Improved Seeds : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कुशमौर, मऊ में 15 से 19 सितंबर, 2025 तक चले 5 दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह 19 सितंबर, 2025 को आयोजित किया गया. निदेशक डा. ए. आनंदन के मार्गदर्शन में चला यह कार्यक्रम कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (ATMA), समस्तीपुर, बिहार द्वारा प्रायोजित था.

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. अंजनी कुमार सिंह ने किसानों को खरीफ फसलों में बीजों की पंक्तिबद्ध रोपाई, अवांछनीय पौधों को निकाल कर तथा बीज उत्पादन में बीमारियों और कीटों को रोक कर गुणवत्तायुक्त बीज (Improved Seeds) उत्पादन के लिए प्रेरित किया. इन कार्यक्रमों के द्वारा किसानों और वैज्ञानिकों के बीच वैज्ञानिक विचारों और खेती के अनुभवों का आदानप्रदान संभव हो पाता है.

संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. वेद प्रकाश राय ने किसानों को धान व अन्य फसलों की देशी प्रजातियों के संरक्षण और रखरखाव के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने बताया कि इन देशी प्रजातियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है जिस से भविष्य में पादप प्रजनन में नई प्रजातियों के विकास में सहायता प्राप्त होगी और जैव विविधता बनी रहेगी.

राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो के प्रधान वैज्ञानिक डा. हर्षवर्धन सिंह ने महत्त्वपूर्ण खरीफ फसलों में रोग प्रबंधन तकनीकों पर कृषकों के साथ चर्चा की. किसानों ने कृषि विज्ञान केंद्र, मऊ में एकीकृत कृषि पद्धति द्वारा गुणवत्ता बीज उत्पादन के बारे में जानकारी प्राप्त की.

कार्यक्रम के समापन समारोह में किसानों से प्रशिक्षण के विषय में प्रतिक्रिया ली गई. कार्यक्रम के सह समन्वयक वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. वेद प्रकाश राय एवं डा. कल्याणी कुमारी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दिया.

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