“हर्बल ऐस्टेट” कोंडागांव बना देश की किसान राजनीति का केंद्र

कोंडागांव, बस्तर : किसान नेता राकेश टिकैत राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाकियू, प्रवीण श्योकंद, प्रदेश प्रभारी, भाकियू, छत्तीसगढ़, कृष्णा नरवाल, प्रदीप पांडेय आदि प्रदेश व देश के लगभग एक दर्जन वरिष्ठ किसान नेता छत्तीसगढ़ के कोंडागांव पहुंचे. डा. राजाराम त्रिपाठी के निवास ‘हर्बल ऐस्टेट’ एवं “मां दंतेश्वरी हर्बल” परिसर के “बईठका कक्ष” में आयोजित प्रैस कांफ्रेंस को राकेश टिकैत और अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डा. राजाराम त्रिपाठी के द्वारा संयुक्त रूप से संबोधित किया गया.

पहला अंतर्राष्ट्रीय सर्टिफाइड और्गेनिक फार्म

राकेश टिकैत ने कहा कि देश का पहला अंतर्राष्ट्रीय सर्टिफाइड और्गेनिक फार्म वर्ष 1996 से छत्तीसगढ़ में है, और यहां जैविक खेती की अपार संभावनाएं हैं. देशविदेश से लोग यहां के हर्बल फार्म को देखने आते हैं और कुछ नया सीख कर जाते हैं. संस्था द्वारा लोगों को समयसमय पर ट्रेनिंग भी दी जाती है, मुफ्त में औषधीय पौधे दिए जाते हैं, जिन्हें लगा कर लोग अपनी आमदनी का जरीया बना सकें. ऐसे कामों को जोड़ कर देखा जाए, तो यहां ‘और्गेनिक बोर्ड’ बनाया जाना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि डा. राजाराम त्रिपाठी के नवाचारों और विशेषज्ञताओं से प्रेरणा ले कर भूटान जैसे देशों ने अपनेआप को संपूर्ण जैविक देश घोषित कर दिया और अन्य कई प्रदेशों व देशों के प्रगतिशील किसान यहां से सीख कर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, परंतु प्रदेश एवं केंद्र सरकारें किसानों के व्यापक हित में डा. राजाराम त्रिपाठी के अनुभवों और नवाचारों का समुचित लाभ नहीं उठा रही हैं. यह बड़ी ही हैरानी की बात है.

राकेश टिकैत ने बस्तर में हर्बल एवं विलेज टूरिज्म को बढ़ावा देने की सलाह देते हुए हिमाचल प्रदेश का भी उदाहरण दिया.

डा. राजाराम त्रिपाठी द्वारा हैलीकौप्टर खरीदने के सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि पहली बात तो यह कि हम सभी किसानों को गर्व है कि हमारे देश का किसान अपना हैलीकौप्टर खुद उड़ाने जा रहा है. वहीं दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि हैलीकौप्टर द्वारा बस्तर के जलते हुए जंगल और खेतों की बीमारी पर संपूर्ण नियंत्रण की डा. राजाराम त्रिपाठी की अनूठी योजना के लिए वो उन्हें बधाई देते हैं, और सरकार से मांग करते हैं कि सरकार डा. राजाराम त्रिपाठी के हैलीकौप्टर योजना को तत्काल सब्सिडाइज किया जाए.

राकेश टिकैट ने यह भी कहा कि हर किसान के खेत तक पानी पहुंचाना सरकार का सब से जरूरी काम है, प्रदेश सरकार इसे तेलंगाना से सीख सकती है. बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों के जनजातीय समुदायों की समस्याओं पर भी तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.

“एमएसपी गारंटी नहीं तो वोट नहीं”

डा. राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि आगामी चुनावों में न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी हेतु सक्षम कानून लाने का मुद्दा सब से प्रमुख मुद्दा है. इस मुद्दे पर लगभग ढाई सौ किसान संगठनों ने मिल कर “एमएसपी गारंटी मोरचा” बनाया हुआ है. इस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह हैं. डा. राजाराम त्रिपाठी, जो कि इस मोरचे के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं, ने कहा कि एक “सक्षम एमएसपी गारंटी कानून” लाने के मुद्दे पर देश के सारे किसान संगठन और किसान एकमत हैं.

MSPअखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के 45 साथी किसान संगठन भी एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर एकसाथ कटिबद्ध हैं. “एमएसपी गारंटी नहीं तो वोट नहीं” और “माल हमारा, भाव तुम्हारा, अब नहीं चलेगा किनारे” के नारे अब गांवों की गलियों में गूंज रहे हैं.

इस संदर्भ में राकेश टिकैत ने कहा कि तराजू भी तुम्हारा और भाव भी तुम्हारा यह अब आगे नहीं चल पाएगा. सरकार मुगालते में न रहे कि किसान संगठनों को तोड़ कर अपनी मनमानी कर पाएगी.

राकेश टिकैत ने एनजीटी के 10 साल के बाद डीजल के ट्रैक्टर और वाहनों को कबाड़ घोषित करने की नीति को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि यह नीति अव्यावहारिक है और केवल आटोमोबाइल के बड़े व्यापारियों को फायदा दिलाने के लिए इसे लाया गया है.

इस अवसर पर स्थानीय मीडिया के साथियों के साथ के अलावा मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के किसान साथियों की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण रही.