चेन्नई : 19 जुलाई, 2023. भाकृअनुप-केंद्रीय खारा जल जीवपालन संस्थान (सीबा), चेन्नई ने लघु कृषि आधारित चारा मिल स्थापित करने के लिए महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक उद्यमी राजू भोगिल के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की. जलीय कृषि का विविधीकरण सामान्य रूप से भारत में और विशेष रूप से महाराष्ट्र में काफी गति पकड़ रहा है. महाराष्ट्र में अंतर्देशीय और खारे पानी में फिन फिश की विभिन्न प्रजातियों को पालने का प्रयास किया जा रहा है. जलीय कृषि के बड़े पैमाने पर प्रसार के लिए प्रमुख बाधा, लागत प्रभावी और गुणवत्ता वाले फीड की उपलब्धता है, क्योंकि तैयार फीड पूरी तरह से पूर्वी तट से ले जाया जाता है. देश में जलीय कृषि को बढ़ावा देने के प्रयास में सीबा ने विभिन्न प्रजातियों के लिए स्वदेशी रूप से विकसित तैयार फीड के उत्पादन के लिए राज्य सरकार/निजी उद्यमियों के साथ समझौता ज्ञापनों की एक श्रृंखला में प्रवेश किया है. इस संदर्भ में वर्तमान पहल भाकृअनुप-सीबा, मुख्यालय, चेन्नई में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर के उस राज्य में खेती की गई प्रजातियों के लिए उपयोग किए जाने वाले स्वदेशी तैयार किए गए. कार्यात्मक और ग्रोआउट फीड को संसाधित करने के लिए एक फार्म आधारित लघुस्तरीय फीड मिल स्थापित करना है.

Fish Food
Fish Food

 

 

 

 

 

डा. केके लाल, निदेशक, भाकृअनुप-सीबा ने उत्पादन की लागत के साथसाथ फीड की गुणवत्ता के बारे में जानकारी दी. इस के अलावा उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कृषि आधारित फीड मिल पहल महाराष्ट्र राज्य में अपनी तरह की पहली पहल है और इस क्षेत्र में जलजीव पालने वाले किसानों के लिए एक वरदान होगी.स्टार्टअप उद्यमी भोगिल ने कहा कि राज्य में जलीय कृषि में उपयोग के लिए गुणवत्तापूर्ण फीड की काफी मांग है और इस पहल से छोटे और मध्यम किसानों को मदद मिलेगी.

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