Machinery: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के फार्म मशीनरी व पावर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित तकनीकी कार्यक्रम की वर्ष 2024-25 की समीक्षा और वर्ष 2025-26 की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की जबकि अनुसंधान निदेशक डा. राजबीर गर्ग ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने अपने संबोधन में कहा कि वैज्ञानिकों को ऐसे मशीनरी/उपकरण विकसित करने चाहिए जिस से किसानों की कृषि लागत को कम किया जा सके. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का अनुसंधान तंत्र किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य कर रहा है, ताकि प्रदेश व देश की कृषि समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सके. साथ ही, आधुनिक तकनीकों के माध्यम से नवीनतम टैक्नोलौजी पर आधारित कृषि उपकरण की तैयारी पर जोर दिया, ताकि खेतीबारी के कार्यों को आसान बनाया जा सके.
उन्होंने आगे कृषि उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने पर भी जोर दिया. कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने कहा कि टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना, कृषि दक्षता में सुधार करना और मशीनरी एवं विद्युत संसाधनों का जिम्मेदारी से उपयोग सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है.
अनुसंधान निदेशक डा. राजबीर गर्ग ने क्षेत्रीय कृषि समस्याओं, अनुसंधान प्रयासों, तकनीकी नवाचारों और किसानों की आवश्यकताओं पर केंद्रित समाधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक ऐसी तकनीकों का विकास करें जो स्थानीय किसानों की आवश्यकताओं को स्टीक रूप से पूरा कर सके. साथ ही, विकसित की गई तकनीक का मैदानी स्तर पर प्रभावी प्रदर्शन किया जाना चाहिए, ताकि उन की प्रायोगिक उपयोगिता प्रमाणित हो सके. उन्होंने आगे लघु व सीमांत किसानों की आवश्यकताओं को मद्देनजर रखते हुए इंटर कल्चर औपरेशन के लिए बैटरी चालित, बहुउपयोगी छोटे कृषि यंत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई.
डा. राजबीर गर्ग ने फसल अवशेष प्रबंधन को ले कर पराली जलाने की समस्या को दूर करने के लिए यांत्रिक समाधानों जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम आदि के प्रभाव उन की उपयोगिता के संदर्भ में किसानों को जागरूकता किया.
इस बैठक के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा वर्ष 2024-2025 में किए गए अनुसंधान कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एसके पाहुजा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया. इस अवसर पर सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, अनुभाग प्रमुख और संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित रहे.