Snacks : आलू की टिक्की को उत्तर भारत में सब से ज्यादा पसंद किया जाता है. इसे कई अलगअलग नाम और तरह से चाट के तौर पर तैयार भी किया जाता है. दिल्ली और आगरा में इसे ‘आलू भल्ला’ (Bhalle) के नाम से जाना जाता है. आगरा, दिल्ली के हर बाजार, चाट की दुकानों में देशी घी से तैयार भल्ले खाने को मिलते हैं. आगरा के आलू भल्ले को दूसरे शहरों में आलू की टिक्की कहते हैं.
उत्तर प्रदेश में आगरा पर्यटकों के लिए सब से ज्यादा घूमने वाला शहर समझा जाता है. यहां आने वाला हर पर्यटक शाम को भल्ले जरूर खाना पसंद करता है. भल्ले भले ही आलू की टिक्की के रूप में दूसरे शहरों में मिलते हों, पर ‘आगरा के भल्ले’ अलग ही स्वाद देते हैं. कुछ चाट दुकानदार भल्ले के साथ काबुली चने और चटनी का इस्तेमाल भी करते हैं.
आगरा में शाम के समय हर सड़क पर ऐसी चाट की दुकानें मिल जाती हैं. सदर बाजार, आगरा में चाट की दुकानों पर भल्ले खाने वालों की लाइन लगी होती है. इस के अलावा फतेहाबाद रोड और ताजमहल के आसपास सड़कों पर स्ट्रीट फूड के रूप में भल्ले सभी जगह मिलते हैं. बड़े होटल और रैस्टोरैंट में भी भल्ले खाने को मिलते हैं. चटपटी चाट के रूप में भल्ले की दुकान लगाना रोजगार का बड़ा साधन हो गया है. यहां दुकान चलाने वाले लोग बताते हैं कि वैसे तो भल्ले आलू टिक्की की ही तरह होते हैं, पर आगरा में इन का स्वाद और भी ज्यादा टेस्टी हो जाता है. इस की वजह पश्चिम उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाले आलू को माना जाता है. इस का स्वाद बाकी देश से अलग होता है.
आगरा की रहने वाली अर्चना श्रीवास्तव कहती हैं, ‘‘आगरा घूमने वाले पर्यटक ताजमहल देखने के साथ यहां के भल्ले जरूर खाना पसंद करते हैं. इस का स्वाद खाने वालों को बहुत भाता है. यही वजह है कि भल्ले की दुकानें आप को हर जगह मिल जाती हैं. आलू किसानों को भी आज एक नई पहचान मिल रही है. पश्चिम उत्तर प्रदेश का यह इलाका आलू की खेती के साथ देशी घी के लिए काफी जाना जाता है. देशी घी में तले हुए भल्ले का स्वाद बहुत अच्छा लगता है.’’
आवश्यक सामग्री: आलू 300 ग्राम उबले छिले हुए, हरी मटर के दाने 1 कप दरदरे पिसे हुए, तेल टिक्की सेंकने के लिए, गरम मसाला छोटी चम्मच, नमक स्वादानुसार, अमचूर पाउडर छोटी चम्मच, लाल मिर्च पाउडर छोटी चम्मच, धनिया पाउडर आधा छोटी चम्मच, अरारोट 2 चम्मच, दही, हरी चटनी, मीठी चटनी, चाट मसाला.
बनाने की विधि: आलू को कद्दूकस कर लें. इस में 2 छोटी चम्मच अरारोट डाल कर अच्छी तरह से मिलाते हुए एकदम गुंथे आटे जैसा तैयार कर लें. आलू के साथ मिक्स करने के लिए मटर में गरम मसाला, स्वादानुसार नमक, अमचूर, लाल मिर्च पाउडर और धनिया पाउडर डाल कर सारी चीजों को अच्छी तरह से मिला लीजिए. जितना बड़े भल्ले बनाना है, उतना बड़े गुंथे आलू से निकाल कर गोले बना लीजिए. इसी पिसी मटर को भी तैयार कर लीजिए. एक गोला उठाइए और इस के बीच में जगह बना कर एक भाग मटर इस में भर दीजिए. चारों तरफ से आलू ले कर मटर को बंद कर दीजिए.
तवा गरम कर के उस पर एक टेबल स्पून तेल डाल कर चारों ओर फैला दीजिए. एकएक कर के तवे पर जितनी टिक्की आ जाए, सिंकने के लिए लगा कर रख दीजिए. धीमी आग पर आलू टिक्की सेंकिए. टिक्कियों को उलटपलट कर दोनों ओर से ब्राउन होने तक सेंकें. टिक्कियां सिंकने के बाद और कुरकुरा करने के लिए इन्हें तवे के किनारे लगा कर रख दीजिए. बाकी टिक्कियां भी इसी तरह सेंक लें. लीजिए, आलू भल्ले तैयार हैं.
आलू भल्ले को खाने के लिए देने से पहले टिक्की को तवे पर बीच में ला कर दबा कर और कुरकुरा कर लीजिए. एक या 2 टिक्की प्लेट में निकाल कर रखिए. टिक्की के ऊपर दही, हरी चटनी, मीठी चटनी डालिए और ऊपर से चाट मसाला भी डालिए. गरमागरम आलू भल्ला परोसिए. कई जगहों पर इसे हरेभरे पत्तों से बने दोने में दिया जाता है, तो कई जगह पर मिट्टी के कुल्हड़ में भल्ले खाने को दिए जाते हैं. प्रयोग के तौर पर इस में ऊपर से महीन सेव भी डाल दी जाती है.