आज भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि स्टार्टअप्स की महत्वपूर्ण भूमिका है. मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ई ट्रैक्टर, कचरे की रीसाइक्लिंग, ड्रिप सिंचाई, आम और कमल जैसी जीनोम अनुक्रमित खेती सहित विशिष्ट प्रौद्योगिकियों पर फोकस करते हुए कृषि क्षेत्र में बड़ी संख्या में नए स्टार्टअप प्रवेश कर रहे हैं.

डा. जितेंद्र सिंह ने कहा, "यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिस में भारत ने अपेक्षित गति नहीं पकड़ी है."

उन्होंने यह भी कहा, "यह एक विशाल अज्ञात संसाधन है, जो केवल भारत के लिए विशिष्ट है. जो देश आईटी को बढ़ावा दे रहे थे, वे अपने दृष्टिकोण से बढ़ावा दे रहे हैं, क्योंकि उन के पास संपत्ति है; उनके पास वह कृषि संपत्ति नहीं है, जो हमारे पास है. इसलिए हमें उन की नकल करने की आवश्यकता नहीं है. अगर मेरे पास भरपूर कृषि संसाधन हैं तो मैं इस का उपयोग क्यों न करूं. इसलिए यह मार्ग अगले 25 वर्षों में भारत की भविष्य की अर्थव्यवस्था में एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक होगा.

डा. जितेंद्र सिंह ने सरकार द्वारा संचालित वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में आयोजित अनुसंधान एवं विकास की सफलता के लिए 5 एस – शोकेसिंग, स्टेकहोल्डर, स्टार्टअप, सिनर्जिंग और स्ट्रेटेजाइजिंग इंडस्ट्री लिंकेज (प्रदर्शन, हितधारक, स्टार्टअप, सिनर्जिंग और उद्योग लिंकेज की रणनीति) का मंत्र दिया.

E-Tractorउन्होंने आगे यह भी कहा, “जब तक हम इन सभी 5 घटकों को शामिल करने में सक्षम नहीं होंगे, हम अधिकतम परिणाम प्राप्त करने में सक्षम नहीं होंगे.”

उन्होंने एकीकृत दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए संबंधित मंत्रालयों सहित सभी हितधारकों के साथ इंटरेक्शन की बात की. इस में सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और उद्योग के बीच व्यापक संबंध शामिल हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक अलग प्रकोष्ठ बनाने का प्रस्ताव किया.

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