अमले को निर्देशित किया गया है कि अधिक से अधिक प्रचारप्रसार कर किसानों की सहभागिता से फार्मर आईडी जेनरेट करने की कार्रवाई पूरी करवाई जाए. फार्मर रजिस्ट्री का उद्देश्य है कि समस्त भूधारियों के आधार लिंक्ड रजिस्ट्री तैयार करना है, जिस में भूधारियों को एक अन्य फार्मर आईडी प्रदान किया जाएगा. फार्मर रजिस्ट्री के उद्देश्यो में योजनाओं का नियोजन, लाभार्थियों का सत्यापन, कृषि उत्पादों का सुविधाजनक वितरण, प्रदेश के समस्त किसानों को राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सम और पारदर्शी तरीके से प्रदान करने के लिए लक्ष्य निर्धारण एवं पहचान किसानों के लिए कृषि ऋण व अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए कृषि सेवाओं की सुगमता शामिल है.

फार्मर रजिस्ट्री के लाभ के अंतर्गत पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए फार्मर रजिस्ट्री के अनिवार्यता की शर्त पूर्णता के साथ हितग्राहियों को लाभ प्राप्त करने में सुगमता रहेगी. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सैचुरेशन फसल बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने में सुगमता, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में किसानों के पंजीयन में सुगमता और विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए बारबार सत्यापन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन पोर्टल पटवारी, स्थानीय युवा और किसान के लिए फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन पोर्टल https://mpfr.agristack.gov.in है. मोबाइल एप Farmer registry MP है, मोबाइल एप Farmer sahayak MP App (स्थानीय युवा हेतु )के माध्यम से किया जाना है.

कलक्टर ने सुनेरा के किसान के खेत में ड्रोन फ्लाई का किया अवलोकन, 2 साल से नहीं जलाई पराली

शाजापुर : कलक्टर ऋजु बाफना ने पिछले दिनों गांव सुनेरा के किसान मनोहर सिंह गोठवाल के खेत में जा कर ड्रोन से किए जा रहे नैनो यूरिया के छिड़काव का अवलोकन किया. यहां कलक्टर ने किसान मनोहर सिंह एवं ड्रोन चलाने वाले संजय गुर्जर से चर्चा कर पूरी प्रक्रिया जानी.

किसान मनोहर गोठवाल ने बताया कि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग एवं पराली व फसलों के अवशेष जलाने के कारण भूमि की उर्वराशक्ति कम हो रही है, इसे देखते हुए जैविक खेती की ओर आगे बढ़ रहे हैं.

वे विगत 2 सालों से अपने खेतों में पराली नहीं जलाते, बल्कि रोटावेटर एवं अन्य उपकरणों की सहायता से फसलों के अवशेषों को काटते हैं और गहरी जुताई कर उन्हें भूमि में ही नष्ट होने के लिए छोड़ देते हैं. इस से फसलों के अवशेष से खाद भी बन रही है और भूमि की उर्वराशक्ति में वृद्धि भी हो रही है.

इस मौके पर इफको के महेंद्र पटेल ने ड्रोन से स्प्रे की जानकारी दी. इस अवसर पर उपसंचालक, कृषि, केएस यादव और सुनेरा गांव के सरपंच सुखराम यादव भी उपस्थित थे.

मोबाइल एप के जरीए उपज का लें अधिक दाम

शाजापुर : कृषि उपज मंडी समिति शाजापुर सचिव भगवान सिंह परिहार ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन एवं मंडी बोर्ड द्वारा किसानों को कृषि विपणन के क्षेत्र में अभिनव कदम उठाते हुए मोबाइल एप के माध्यम से अपनी कृषि उपज का विक्रय अपने घर, खलिहान, गोदाम से करने की सुविधा प्रदान की गई है.

कृषि उपज मंडी समिति सचिव भगवान सिंह परिहार ने बताया कि इस का लाभ लेने के लिए किसानों को सर्वप्रथम अपने एंड्राइड मोबाइल पर मंडी बोर्ड भोपाल का मोबाइल एप MPFARMGATE (एमपीफार्मगेट) इंस्टाल करना होगा. इस के बाद किसान एप में किसान पंजीयन की कार्यवाही पूरी करें.

फसल विक्रय के समय किसान अपनी कृषि उपज के संबंध में मंडी फसल ग्रेड, किस्म, मात्रा एवं वांछित भाव की जानकारी दर्ज करें. इस के उपरांत किसान के द्वारा फसल की जानकारी एवं बाजार की स्थिति के अनुसार अपनी दरें औनलाइन दर्ज की जाएगी, जो किसान को एप में औनलाइन प्रदर्शित होगी.

व्यापारी द्वारा प्रस्तुत दरों में उच्चतम दर पर किसान द्वारा अपनी सहमति औनलाइन दर्ज कराने पर संबंधित व्यापारी को एप में गैसेज प्राप्त होगा, जिस के उपरांत आपसी सहमति के आधार पर चयनित स्थल पर कृषि उपज का तौल होगा. तौल कार्य के उपरांत औनलाइन सौदा पत्रक एवं भुगतान पत्रक जारी किया जाएगा और शासन एवं मंडी बोर्ड के नियमानुसार नकद/बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा.

इस प्रकार किसान मोबाइल एप के माध्यम से मंडी में आए बिना अपने घर, गोदाम, खलिहान से भी अपनी कृषि उपज का विक्रय कर सकते हैं.

सचिव भगवान सिंह परिहार ने जिले के सभी किसानों से अनुरोध किया है कि वे अपने एंड्राइड मोबाइल में एप  MPFARMGATE (एमपीफार्मगेट) को इंस्टाल कर, राज्य शासन एवं मंडी बोर्ड की इस अभिनव पहल का अधिक से अधिक लाभ उठाएं.

सांची का नैचुरल नारियल पानी (Coconut Water) लौंच

भोपाल: पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए दुग्ध उत्पादन से बड़ा कोई रास्ता नहीं है. मध्य प्रदेश सहकारी दुग्ध संघ अपने सांची ब्रांड के माध्यम से नएनए गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बाजार में ला रहा है. हाल ही में सांची ने नैचुरल नारियल पानी लौंच किया है, जो कि अत्यंत गुणवत्तापूर्ण और स्वास्थ्यवर्धक है.भविष्य में दुग्ध संघ की माइनर मिलेट्स कोदोकुटकी के उत्पाद भी बाजार में लाने की योजना है.

मंत्री लखन पटेल ने भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के मुख्य डेयरी प्लांट में सांची के नवीन उत्पाद पाश्चरीकृत नैचुरल नारियल पानी की बिक्री का शुभारंभ किया. इस अवसर पर वेटरनरी कौंसिल औफ इंडिया के अध्यक्ष डा. उमेश शर्मा, संचालक पशुपालन एवं डेयरी डा. पीएस पटेल आदि उपस्थित थे.

मंत्री लखन पटेल ने स्वयं भी नारियल पानी पिया और उस की सराहना की. कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने सांची नारियल पानी का सेवन किया और उसे गुणवत्ता एवं स्वादयुक्त बताया.

उन्होंने कहा कि भोपाल दुग्ध संघ की आय निरंतर बढ़ रही है. इस वर्ष अभी तक लगभग 700 करोड़ रुपए का लाभ दुग्ध संघ को हुआ है. दुग्ध संघ निरंतर किसानों के लाभ के लिए कार्य तो कर ही रहा है, संघ के कर्मचारियों के कल्याण में भी पीछे नहीं है. अब किसानों के साथ ही कर्मचारियों का भी बीमा कराया जाएगा.

मंत्री लखन पटेल ने आगे कहा कि सहकारिता का मूल सिद्धांत है पारदर्शिता और जुड़े हुए हर व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना. हमारी सरकार इसी सिद्धांत पर कार्य कर रही है. हमारा उद्देश्य है दुग्ध उत्पादक किसानों को अधिक से अधिक आमदनी हो और हम इस के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के नेतृत्व में इस वर्ष हमारी सरकार गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन वर्ष मना रही है. इन कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें और अपना योगदान दें.

भोपाल दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी तिवारी ने बताया कि दूध, दही, श्रीखंड, बृज पेड़ा, केशव पेड़ा, सांची नीर और सांची खीर के बाद अब सांची दुग्ध संघ अपना नया उत्पाद शुद्ध नैचुरल और पाश्चुरीकृत “सांची नारियल पानी” बाजार में लाया है. इसे नारियल उत्पादन क्षेत्र तमिलनाडु के पोलाची (जिला कोयंबटूर) में 200 एमएल की बोतल में पैक कराया जा रहा है. इस का बाजार मूल्य 50 रुपया प्रति बोतल रखा गया है और इस की उपयोग अवधि 9 माह है. इसे तैयार करने के लिए ताजे नारियल से संयंत्र में हैंड्स फ्री तकनीकी से पानी निकाला जाता है और उसे रिटोर्ट मेथड से 99 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान तक गरम कर पाश्चरीकृत कर बोतल में पैक किया जाता है.

उन्होंने बताया कि भविष्य में दुग्ध संघ की ब्रेड, चाय पत्ती, चिप्स आदि भी बाजार में लाने की योजना है.

टमाटर (Tomato) के दामों में हुई गिरावट

नई दिल्ली : मंडी में टमाटर की कीमत में कमी के चलते खुदरा कीमत में भी कमी आ रही है. 14 नवंबर, 2024 को अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 52.35 रुपए प्रति किलोग्राम था, जो 14 अक्तूबर, 2024 को 67.50 रुपए प्रति किलोग्राम से 22.4 फीसदी कम है. इसी अवधि के दौरान टमाटर की आवक में वृद्धि होने से आजादपुर मंडी में मौडल कीमतें लगभग 50 फीसदी से घट कर 5,883 रुपए प्रति क्विंटल से 2,969 रुपए प्रति क्विंटल हो गईं.

पिंपलगांव, मदनपल्ले और कोलार जैसे बेंचमार्क बाजारों से भी मंडी की कीमतों में भी इसी तरह की कमी की सूचना मिली है.

कृषि विभाग के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, साल 2023-24 में टमाटर का कुल वार्षिक उत्पादन 213.20 लाख टन है, जो 2022-23 में 204.25 लाख टन से 4 फीसदी अधिक है. हालांकि टमाटर का उत्पादन पूरे वर्ष होता है, लेकिन उत्पादन क्षेत्रों और उत्पादन की मात्रा में मौसमी परिवर्तन होता रहता है. मौसम की प्रतिकूल स्थिति और आपूर्ति में मामूली व्यवधान के कारण टमाटर की फसल की उच्च संवेदनशीलता और फलों के शीघ्र खराब होने की प्रवृत्ति के कारण कीमतों पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है. अक्तूबर, 2024 के दौरान टमाटर की कीमतों में उछाल आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अत्यधिक और लंबे समय तक बारिश के कारण था.

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में टमाटर उत्पादन में सामान्य मौसमी प्रभाव से पता चलता है कि प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में अक्तूबर और नवंबर में बोआई होती है. हालांकि, फसल की खेती की कम अवधि और फलों के कई बार तोड़ने के कारण बाजार में टमाटर की निरंतर उपलब्धता रहती है.

हालांकि मदनपप्ले और कोलार के प्रमुख टमाटर केंद्रों पर आवक में कमी हुई है, लेकिन महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों से मौसमी आवक के कारण कीमतों में कमी आई है. यह मौसमी आवक पूरे देश में टमाटर की आपूर्ति में कमी को पूरा कर रही है. अभी तक मौसम भी फसल के लिए अनुकूल रहा है और खेतों से ले कर उपभोक्ताओं तक आपूर्ति में अच्छा प्रवाह बनाए रखने के ठीक रहा है.

मत्स्य योजना (Fishery Scheme) का प्रचार प्रसार जरूरी

भोपाल : मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री नारायण सिंह पवार ने कहा कि समिति सदस्यों को मत्स्य उत्पादन के साथ लक्ष्यों को पूरा करने के लिए योजनाओं का व्यापक प्रचारप्रसार कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए प्रेरित करें.

मंत्री नारायण सिंह पवार 27वीं वार्षिक साधारण सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि खेती के साथ आजीविका के लिए आय के अन्य स्त्रोत का भी होना आवश्यक है. समिति के लोग 10 माह मत्स्य उत्पादन का काम करते हैं. साथ ही, जल संरक्षण के कार्यों को आगे बढ़ाएं. शासन द्वारा रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

राज्य मंत्री नारायण सिंह पवार ने कहा कि शासन द्वारा 70 साल की उम्र से अधिक के सभी वर्ग के लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं. 5 लाख तक का नि:शुल्क स्वास्थ्य लाभ मिलता है. अधिक से अधिक लोग आयुष्मान कार्ड बनवा कर शासन की योजनाओं का लाभ उठाएं.

उन्होंने आगे कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वास्तविक हितग्राहियों को लाभ मिले, ऐसे प्रयास किए जाएं और अधिक से अधिक समितियों का पंजीयन कराने में सहयोग करें. खूब प्रचारप्रसार करें और गरीब बस्तियों में पंपलेट बंटवा कर अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाएं और अपने संसाधनों को बढ़ाएं.

उन्होंने मछुआ समिति सदस्यों से चर्चा की और बताया कि मत्स्य महासंघ का मुख्य उद्देश्य शासन द्वारा 1,000 हेक्टेयर से ऊपर से सौंपे गए बड़े एवं मध्यम जलाशयों में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मत्स्य विकास करना एवं महासंघ के जलाशयों में कार्यरत मछुआरों और उन के परिवारों की आजीविका सुरक्षित करते हुए सामाजिक, आर्थिक उन्नति करना है. शासन द्वारा महासंघ को 7 वृहद एवं 21 मध्यम सहित कुल 28 जलाशय उपलब्ध कराए गए हैं, जिन का कुल जल क्षेत्र लगभग 2.31 लाख हेक्टेयर है. 31 मार्च, 2024 की स्थिति में महासंघ के अधीन “क” वर्ग की 222 मत्स्य सहकारी समिति के 15,200 पंजीकृत सदस्य हैं.

वर्ष 2023-24 में जलाशयों में निर्धारित लक्ष्य अनुसार, कुल 896.50 लाख के विपक्ष में कुल 494.86 लाख मत्स्य बीज संचय किया गया है.

उन्होंने योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी. इस अवसर पर मत्स्य महासंघ द्वारा संचालित प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली मछुआ सहकारी समितियों एवं मछुआरों को प्रोत्साहित किया जाता है.

प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अंतर्गत

गांधी सागर इकाई

      • (अ) उत्कृष्ट मत्स्य सहकारी समिति में प्रथम पुरस्कार नवीन आदर्श म.स.स. बर्डिया को 50 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार ग्रामीण आदर्श म.स.स. हाड़ाखेड़ी को 40 हजार रुपए, तृतीय पुरस्कार जय भवानी म.स.स. जमालपुरा और चतुर्थ पुरस्कार जय राधा कृष्ण म.स.स. गांधीसागर 20 हजार रुपए
      • (ब) उत्कृष्ट मछुआ प्रथम पुरस्कार गौतम मांझी जय लक्ष्मी म.स.स. 30 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार भरत नवीन आदर्श म.स.स. बर्डिया 25 हजार रुपए, तृतीय पुरस्कार गिरधारी नवीन आदर्श म.स.स. बर्डिया 20 हजार रुपए, चतुर्थ पुरस्कार श्यामल मंडल जय श्री राधे म.स.स. गांधीसागर 18 हजार रुपए, पंचम पुरस्कार नवीन आदर्श म.स.स. बर्डिया 15 हजार रुपए, छठवां पुरस्कार दिप्तसुंदर जय लक्ष्मी नारायण म.स.स.गांधीसागर,

बाणसागर इकाई

      • (अ) उत्कृष्ट मत्स्य सहकारी समिति प्रथम पुरस्कार कुंदन म.स.स. खजूरी 35 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार विन्ध्यांचल म.स.स. रामनगर 30 हजार रुपए
      • (ब) उत्कृष्ट मछुआ प्रथम पुरस्कार मो. अजील कुंदन म.स.स. खजूरी 20 हजार रुपए,

जबलपुर

      • (अ) उत्कृष्ट मत्स्य सहकारी समिति प्रथम पुरस्कार आदर्श म.स.स. छपारा 1500 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार बरमैया म.स.स. झुल्लपुर 10 हजार रुपए
      • (ब) उत्कृष्ट मछुआ प्रथम पुरस्कार कमलू बर्मन आदर्श म.स.स. भीमगढ़ 10 हजार रुपए, द्वितीय अर्जुन बर्मन म.स.स. संकल्प माचागोरा 8 हजार रुपए, तृतीय पुरस्कार नंदलाल बर्मन आदर्श म.स.स. भामगढ़ 7 हजार रुपए,

भोपाल

      • (अ) उत्कृष्ट मत्स्य सहकारी समिति प्रथम पुरस्कार राजीव गांधी म.स.स. नीनोद 25 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार बूधौरकला म.स.स. बूधौर 15 हजार रुपए, तृतीय पुरस्कार अध्यक्ष संजय सागर म.स.स. शामशाबाद 10 हजार रुपए,
      • (ब) उत्कृष्ट मछुआ तृतीय पुरस्कार रहजीत म.स.स. पोनिया 6 हजार रुपए, सांत्वाना पुरस्कार अनीस खान म.स.स.पोनिया, सीताराम महामई म.स.स. सांगुल, मीराबाई चंद्रशेखर आजाद म.स.स. कायमपुर और सुरैया बाई मछुआ समूह मजूसखर्द को 5-5 हजार रुपए पुरस्कार,

राजगढ़

      • (अ) उत्कृष्ट मत्स्य सहकारी समिति प्रथम पुरस्कार म.स. समिति मुरारिया 10 हजार रुपए
      • (ब) उत्कृष्ट मछुआ प्रथम पुरस्कार देवकरण म.स. समिति तलेन 8 हजार रुपए,

अटलसागर

      • (अ) उत्कृष्ट मत्स्य सहाकारी समिति प्रथम पुरस्कार एकलव्य म.स.स. मगरोनी 40 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार बुंदेलखंड म.स.स. 15 हजार रुपए,

छतरपुर

      • (अ) उत्कृष्ट सहकारी समिति प्रथम पुरस्कार भोला म.स. समिति 12 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार म.स. समिति किरवाहा 10 हजार रुपए,
      • (ब) उत्कृष्ट मछुआ प्रथम पुरस्कार समकिशन म.स.स.किरवाह 10 हजार रुपए पुरस्कार वितरित किए.

इस अवसर पर प्रमुख सचिव डीपी आहूजा सहित विभागीय अधिकारी मत्स्य महासंघ के सदस्य उपस्थित थे.

प्याज (Onion) के गिरेंगे दाम, चौथी खेप रेल से पहुंची दिल्ली

नई दिल्ली: सरकार के मूल्य स्थिरीकरण बफर से 840 मीट्रिक टन प्याज महाराष्ट्र में नासिक से रेल रेक के जरीए 17 नवंबर, 2024 की सुबह दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंचा, जिसे नैफेड ने भेजा था. इस प्याज को मदर डेयरी (500 मीट्रिक टन), एनसीसीएफ (190 मीट्रिक टन) और नैफेड (150 मीट्रिक टन) को दिल्ली व एनसीआर में 35 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खुदरा बिक्री के लिए आवंटित किया गया है.

कीमतों में स्थिरता आने के बाद से दिल्ली में प्याज की यह चौथी खेप है. कंडा एक्सप्रैस से 1,600 मीट्रिक टन प्याज की पहली खेप 20 अक्तूबर, 2024 को पहुंची, 840 मीट्रिक टन की दूसरी खेप 30 अक्तूबर, 2024 को पहुंची और 730 मीट्रिक टन की तीसरी खेप 12 नवंबर, 2024 को पहुंची. 720 मीट्रिक टन की एक और खेप भी नासिक से रवाना हो चुकी है और 21 नवंबर तक इस के दिल्ली पहुंचने की संभावना है. यह इस श्रृंखला की 5वीं खेप है.

थोक मात्रा में प्याज की इस आवक से दिल्ली में मंडी और खुदरा दोनों जगहों पर प्याज की कीमतों पर काफी प्रभाव पड़ा. दिल्ली के अलावा चेन्नई और गुवाहाटी के लिए भी प्याज की बड़ी खेप भेजी गई.

23 अक्तूबर, 2024 को नासिक से रेल रेक के जरीए 840 मीट्रिक टन प्याज भेजा गया था, जो 26 अक्तूबर, 2024 को चेन्नई पहुंचा.

वहीं रेल रेक के जरीए 840 मीट्रिक टन प्याज की खेप 5 नवंबर, 2024 को गुवाहाटी के चांगसारी स्टेशन पर पहुंची, जिसे असम, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न जिलों में वितरित किया गया.

इस सप्ताह रेल रेक के जरीए असम के गुवाहाटी के लिए 840 मीट्रिक टन की एक और खेप भेजने की योजना है. गुवाहाटी के लिए थोक खेप भेजने से पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी और क्षेत्र में प्याज की कीमतें स्थिर होंगी.

इस के अलावा लखनऊ में अमौसी के लिए रेल रेक के जरीए 840 मीट्रिक टन की एक और खेप अगले 2-3 दिनों में आने की उम्मीद है.

सरकार ने त्योहारी सीजन और मंडियों के बंद होने के कारण पिछले 2-3 दिनों में कुछ बाजारों में प्याज की आपूर्ति में आई अस्थायी बाधा को दूर करने के लिए प्याज की आपूर्ति को बढ़ाने का निर्णय लिया है.

उपभोक्ता मामले विभाग, एनसीसीएफ और नैफेड के अधिकारियों की एक टीम ने देशभर में प्याज की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए हाल ही में नासिक का दौरा किया था.

नैफेड ने इस सप्ताह दिल्ली व एनसीआर के लिए 2 और रेक व गुवाहाटी के लिए एक रेक मंगवाया है. इसी तरह बाजारों में प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सड़क परिवहन के माध्यम से भी प्याज की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है. एनसीसीएफ द्वारा रेल और सड़क परिवहन दोनों के माध्यम से अधिक आपूर्ति से प्याज की उपलब्धता और बढ़ेगी. एनसीसीएफ ने आने वाले सप्ताह में एक और रेक मंगवाने की भी योजना बनाई है.

सरकार ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मूकश्मीर, दिल्ली आदि की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोनीपत के कोल्ड स्टोरेज में रखे प्याज को निकालने का भी निर्णय लिया है. साथ ही, कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम आदि में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आरजेवीएम, सीडब्ल्यूसी कोल्ड स्टोरेज नासिक से भी प्याज भेजने का निर्णय लिया है.

सरकार बाजार के घटनाक्रमों से भलीभांति परिचित है और प्याज की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी रख रही है.

सरकार ने इस साल मूल्य स्थिरीकरण बफर के लिए 4.7 लाख टन प्याज रबी सीजन में खरीदा था और 5 सितंबर, 2024 से 35 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खुदरा बिक्री के माध्यम से और देशभर की प्रमुख मंडियों में थोक बिक्री के माध्यम से जारी करना शुरू कर दिया था. अब तक बफर में 1.50 लाख टन से अधिक प्याज नासिक और अन्य स्रोत केंद्रों से उपभोग केंद्रों तक भेजा जा चुका है.

पीएसएफ के जरीए पहले से विभिन्न राज्यों में प्याज की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, चंडीगढ़, हरियाणा, गोवा जैसे अधिकांश राज्यों में औसत खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से कम रही हैं.

उत्पादन के संदर्भ में, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आकलन के अनुसार, इस वर्ष खरीफ की वास्तविक बोआई रकबा 3.82 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले वर्ष की बोआई रकबा 2.85 लाख हेक्टेयर से 34 फीसदी अधिक है. नवंबर के पहले सप्ताह तक 1.28 लाख हेक्टेयर में बोआई के साथ देर से खरीफ प्याज की बोआई की प्रगति भी सामान्य बताई गई है.

बाजारों में अधिक खरीफ प्याज की आवक के साथसाथ बफर स्टाक से प्याज निकालने में वृद्धि और देर से खरीफ की अच्छी बोआई प्रगति से उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

एडीएम की निगरानी में हुई धान खरीद

संत कबीर नगर: महेंद्र सिंह तंवर के निर्देश के क्रम में अपर जिलाधिकारी/जिला खरीद अधिकारी जयप्रकाश की अध्यक्षता में धान खरीद कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में हुआ. कार्यशाला में उन्होंने बताया कि जनपद में शासन द्वारा धान खरीद का लक्ष्य 40,000 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है.

खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 न्यूनतम समर्थन मूल्य (कामन 2300 रुपए प्रति क्विंटल एवं ग्रेड ए 2320 रुपए प्रति क्विंटल) निर्धारित किया गया है. जनपद में कुल 50 खरीद केंद्रों का अनुमोदन किया जा चुका है, जिस में से खाद्य विभाग के 32. पीसीएफ के 11, पीसीयू के 5, मंडी समिति के 1 एवं भाखानि के 1 खरीद केंद्र को अनुमोदित किया गया है, जिस से धान की खरीद शुरू होते ही किसानों का धान सुविधाजनक तरीके से खरीद केंद्रों पर खरीद हो सके.

अपर जिलाधिकारी द्वारा समस्त एजेंसियों के जिला प्रबंधक को निर्देशित किया गया कि केंद्रों पर धान खरीद से संबंधित सभी व्यवस्था पूरी कराते हुए अपने खरीद केंद्र प्रभारियों की उपस्थिति, (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) सुनिश्चित करें. प्रत्येक खरीद केंद्र पर अनिवार्य रूप से बांट माप विभाग से सत्यापित कांटे, नमी मापक यंत्र, कांटा, छलना और बोरों की उपलब्धता सुनिश्चित करें. गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी किसानों का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से किया जाना है. अतः समस्त खरीद केंद्र प्रभारी डीएससी बनवा लें, जिस से कि किसानों के भुगतान में कोई समस्या न हो.

जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि धान खरीद वर्ष 2024-25 में जनपद में धान विक्रय हेतु केवल 1,327 किसानों द्वारा खाद्य विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराया गया है. पिछले वर्ष कुल 18,300 किसानों द्वारा धान बेचा गया था.

अपर जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि अभियान चला कर पंजीकरण कराया जाए, इस काम में समस्त धान क्रय केंद्र प्रभारी और पर्यवेक्षकीय अधिकारी संपर्क करने वाले किसानों को औनलाइन पंजीकरण कराने हेतु प्रेरित और सहयोग करें. सभी धान क्रय केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि जिला पंचायत राज अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए ग्राम पंचायत में स्थित पंचायत भवन/सार्वजनिक स्थल जैसे साधन सहकारी समिति के भवन, कृषि विपणन केंद्र, बीज व खाद विक्रय केंद्र आदि पर समीपस्थ क्रय केंद्र का नाम व पता, क्रय केंद्र प्रभारी का नाम, मोबाइल नंबर, केंद्र के खुलने व बंद होने का समय, न्यूनतम समर्थन मूल्य, की वालपेटिंग अनिवार्य रूप से कराना सुनिश्चित कराएं.

उन्होंने कहा कि सभी धान क्रय केंद्र प्रभारी अपनेअपने केंद्रों पर बैनर समय से अवश्य प्रदर्शित करें और शासन द्वारा जारी क्रय नीति के प्रस्तर 13.9 के अनुसार, क्रय केंद्रों पर किसानों का धान ‘‘पहले आओ पहले पाओ’’ के आधार पर क्रय किया जाएगा, पर अगर किसी क्रय केंद्र पर उस की दैनिक खरीद क्षमता से अधिक किसान पहुंचते हैं, तो क्रय केंद्र पर किसानों की सुविधा के लिए औफलाइन टोकन की व्यवस्था की जाए, ताकि धान की आवक पर्याप्त होने की दशा में केंद्रों पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो.

उन्होंने मंडी के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मंडी में कैंप लगा कर खराब उपकरणों जैसे नमी मापक यंत्र, कांटा बांट इत्यादि को सही कराएं.

उन्होंने आगे कहा कि समस्त क्रय केंद्रों पर 2 कांटे रखे जाएं और किसानों की सुविधा के लिए व्यवस्था पूरी करा ली जाए. क्रय केंद्रवार लक्ष्य का निर्धारण कर लिया जाए और समस्त क्रय केंद्र प्रभारी अनिवार्य रूप से दैनिक लक्ष्य का विभाजन करते हुए खरीद का काम सुनिश्चित करेंगे. जिला प्रबंधक, पीसीएफ/पीसीयू को निर्देशित किया कि अपने प्रत्येक क्रय केंद्र पर बोरों की उपलब्धता कर के अवगत कराएं.

अपर जिलाधिकारी ने धान खरीद में शिकायत के त्वरित निस्तारण के लिए कंट्रोल रूम सक्रिय करने के लिए निर्देशित किया है, जो जिला स्तर पर फोन नंबर कार्यालय 05547-227665 एवं मोबाइल नंबर 9454417600 है. जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय स्तर पर शिकायत के त्वरित निस्तारण के लिए कंट्रोल रूम मोबाइल नंबर 7839565081 है.

इस अवसर पर उपजिलाधिकारी, सदर, शैलेश कुमार दूबे, उपजिलाधिकारी धनघटा रमेश चंद्र, उपजिलाधिकारी मेंहदावल उत्कर्ष श्रीवास्तव सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे.