दुनिया की सब से बड़ी जंगल सफारी

चंडीगढ़: हरियाणा में वाटर स्पोट्र्स गतिविधियों के साथसाथ अब पर्यटक हौट एयर बैलून सफारी का भी मजा उठा सकेंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले दिनों गेट वे औफ हिमाचल कहे जाने वाले पिंजौर में हौट एयर बैलून सफारी का शुभारंभ किया गया. उन्होंने स्वयं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और स्कूल शिक्षा और विरासत एवं पर्यटन मंत्री कंवर पाल के साथ सब से पहले हौट एयर बैलून सफारी की सवारी की.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहली सफारी का अनुभव बेहद अच्छा रहा और सुरक्षा की दृष्टि से भी यह काफी सुरक्षित है. हौट एयर बैलून संचालित करने वाली कंपनी ने सुरक्षा सर्टिफिकेट प्राप्त किए हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हौट एयर बैलून सफारी की शुरुआत होने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.

Safariउन्होंने कहा कि हरियाणा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार लगातार पर्यटन गतिविधियां बढ़ा रही है. उन्होंने बताया कि इस हौट एयर बैलून सफारी की व्यावहारिकता को देखते हुए राज्य सरकार कंपनी को 2 साल के लिए वीजीएफ के तौर पर 72 लाख रुपए देगी. कंपनी की ओर से इस का रेट 13,000 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति राइड निर्धारित किया गया है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह भी कहा कि हरियाणा अब वाटर स्पोट्र्स और साहसिक खेल गतिविधियों की ओर अग्रसर हो रहा है. सरकार द्वारा मोरनी हिल्स के पास टिक्करताल क्षेत्र में भी पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोट्र्स एक्टिविटी, जेट स्कूटर, पैरा सेल्लिंग और ट्रेकिंग जैसे एडवेंचर खेलों की शुरुआत की गई है. इस के अलावा ट्रैक, माउंटेन बाइकिंग ट्रैक और कई अन्य गतिविधियों की भी पहचान की गई है. साथ ही, मोरनी हिल्स में इकोटूरिज्म को बढ़ाने के लिए वन विभाग को भी जोड़ा गया है.

अरावली क्षेत्र को भी पर्यटन की दृष्टि से किया जा रहा विकसित

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आगे कहा कि राज्य सरकार शिवालिक पर्वत क्षेत्र के साथसाथ अरावली क्षेत्र को भी पर्यटन के रूप में विकसित कर रही है. हरियाणा में विश्व के पर्यटकों को अपनी ओर लुभाने के लिए बड़े पैमाने पर रोडमैप तैयार किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा अरावली पर्वत श्रृंखला में पड़ने वाले गुरुग्राम व नूंह जिलों की 10,000 एकड़ भूमि पर दुनिया का सब से बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित किया जा रहा है. इस से अरावली पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर गुरुग्राम व नूंह क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

Safariअग्रोहा में भी मिली खुदाई की अनुमति, राखीगढ़ी की तर्ज पर अग्रोहा को किया जाएगा विकसित
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आगे बताया कि ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राखीगढ़ी में भी म्यूजियम बनाया जा रहा है. साथ ही, अब राखीगढ़ी की तर्ज पर अग्रोहा में भी खुदाई की अनुमति मिल चुकी है. इस से इस क्षेत्र में पुरातात्विक विरासत को पहचान मिलेगी. इस के अलावा ढोसी के पहाड़ को भी तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां पर रोपवे की शुरुआत की गई है. यहां पर चवन ऋषि जैसे महान तपस्वी हुए हैं, इसलिए इस की अपनी आध्यात्मिक पहचान भी है. इस के अलावा यहां एयरो स्पोट्र्स को बढ़ावा देने के लिए भी पैराग्लाइडिंग की संभावनाओं का अध्ययन किया जा रहा है.

इस अवसर पर एडीजीपी सीआईडी आलोक मित्तल, पंचकूला के उपायुक्त सुशील सारवान, डीसीपी सुमेर प्रताप सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त वर्षा खंगवाल, पूर्व विधायक लतिका शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

हरियाणा में सब से ज्यादा गन्ने का दाम

चंडीगढ़: हरियाणा के सहकारिता एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डा. बनवारी लाल ने करनाल शुगर मिल मशीन में गन्ने डाल कर 48वें पिराई सीजन की शुरुआत करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार किसान का एकएक गन्ना खरीदेगी और समय से पेमेंट भी देगी.

सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि सरकार ने 14 रुपए प्रति क्ंिवटल गन्ने का दाम बढ़ा कर 386 रुपए देने का काम किया है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है. इस के अलावा अगले साल के पिराई सीजन के लिए गन्ने के दाम 400 रुपए प्रति क्विंटल करने की पहले ही घोषणा कर दी है.

घाटे से निकले सहकारी चीनी मिलें

सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि शुगर मिलों को घाटे से निकाला जाए, इसलिए उन्होंने मिलों की क्षमता बढ़ाने का काम किया है. पुराने शुगर मिलों में मरम्मत का काम ज्यादा होता था, ऐसे में किसानों को उत्तर प्रदेश में गन्ना ले कर जाना पड़ता था, लेकिन मुख्यमंत्री ने मिलों की क्षमता बढ़ाई. आज हमारे किसानों का गन्ना दूसरे प्रदेश में नहीं जाता.

उन्होंने आगे कहा कि शुगर मिलों में चीनी के साथसाथ इथेनाल प्लांट व बायोगैस प्लांट भी शुरू किए गए हैं. आज जो भी सुधार हो रहे हैं, इस से किसान को फायदा होता है.

Sugarcaneसहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि सहकारी समितियों में काफी सुधार किए गए हैं. पैक्स के कंप्यूटराइज्ड होने से लोगों को लाभ मिलेगा. सहकार से समृद्धि संदेश से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और बेरोजगारी दूर होगी. इस चीनी मिल में 55 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई के साथ 10 फीसदी चीनी रिकवरी का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने पिराई सत्र में सब से पहले गन्ना लाने वाले इन किसानों को सम्मानित किया.

घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण ने करनाल शुगर मिल के नवीनीकरण पर मुख्यमंत्री का आभार जताया. उन्होंने किसानों को पिराई सीजन के दौरान किसी तरह की परेशानी व दिक्कत का सामना न करना पड़े, इस के लिए अच्छी प्लानिंग से गन्ना लाया जाए. एमडी हितेंद्र कुमार, जीएम रोडवेज कुलदीप सिंह भी मौके पर उपस्थित रहे.

सेहत के लिए फायदेमंद है मोटा अनाज

चंडीगढ़: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ‘मोटे अनाज का उपयोग स्वस्थ मानव जीवन व सुरक्षित पर्यावरण’ विषय पर तीनदिवसीय राष्ट्रीय सैमिनार आयोजित किया गया, जिस में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शिरकत की.

उन्होंने भोजन में मोटे अनाज के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि मोटा अनाज सेहत के लिए अत्यंत फायदेमंद है, इसलिए इसे अपने दैनिक भोजन में जरूर शामिल करें.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा सरकार मोटा अनाज विशेषकर बाजरा की पैदावार बढ़ाने पर जोर दे रही है और इस दिशा में किसान को समृद्ध करने के लिए बाजरे को भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया गया है. प्रदेश में बाजरे की खेती को बढ़ावा देने के लिए पहले कदम के रूप में, इस वर्ष भिवानी जिला में एक पोषक-अनाज अनुसंधान केंद्र बनाया जा रहा है.

Milletsउन्होंने बताया कि मोटे अनाज का प्रयोग कई तरह की बीमारियों, जिन में शुगर, ब्लडप्रेशर, हार्ट, किडनी, कैंसर आदि शामिल हैं, से बचाव हो सकता है. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि जब तक भोजन में अनाज नहीं बदलेंगे, तो देश का स्वास्थ्य नहीं बदल सकता है, इसलिए मोटे अनाज का प्रयोग हमें बड़े पैमाने पर करना होगा.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आगे कहा कि मोटे अनाज को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और संयुक्त राष्ट्र ने भी भारत के आग्रह पर मोटे अनाज को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष‘ के रूप में घोषित किया है. मोटे अनाज को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के इस अभियान में केंद्र सरकार की ओर से इसी वर्ष इसे प्रोत्साहित करने का फैसला किया गया है और केंद्र ने एक नई योजना ‘श्रीधान्य‘ की शुरुआत की है.

समकलित खेती पर पांचदिवसीय प्रशिक्षण

अविकानगर (राजस्थान): भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, तहसील मालपुरा, जिला टोंक (राजस्थान) के दक्षिण क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, माननावनूर जिला- कोडईकनाल राज्य-तमिलनाडु  द्वारा राज्य के पहाड़ी जिलों के एससी तबके के किसानों को अनुसूचित जाति उपयोजना के माध्यम से किसानवैज्ञानिक संवाद द्वारा समकलित खेती पर पांचदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

वैज्ञानिक संवाद एवं स्थापना दिवस के कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर, प्रशासनिक अधिकारी भीम सिंह, माननावनूर सैंटर के प्रभारी डा. पी थिरूमुरुगान, वैज्ञानिक डा. एस. जगवीरा पांडेयन एवं केंद्र के समस्त कर्मचारियों द्वारा कार्यक्रम में हिस्सा लिया गया.

कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर एवं अन्य अतिथि का केंद्र द्वारा दक्षिण परंपरा से स्वागतसत्कार किया गया.

Farmingकार्यक्रम को संबोधन करते हुए निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर ने सभी को समेकित खेती की ओर जाने का निवेदन करते हुए कहा कि इस से सालभर परिवार की आजीविका बनी रहेगी.

उन्होंने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि आप भेड़, खरगोश, गाय आदि पशुओं के पालन के साथ ही सब्जी, फल और मसाले का और्गैनिक तरीके से उत्पादन कर के अच्छी आमदनी ले सकते हैं.

डा. अरुण कुमार तोमर ने आगे कहा कि आप उत्तरी भारत के हिमाचल प्रदेश के किसानों की बागबानी, सब्जी और टूरिस्ट आधारित पारिवारिक आजीविका से सीख कर कुछ अपने फार्मिंग सिस्टम को ऐसी दिशा देने की जरूरत है.

इस अवसर पर तमिलनाडु राज्य के किसानों के खरगोश मांस संगठन के साथ एमओयू किया गया, जिस से अविकानगर संस्थान की खरगोशपालन उन्नत तकनीकी को राज्य के पहाड़ी क्षेत्र के सभी तबके के लोगों तक पहुंचाया जाएगा.

केंद्र के कार्यालय प्रभारी डा. पी. थिरूमुरुगान ने बताया कि अनुसूचित जाति के  तबके के किसानों को तमिलनाडु राज्य की कृषि और पशुपालन संस्थान के साथ उन्नत खेती और पशुपालन पर भ्रमण और लेक्चर्स करवाया जाएगा.

’ग्रीन कान्हा रन का आयोजन’

उदयपुर: 19, नवंबर, 2023. जलवायु परिवर्तन के चलते दिनोंदिन आबोहवा में अनेक बदलाव आ रहे हैं, जिन के प्रति सजग रहना जरूरी है. इसी कड़ी में पर्यावरण की सुरक्षा और वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हार्टफुलनेस संस्थान की ओर से ग्रैन्यूल्स ग्रीन कान्हा रन का आयोजन पिछले दिनों फतेह सागर में आयोजित किया गया. इस रन का आयोजन कान्हा शांति वनम के साथ ही विश्व के अनेक देशों में आयोजित किया गया था.

उदयपुर केंद्र समन्वयक डा. राकेश दशोरा ने बताया कि सुबह 7.30 बजे फतेह सागर की पाल पर देवली छोर से 2 किलोमीटर की दौड़ का आयोजन किया गया.

ग्रैन्यूल्स ग्रीन कान्हा रन के यूथ समन्वयक दीपक मेनारिया ने बताया कि इस दौड़ में डा. राजेश भारद्वाज, एडिशनाल एसपी (विजिलेंस), उदयपुर, सलोनी खेमका सीईओ, नगरनिगम उदयपुर, पुनीत शर्मा, डायरेक्टर, प्लानिंग उदयपुर, डा. एचपी गुप्ता, शल्य चिकित्सक, डा. उमा ओझा, सेवानिवृत्त प्रो. आरएनटी, मधु मेहता, जोनल कार्डिनेटर हार्टफुलनेस, नरेश मेहता, प्रशिक्षक आशा शर्मा, महेश कुलघुडे, मोहन बोराणा, डा. सुबोध शर्मा पूर्व डीन मात्स्यिकी महाविद्यालय के साथ ही लगभग 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.

इस इवेंट की श्रेणियों में 2 किलोमीटर, 5 किलोमीटर, 10 किलोमीटर व 21 किलोमीटर की दूरी तय की गई, जिस में अलगअलग लोगों ने हिस्सा लिया.

’कृषि पीएचडी के लिए 6 दिसंबर तक आवेदन’

हिसार: चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में विभिन्न पीएचडी कार्यक्रमों में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने बताया कि आवेदन की प्रक्रिया 6 दिसंबर, 2023 तक जारी रहेगी.

उन्होंने जानकारी देते हुए आगे बताया कि पीएचडी कार्यक्रमों में दाखिला एंेट्रेंस टैस्ट में हासिल मैरिट के आधार पर होगा. औनलाइन आवेदन फार्म एवं प्रोस्पैक्टस विश्वविद्यालय की वैबसाइट पर उपलब्ध है.

उन्होंने यह भी कहा कि आवेदन करने से पहले और कांउसलिंग के समय आने से पूर्व उम्मीदवार प्रोस्पैक्टस 2023-24 में दिए गए दाखिला संबंधी सभी हिदायतों व नियमों को अच्छी तरह से पढ़ लें.

सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए आवेदन की फीस 1,500 रुपए है, जबकि अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, पीडब्ल्यूडी (दिव्यांग)के उम्मीदवारों के लिए 375 रुपए होगी. इस के अलावा उपलब्ध सीटों की संख्या, महत्वपूर्ण तिथियां, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता, दाखिला प्रक्रिया आदि संबंधी सभी जानकारियां विश्वविद्यालय की वैबसाइट पर उपलब्ध प्रोस्पैक्टस में मौजूद है.

उन्होंने उम्मीदवारों को दाखिला संबंधी नवीनतम जानकारियों के लिए विश्वविद्यालय की वैबसाइट  ींन.ंब.पद ंदक ंकउपेेपवदे.ींन.ंब. पद पर नियमित रूप से चेक करते रहने को कहा है.

पीएचडी प्रोग्राम में दाखिले की ये होगी प्रक्रिया

स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डा. केडी शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों में पीएचडी में दाखिला कौमन ऐंट्रेंस टैस्ट के आधार पर होगा. कृषि महाविद्यालय में एग्रीकल्चरल इकोनोमिक्स, एग्रोनोमी, इंटोमोलौजी, एग्रीकल्चरल ऐक्सटेंशन एजुकेशन, हार्टिकल्चर, नेमोटोलौजी, जैनेटिक्स ऐंड प्लांट ब्रीडिंग, प्लांट पेथोलौजी, सीड साइंस एवं टैक्नोलौजी, सौयल साइंस, वेजीटेबल साइंस, एग्री. मेटीयोरोलौजी, फोरैस्ट्री, एग्री बिजनैस मैनेजमेंट व बिजनैस मैनेजमेंट विषय शामिल हैं, जबकि मौलिक एवं मानविकी महाविद्यालय में कैमिस्ट्री, बायोकैमिस्ट्री, प्लांट फिजियोलौजी, एनवायरमेंटल साइंस, माइक्रोबायोलौजी, जूलौजी, सोशियोलौजी, स्टैटिक्स, फिजिक्स, मैथमैटिक्स व फूड साइंस एंड टैक्नोलौजी विषयों में दाखिले होंगे.

इसी प्रकार बायोटैक्नोलौजी महाविद्यालय में मोलिक्यूलर बायोलौजी ऐंड बायोटैक्नोलौजी, बायोइनफर्मेटिक्स विषय शामिल होंगे. सामुदयिक विज्ञान महाविद्यालय में फूड्स %

600 करोड़ की सब्सिडी

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य में धान की कटाई का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है और सरकार पराली जलाने से निबटने के लिए उपायों को बढ़ावा दे रही है.

केंद्रीय कैबिनेट सचिव द्वारा बुलाई गई बैठक के दौरान संजीव कौशल ने पराली जलाने पर अंकुश लगाने और आग की घटनाओं को सक्रिय रूप से कम करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों पर बल दिया, ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम किया जा सके.

सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में 36.5 लाख एकड़ में धान की खेती होती है, जिस में 18.36 लाख एकड़ में बासमती की खेती और लगभग 18.2 लाख एकड़ में गैरबासमती की खेती शामिल है.

संजीव कौशल ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक बनाए रखने के लिए सरकार सतर्क है. पिछले वर्ष की तुलना में साल 2023 में पराली जलाने की घटनाओं में 38 फीसदी की कमी आई है और पिछले 2 सालों में 57 फीसदी की पर्याप्त कमी दर्ज की गई है.

संजीव कौशल ने आगे कहा कि आग पर काबू न पाने के लिए उपायुक्तों और स्टेशन हाउस अफसर को जिम्मेदार ठहराने के निर्देश जारी किए गए हैं. सरकार ने खेतों में आग के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही करते हुए 1256 चालान जारी किए हैं. खेतों में आग से संबंधित 72 एफआईआर दर्ज कर 44 अपराधियों को पकड़ा है.

संजीव कौशल ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में बीएस-प्प्प् पेट्रोल और बीएस-प्ट डीजल एलएमवी (4 व्हीलर) पर तत्काल प्रभाव से 30 नवंबर तक या वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जीआरएपी स्टेज प्प्प् को रद्द किए जाने तक प्रतिबंध लगा दिया है. (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़ कर).

इन जिलों में बीएस-प्प्प् पेट्रोल और बीएस- प्ट डीजल एलएमवी (4 व्हीलर) का उपयोग करते पाए जाने वाले उल्लंघनकर्ताओं पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत केस दर्ज किया जाएगा.
एनसीआर जिलों में पंजीकृत वाहनों पर होलोग्राम आधारित रंगीन स्टिकर लगाने के संबंध में उन्होंने कहा कि 14 नवंबर, 2018 से 31 जनवरी, 2023 के बीच एनसीआर जिलों में लगभग 10 लाख वाहनों को कलर कोड किया गया है.

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि विभिन्न पराली प्रबंधन योजनाओं के लिए 600 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. इन उपकरणों का उद्देश्य बायोमास आधारित परियोजनाओं के लिए पराली को भूसे के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करना है, जिस से पराली जलाने में कमी आएगी और पर्यावरण के प्रति जागरूक खेती को बढ़ावा मिलेगा.

किसानों को फ्री बीज, कृषि यंत्रों पर भारी छूट

बस्ती : दलहन और तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को बीजों की निःशुल्क मिनी किट वितरित की जा रही है.

सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा सर्किट हाउस, बस्ती में 50 किसानों एवं कृषि विज्ञान केंद्र, बंजरिया, बस्ती में आयोजित गोष्ठी में 100 किसानों को सरसों/मटर /चना /मसूर की मिनी किट का वितरण किया गया.

इस मौके पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने आगे कहा कि खाद्य तेलों के विदेशी आयात में कमी लाए जाने हेतु सरकार द्वारा तिलहन के बीजों का निःशुल्क मिनी किट वितरित किया जा रहा है. इसी कड़ी में बस्ती मंडल को 12,000 मिनी किट उपलब्ध कराया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष रबी में दलहन एवं तिलहन के 10 लाख निःशुल्क मिनी किट किसानों को उपल्ब्ध कराया जा रहा है. इस से प्रदेश में तिलहन एवं दलहन के उत्पादन में वृद्धि होगी.

बीज वितरण में पारदर्शिता के लिए बायोमैट्रिक आधारित पौश मशीन का उपयोग

उन्होंने कहा कि बीज वितरण में पारदर्शिता लाए जाने के लिए बायोमैट्रिक आधारित पौश मशीन का उपयोग किया जा रहा है. लेकिन किसानों की सुविधा के लिए और समय से बोआई का काम पूरा किया जा सके. इस के लिए पात्र किसानों के जरूरी कागजात ले कर उन्हें समय से मिनी किट मुहैया कराए जाने का निर्देश दिया गया है.

न्होंने आगे कहा कि ऐसे किसानों का बाद में बायोमैट्रिक लिया जाएगा.

Kisan Yojnaकृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि जिन किसानों को एक बार बीज मुहैया कराया जाता है, वह उसे 3 सालों तक बीज के रूप में उपयोग में ला सकते हैं.

मोटे अनाज की खेती करने हेतु किसानों से अपील करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सरकार मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए सदा प्रयासरत हैं और इस की खेती के लिए बीज कृषि विभाग के राजकीय कृषि बीज भंडारों पर मुफ्त उपलब्ध हैं.

उन्होंने मोटे अनाज के फायदे बताते हुए कहा कि इस के प्रयोग से तमाम तरह की बीमारियां नहीं होती हैं और यह पौष्टिक भी होता है. मोटे अनाज की खेती कम लागत में और बिना रासायनिक खाद का प्रयोग किए की जा सकती है, जिस से किसानों को ज्यादा लाभ प्राप्त होगा.

50 फीसदी अनुदान पर मिलेट्स प्रोसैसिंग मशीन

उन्होंने यह भी कहा कि श्रीअन्न पुनरोद्धार योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 फीसदी अनुदान पर मिलेट्स प्रोसैसिंग मशीन किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि बस्ती में 110 एफपीओ पंजीकृत हैं, जिन्हें प्रशिक्षित कर उन्हें सक्षम बनाया जाएगा.

उन्होंने सभी एफपीओ को शक्ति पोर्टल पर पंजीकृत किए जाने का निर्देश दिया और कहा कि एफपीओ को बढ़ावा देने के लिए प्रति किसान 2,000 रुपया मैचिंग ग्रांट भी दिया जा रहा है. इस के लिए एफपीओ में निर्धारित संख्या में शेयर अंशधारक किसानों का होना जरूरी है.

किसानों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सरकार एफपीओ को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार से इन की आर्थिक मदद कर रही है, जैसे- फार्म मशीनरी बैक की स्थापना, बीज विधायन संयंत्र और मिलेट्स आउटलेट्स आदि लगाने पर सब्सिडी दी जा रही है.

कृषि विभाग पराली प्रबंधन यंत्रों पर छूट

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही किसानों से पराली न जलाने की अपील करते हुए कहते हैं कि कृषि विभाग के समस्त राजकीय कृषि बीज भंडारों पर डीकंपोजर मुफ्त उपलब्ध है, जिस का प्रयोग कर कंपोस्ट खाद बना कर प्रयोग करने से लागत में कमी आती है और रासायनिक खाद की अपेक्षा कंपोस्ट खाद पूरी तरह जैविक होती है एवं कृषि विभाग पराली प्रबंधन यंत्रों पर 50 से 80 फीसदी की छूट भी दे रहा है.

कृषि विज्ञान केंद्र का भ्रमण

इस के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए, जहां उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने आम, अमरूद, आंवला, मुसम्मी, किन्नू, संतरा, नाशपाती, अंजीर, सेब की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी प्राप्त की.

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पूसा नरेंद्र काला नमक-1 धान के बीज उत्पादन कार्यक्रम की प्रशंसा की. उन्होंने जगरी यूनिट को तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया. इस के उपरांत कृषि विभाग, बस्ती द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के भारत रत्न नानाजी देशमुख कांन्फ्रेस हाल में आयोजित मिनी किट वितरण कार्यक्रम में कप्तानगंज, बहादुरपुर, दुबौलिया एवं हर्रैया के किसानों को सरसों, लाही, मसूर एवं चना बीज के मिनी किट का वितरण किया

किसान बिना किसी भेदभाव के प्राप्त कर सकते हैं कृषि योजनाओं का लाभ

इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान रोजगारपरक प्रशिक्षण प्राप्त कर खेती के साथ ही साथ कृषिगत व्यवसाय डेरी , मुरगीपालन, बकरीपालन, मशरूमपालन, मधुमक्खीपालन के साथ फलपौध की नर्सरी पर जोर दिया.

Kisan Yojnaकृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आईएफएस मौडल अपनाने पर किसानों का आवाह्न किया और कहा कि सिर्फ धान, गेहूं, गन्ना से किसानों की आय में आशातीत बढोतरी नहीं हो सकती है. किसान एकीकृत फसल प्रणाली (आईएफएस मौडल) अपना कर अपनी आय में 3-4 गुना वृद्धि कर सकते हैं. प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक कृषिगत योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिन का लाभ किसान बिना किसी भेदभाव के प्राप्त कर सकते हैं.

सांसद हरीश द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार की अगुआई में लगातार खेती लाभ की तरफ अग्रसर हुई है. कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष प्रो. एसएन सिंह ने केंद्र पर उगाई जा रही सब्जियों, फलों व अनाजों की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र पर दूरदराज के किसानों की भी पहुंच आसान हुई है.

Kisan Yojnaइस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्रा, जिलाधिकारी आंद्रा वामसी, मुख्य विकास अधिकारी जयदेव पुलिस अधीक्षक बस्ती, उपनिदेशक कृषि अशोक कुमार गौतम, एसडीएम सदर गुलाबचंद, जिला कृषि अधिकारी डा. राजमंगल चौधरी, रतन शंकर ओझा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी बस्ती, हरेंद्र प्रसाद, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक और भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, यशकांत सिंह ब्लौक प्रमुख, रामनगर, अनिल दूबे, प्रमुख प्रतिनिधि, कुदरहा, वैज्ञानिक डा. बीबी सिंह, डा. डीके श्रीवास्तव, डा. प्रेमशंकर, हरिओम मिश्रा सहित मिनी किट प्राप्त करने वाले किसान राम मूर्ति मिश्र, राम चरित्र, इमराना, राजाराम यादव, राजेंद्र सिंह, अहमद अली सहित सैकडों किसानों को सरसों, लाही, मसूर एवं चना, मटर बीज के निःशुल्क मिनी किट वितरित किया गया

कृषि वैज्ञानिक प्रो. रवि प्रकाश मौर्य हुए डाक्टरेट औफ साइंस से सम्मानित

नई दिल्ली : देवरिया जनपद के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र मल्हनी भाटपार रानी से प्राथमिक से इंटरमीडिएट (कृषि) की शिक्षा प्राप्त कर बाबा राघवदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, देवरिया से स्नातकोत्तर (कृषि) की उपाधि प्राप्ति के बाद प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने नौकरी की प्रारंभिक सेवा मई, 1985 से कृषि विज्ञान केंद्र, सुल्तानपुर से की.

साल 1992 से 5 मार्च, 1998 तक केवीके, कैमूर, बिहार में प्रिंसिपल के पद पर रहे. उस के बाद आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारग़ंज, अयोध्या में असिस्टेंट प्रोफैसर से सेवा प्रारंभ कर विभिन्न पदों पर रहे और नवंबर, 2021में प्रोफैसर/वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हुए.

इन की 36 वर्षों से अधिक की कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा कार्यों, अनुभवों, प्रकाशनों आदि को देखते हुए वर्ल्ड पीस औफ यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ने डाक्टरेट इन साइंस इन एग्रीकल्चर ( डीएससी, कृषि विज्ञान) विशेषज्ञता पौध स्वास्थ्य ( हानिकारक कीट) प्रबंधन मानद उपाधि से सम्मानित किया गया.

यह उपाधि दिल्ली के अशोक होटल में प्रदान की. यह उपाधि पीएचडी के बाद होती है. सेवानिवृत्त के बाद प्रो. मौर्य ने एक प्रोफैसर रवि सुमन कृषि एवं ग्रामीण विकास ( प्रसार्ड) ट्रस्ट की स्थापना फरवरी, 2022 में अपने पैतृक गांव मल्हनी (भाटपार रानी देवरिया) में की है, जिस के निदेशक/ अध्यक्ष हैं, जिस के माध्यम से कृषि एवं ग्रामीण विकास से संबंधित नई तकनीक क्षेत्र के किसानों, ग्रामीणों के बीच विभिन्न माध्यमों से पहुंचाने का प्रयास करते हैं.

64 वर्ष की उम्र में भी वे काफी सक्रिय भूमिका ग्रामीणों के बीच निभा रहे हैं.

“बेहतर फसल प्रबंधन” पर कौशल विकास कार्यक्रम

श्रीकाकुलम: 3 नवंबर, 2023. भाकृअनुप-नार्म ने श्रीकाकुलम जिले के 4 गांवों (संथाकोथावलसा, कोंडावलसा, कोंडरागुडा और इसाकापलेम) के अनुसूचित जाति के किसानों के लिए ‘‘बेहतर फसल प्रबंधन प्रौद्योगिकियों एवं श्रीअन्न के मूल्य संवर्धन‘‘ पर कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), अमादलावलसा, श्रीकाकुलम जिला, आंध्र प्रदेश के सहयोग से कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 28 महिलाओं समेत कुल 75 किसानों ने हिस्सा लिया.

डा. पीवी सत्यनारायण, प्रमुख, एआरएस, रागोलु ने किसानों को श्रीअन्न (मिलेट्स) के महत्व के बारे में बताया, क्योंकि इस में अच्छा फाइबर, प्रोटीन और खनिज होते हैं, इसलिए दिल और एनीमिया के रोगियों के लिए इस का सेवन आवश्यक है. उन्होंने बाजरा में 4 प्रबंधन विधियों, जैसे- बीज का चयन, बोआई का समय, उर्वरक आवेदन का समय और सिंचाई का उचित समय भी समझाया.

एटीएमए के परियोजना निदेशक एस. रामचंद्र राव ने किसानों को श्रीअन्न उत्पादन के संबंध में केवीके प्रौद्योगिकियों के सर्वोत्तम उपयोग का सुझाव दिया. उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि रोजमर्रा की जिंदगी में श्रीअन्न कितना महत्वपूर्ण है और वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष क्यों घोषित किया गया है. बाद में केवीके, आमदालावलसा की कार्यक्रम समन्वयक डा. के. भाग्यलक्ष्मी ने किसानों को दैनिक जीवन में श्रीअन्न के मूल्यवर्धन के बेहतर उपयोग का सुझाव दिया. साथ ही, श्रीअन्न के मूल्य संस्करण में उद्यमिता को बढ़ावा दिया.

किसानों को श्रीअन्न की विधियों के बेहतर पैकेज, श्रीअन्न के पोषण महत्व और स्वास्थ्य लाभ, वर्तमान कृषि में जैव उर्वरकों के महत्व, मछली एवं पशु पोषण में श्रीअन्न की भूमिका, श्रीअन्न के साथ विविध मूल्यवर्धित उत्पादों की तैयारी, पैकिंग, ब्रांडिंग, एफएसएसएआई पंजीकरण प्रक्रियाओं से संबंधित पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया. इस के साथसाथ एआरएस, विजयनगरम में श्रीअन्न प्रसंस्करण इकाई का ऐक्सपोजर दौरा भी किया गया.

डा. डी. श्रीनिवास, एसोसिएट डीन, कृषि महाविद्यालय, नायरा ने किसानों को सब्सिडी पर बीज प्रसंस्करण इकाइयां प्राप्त करने के लिए क्लस्टर बनाने का सुझाव दिया. साथ ही, किसानों को श्रीअन्न के महत्व के बारे में बताया और बेहतर पैदावार के लिए इस क्षेत्र के लिए अनुशंसित किस्मों का चयन करने और खेती करने का सुझाव दिया. किसानों को केवीके द्वारा दी गई तकनीकी सहायता का अधिकतम सीमा तक उपयोग करने की उन्होंने सलाह दी.

प्रगतिशील किसान बीवी रमण मूर्ति ने किसानों को श्रीअन्न की खेती के बारे में प्रोत्साहित किया और इस बात पर जोर दिया कि किसानों को खानेपीने की आदतों में बदलाव की जरूरत है.

डा. एम. रमेश नाइक, वैज्ञानिक, भाकृअनुप- नार्म , डा. एस. किरण कुमार और डा. बी. सुनीता, केवीके, आमदालावलसा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम कोआर्डिनेट किया.