Biotechnology : कालेज औफ एग्रीकल्चरल बायोटैक्नोलौजी, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा 1 से 15 जुलाई, 2025 तक “हैंडस औन एक्सपोजर टू बेसिक टैक्निक्स औफ मौलिक्युलर एंड माइक्रोबियल बायोटैक्नोलौजी” विषय पर 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भागलपुर स्थित टीएनबी कालेज के बी.एससी बायोटैक्नोलौजी (औनर्स), के द्वितीय साल के 22 छात्रछात्राओं के लिए आयोजित किया गया था.
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य छात्रों को जैव प्रौद्योगिकी के मूल तकनीकों जैसे मौलिक्युलर बायोटैक्नोलौजी, सूक्ष्मजीवों की संस्कृति और पीसीआर आधारित अनुप्रयोगों का व्यवहारिक ज्ञान देना था. इस प्रशिक्षण के दौरान बायोइनफौरमैटिक्स पर एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया, जिस में छात्रों ने नेशनल सैंटर फौर बायोटैक्नोलौजी इंफौर्मेशन और डीएनए डाटा बैंक औफ जापान जैसे सार्वजनिक डाटाबेस का उपयोग कर बड़े जैविक डाटा का विश्लेषण सीखा. इस से उन्हें आधुनिक जैविक अनुसंधान के लिए आवश्यक कंप्यूटेशनल स्किल्स प्राप्त हुईं.
इस प्रशिक्षण में कई छात्रों के लिए यह उन की शिक्षा का पहला अवसर था जब उन्होंने मौलिक्युलर तकनीकों का सीधा अभ्यास किया. यह प्रशिक्षण न केवल उन की तकनीकी क्षमता को मजबूत करेगा, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा और जैव प्रौद्योगिकी में कैरियर की ओर प्रेरित भी करेगा.
इस कार्यक्रम का समापन समारोह 15 जुलाई, 2025 को कालेज परिसर में आयोजित किया गया, जिस में छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए. समापन सत्र में डा. रवि केसरी, एसोसिएट प्रोफैसर, आणविक जीवविज्ञान और आनुवंशिक अभियांत्रिकी विभाग, ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए.
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम डा. रंजना कुमारी, सहायक प्राध्यापक सहकनिष्ठ वैज्ञानिक, कालेज औफ एग्रीकल्चरल बायोटैक्नोलौजी के समन्वय में आयोजित हुआ. व्यावहारिक सत्रों का संचालन कालेज औफ एग्रीकल्चरल बायोटैक्नोलौजी और आणविक जीवविज्ञान और आनुवंशिक अभियांत्रिकी विभाग विभाग के वैज्ञानिकों और शिक्षकों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.
यह पहल स्नातक छात्रों के कौशल विकास और अकादमिक औद्योगिक सहभागिता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.