Awards: मिट्टी से सुपरफूड्स तक अनंत पोद्दार (Anant Poddar) की कहानी

दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकौम औनर्स की डिगरी और सीमेंस में बिजनैस कंट्रोलर के रूप में अनुभव के साथ अनंत पोद्दार ने गुरुग्राम, गोवा, मुंबई और बैंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में अपना कैरियर बनाया, लेकिन कारपोरेट जीवन में सफल होते हुए भी उन के मन में कृषि क्षेत्र में कुछ अलग करने की चाहत थी. इस चाहत को पूरा करने के लिए अनंत पोद्दार ने उच्च तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ दी और खुद को आधुनिक कृषि क्षेत्र में उतार दिया.

 

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हाइड्रोपोनिक्स खेती से की शुरुआत

अनंत पोद्दार ने बैंगलुरु में हाइड्रोपोनिक्स के क्षेत्र में फार्म मैनेजर के रूप में काम किया और अनुभव हासिल करने के बाद अपने गृहनगर खुर्जा में साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान हाइड्रोपोनिक्स खेती के जरीए पोद्दार फार्म्स की स्थापना की. बुलंदशहर जिले में स्थित खुर्जा शहर शिल्पकला और चीनी मिट्टी की क्रोकरी के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन अनंत पोद्दार का फोकस मिट्टी के बरतनों पर नहीं, बल्कि मिट्टी से जुड़े उन खाद्य उत्पादों पर था, जो सेहत के लिए लाभकारी हों.

किए अनेक नवाचार

अग्रवाल मारवाड़ी व्यापारी परिवार से आने वाले अनंत पोद्दार ने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की थी, जहां हमारा भोजन शुद्ध, सेहतमंद और हानिकारक रसायनों से मुक्त हो. चाहे वे ताजा रसायनमुक्त सब्जियां हों, विदेशी जड़ीबूटियां हों, लकड़ी घानी से निकला हुआ तेल हो, पौष्टिक स्नैक्स हो, प्राकृतिक शहद हो या मल्टीग्रेन आटा. अनंत पोद्दार ने इन सभी क्षेत्रों में नवाचार किया और सफल भी रहे. इन्हीं खूबियों के चलते अनंत पोद्दार को दिल्ली प्रैस की पत्रिका ‘फार्म एन फूड’ द्वारा ‘राज्य स्तरीय बेस्ट फार्मर अवार्ड इन मार्केटिंग’ से सम्मानित किया गया.

अनंत पोद्दार (Anant Poddar)

उत्कृष्टता के लिए सम्मानित

कृषि क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पोद्दार फार्म्स को व्यापक रूप से सराहा गया है विशेष रूप से उन्हें “फार्म एन फूड कृषि अवार्ड्स 2024” में “बेस्ट फार्मर अवार्ड इन मार्केटिंग” का पुरस्कार मिला, जिस में उन की प्रसंस्करण, पैकेजिंग और ब्रांडिंग में नवाचारी रणनीतियों को सम्मानित किया गया.

इस वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज्यपाल भवन, लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय फल, सब्जी और पुष्प प्रदर्शनी में पोद्दार फार्म्स को सम्मानित किया. इस के अतिरिक्त अनंत पोद्दार को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री और उद्यान विभाग द्वारा बागबानी, खाद्य प्रसंस्करण और वैज्ञानिक खेती की तकनीकों के प्रति किसानों को शिक्षित करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है.

अनंत पोद्दार के पोद्दार फार्म्स ने उत्तर प्रदेश राज्य उद्यान विभाग का प्रतिनिधित्व करते हुए वर्ल्ड फूड इंडिया और उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले जैसे प्रमुख राष्ट्रीय आयोजनों में भी हिस्सा लिया है, जहां उन्होंने नवाचार और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की.

परंपरा और नवाचार का संगम: लकड़ी घानी तेल और जैविक हलदी

भारतीय आहार के आवश्यक तत्व, जैसे तेल और मसाले में भी सुधार की आवश्यकता है. कोई भी भारतीय भोजन इन के बिना अधूरा है. स्वास्थ्य और परंपरा के बीच संतुलन स्थापित करते हुए उन्होंने पारंपरिक लकड़ी घानी को पुनर्जीवित किया और दोगुनी पोषण क्षमता वाले लकड़ी घानी तेल का उत्पादन शुरू किया.

यह तेल न केवल पुरानी भारतीय संस्कृति को बताते हैं, बल्कि उपभोक्ताओं को सेहतमंद उत्पाद भी देते हैं. बाजार में हलदी में मिलावट की व्यापकता को देखते हुए पोद्दार फार्म्स ने नवाचार करने का निर्णय लिया. उन्होंने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के साथ मिल कर ‘केसरी’ नामक जैविक हलदी की खेती की. बाजार में लगभग एक साल के भीतर ‘केसरी’ अपनी शुद्धता और गुणवत्ता के कारण हलदीप्रेमियों की पसंदीदा हलदी बन चुकी है.