Trolley : कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भी भागीदारी अहम है. पशुपालन में भी महिलाओं की तकरीबन 70 फीसदी भागीदारी है. महिलाओं द्वारा पशुओं के लिए चारा काटना और उसे लाना, दूध दुहना, गोबर डालना व उस के उपले बनाना और पशुओं की देखरेख करना ये सभी काम शामिल हैं.

ये सभी काम मेहनत वाले हैं जिन से थकावट होती है इसलिए अब कृषि में अनेक प्रयोग होने लगे हैं जो खेती से जुड़े कामों को आसान बना रहे हैं.

इसी दिशा में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के ‘पारिवारिक संसाधन प्रबंधन विभाग’ द्वारा एक बहुद्देशीय ट्रौली को बनाया गया है जिस पर सामान लादना व ढोना आसान है. इस ट्रौली से किसी भी सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है जैसे गोबर, ईंधन, पानी वगैरह. इस ट्रौली को हाथों से धक्का दे कर चलाया जाता है. बोझ को सिर पर उठा कर नहीं चलना पड़ता इसलिए इस ट्रौली के इस्तेमाल में आराम रहता है.

यह ट्रौली खेतिहर महिलाओं के लिए काफी आरामदायक है. इस ट्रौली को लोहे की चादर और पाइपों से बनाया गया है जिस में तकरीबन 17-18 किलो वजन होता है. इस की अनुमानित कीमत 2,000 रुपए है.

आप इसे स्थानीय बाजार से भी ले सकते हैं या हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के ‘पारिवारिक संस्थान प्रबंधन विभाग’ से संपर्क कर सकते हैं.

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