नई दिल्ली: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) और कौमन सर्विसेज सैंटर (सीएससी) ईगवर्नेंस सर्विस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया. डा. यूएस गौतम, उपमहानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप और सुबोध मिश्रा, वाइस प्रैसिडेंट, सीएससी-एसपीवी ने इस एएमयू पर हस्ताक्षर किए.

डा. यूएस गौतम ने कहा कि सीएससी सैंटर के माध्यम से जिला स्तर पर केवीके से प्राप्त सूचना को पंचायत स्तर तक किसानों को पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि सीएससी के 5 लाख से ज्यादा सर्विस सैंटर हैं, जिस के माध्यम से टैली पशु चिकित्सा जैसे प्रोग्राम के साथसाथ प्लांट प्रोटैक्शन, हौर्टिकल्चर और होम साइंस एवं मेकैनाइजेशन जैसे क्षेत्र में टैलीकम्यूनिकेशन प्रोग्राम शुरू करने का परिषद का लक्ष्य है, जिस से ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ हमारा संपर्क बने.

उपमहानिदेशक डा. यूएस गौतम ने कहा कि इस एमओयू के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोग तकनीकी फायदा ले सकेंगे और इस का कृषि में उपयोग कर अपनी आय को बढ़ा सकेंगे. सीएसी सैंटर के माध्यम से कृषि से संबंधित सूचना, जैसे, खेत में कब पानी डालना है, कौन से खेत में कीटनाशक का कब छिड़काव करना है, ये सभी सूचना उचित समय पर किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा, जिस से कृषि क्षेत्र में क्रांति लाई जा सके.

उपमहानिदेशक डा. यूएस गौतम ने आगे यह भी बताया कि अभी 5 लाख सीएससी सैंटर हैं. यदि प्रत्येक केंद्र से सौ लोगों को भी जोड़ा जाए, तो एक बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी. भाकृअनुप का प्लान है कि देश के 11 करोड़ किसानों को केवीके से, किसान सारथी से और सीएससी से जोड़ा जाए, जिस से केवीके और आत्मा के काम को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सके.

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