Mango Varieties : पूसा आम प्रक्षेत्र दिवस 14 जुलाई, 2025 को आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के फल एवं बागबानी प्रौद्योगिकी प्रभाग के एमबी7 प्रक्षेत्र में आयोजित किया गया. इस प्रक्षेत्र दिवस में आम उद्योग से जुड़े किसानों, संकाय सदस्यों और छात्रों ने भाग लिया. यह कार्यक्रम आउटरीच कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया था जिस का उद्देश्य आईएआरआई द्वारा विकसित उन्नत आम संकरों को बढ़ावा देना था.
पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के हितधारकों की भागीदारी के साथ, इस कार्यक्रम ने कृषि नवाचार और अत्याधुनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए आईएआरआई की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
इस कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए, आईसीएआरआईएआरआई के निदेशक और कुलपति डा. चौ श्रीनिवास राव ने उपस्थित लोगों को आम की खेती की तकनीकों में नवीनतम सुधारों के बारे में जानकारी प्रदान की. साथ ही, उन्होंने आईएआरआई की आम किस्मों के बारे में किसानों और लाइसैंसधारियों से आए फीडबैक पर विचार और उसे शामिल करने, विशेष रूप से पौधों की संख्या बढ़ाने और उपभोक्ता स्तर पर इन नई किस्मों की पहुंच बढ़ाने के लिए व्यावहारिक रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया, ताकि उत्पादकों को बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके.
संयुक्त अनुसंधान निदेशक डा. विश्वनाथन चिन्नुसामी ने आम पर आउटरीच कार्यक्रम के समग्र लक्ष्यों के बारे में जानकारी प्रदान की. उन्होंने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच तालमेल बना कर गुणवत्तापूर्ण आम रोपण सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के इस पहल के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया. इन प्रयासों पर जोर देने का उद्देश्य आम की खेती के एक अधिक टिकाऊ और प्रतिस्पर्धी वातावरण को बढ़ावा देना है.
फल और बागबानी प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डा. ओपी अवस्थी ने कार्यक्रम में आए सदस्यों और किसानों का स्वागत करते हुए विभाग की उपलब्धियों, विशेष रूप से आम की किस्मों के विकास, के बारे में जानकारी दी.
इस आउटरीच कार्यक्रम की आम परियोजना के प्रधान वैज्ञानिक और प्रधान अन्वेषक डा. जय प्रकाश ने उच्च घनत्व वाले रोपण के लिए उपयुक्त आईएआरआई के नवीन आम संकरों की किस्मों के प्रदर्शन और प्रमुख विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया.
उन्होंने भाग लेने वाले राज्यों के किसानों और लाइसैंसधारियों के अलगअलग समूहों के साथ आईएआरआई परिसर के छात्रों और संकाय सदस्यों का परिचय कराया, जिस से वहां मौजूद लोगों में सामुदायिक भावना और साझा उद्देश्य को बढ़ावा मिल सके.
इस कार्यक्रम ने आईएआरआई की उल्लेखनीय आम किस्मों यानी आम्रपाली, मल्लिका, पूसा अरुणिमा, पूसा प्रतिभा, पूसा सूर्या, पूसा पीताम्बर और पूसा लालिमा को प्रदर्शित करने के लिए एक बेहतरीन मंच के रूप में काम किया. किसानों की ओर से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और कई लोगों ने उपज और अपना लाभ बढ़ाने के साधन के रूप में इन किस्मों को अपने बागों में अपनाने की उत्सुकता दिखाई.
इस पहल का उद्देश्य न केवल उपभोक्ताओं तक अच्छी गुणवत्ता वाले फलों की पहुंच बढ़ाना है, बल्कि सप्लाई चैन में सुधार हेतु प्रगतिशील दृष्टिकोण को भी दर्शाता है. राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड और कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के साथ सहयोगात्मक प्रयासों से निर्यात के अवसरों को बढ़ावा मिलने से आम की खेती में सतत विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है.
इस कार्यक्रम के दौरान शैक्षिक सामग्री और मल्टीमीडिया विज्ञापन ने मिल कर यह पक्का किया कि मुख्य संदेश बड़े स्तर पर दर्शकों तक पहुंचे. गतिशील बाजार रुझानों और उपभोक्ता वरीयताओं के प्रति आईएआरआई की स्वीकृति, कृषि के विकसित होते परिदृश्य और आधुनिक खानपान संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए कस्टम-टैलिंग रणनीतियां इस में हुए सुधार को दिखलाती है.
फील्ड डे यानी प्रक्षेत्र दिवस केवल आम की किस्मों की एक प्रदर्शनी नहीं थी, बल्कि एक प्रतिस्पर्धी कृषि वातावरण की चुनौतियों के बीच फलनेफूलने के लिए तैयार जानकार और अनुकूलनशील किसानों को विकसित करने का एक ठोस प्रयास था.
डा. चौ. श्रीनिवास राव ने आईएआरआई द्वारा विकसित नए आम संकरों को अपनाने वाले किसानों के अनुभवों को उजागर करने वाली सफलता की कहानियों के विकास और व्यापक पहुंच के लिए विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों का लाभ उठाने का सुझाव दिया. इस के अलावा जून, 2026 में होने वाले राष्ट्रीय आम दिवस कार्यक्रम के आयोजन का भी सुझाव दिया.