Innovative Farmer Conclave: विकसित भारत, सशक्त किसान की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए, नवोन्मेषी किसान कॉनक्लेव 2025 (Innovative Farmer Conclave) का आईसीएआर–आईएआरआई में सफल कार्यक्रम हुआ. 25 राज्यों के किसानों की भागीदारी रही और विकसित भारत के लिए किसान सशक्तिकरण पर जोर देते हुए किसान-नेतृत्व वाले नवाचार से विकसित भारत की परिकल्पना की गई. जानें कैसा रहा आयोजन और कृषि विशेषज्ञों ने क्या कहा-
किसान दिवस पर हुआ आयोजन
कृषि संस्थान में इस सम्मेलन (Innovative Farmer Conclave) का आयोजन चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर किसानों के कल्याण हेतु उनके आजीवन योगदान को याद करते हुए किया गया.
मुख्य अतिथि, डॉ. राज एस. परोदा, संस्थापक अध्यक्ष, ट्रस्ट फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (TAAS), ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए जैव कीटनाशकों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि, जब कृषि को लाभकारी और सतत आजीविका के रूप में देखा जाएगा, तभी इस क्षेत्र के प्रति जनरुचि में वृद्धि होगी.
किसानों, वैज्ञानिकों और संस्थानों के बीच सामूहिक प्रयासों का आह्वान करते हुए कहा कि ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना तभी साकार हो सकती है जब किसान सशक्त होंगे. उन्होंने प्रगति को गति देने के लिए किसान से किसान तक ज्ञान के प्रसार के महत्व को भी रेखांकित किया.
पूर्व प्रधानमंत्री, लाल बहादुर शास्त्री के प्रसिद्ध नारे ‘जय जवान, जय किसान’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार किसान देश को भूखमरी से बचाते हैं, जिससे वे राष्ट्रीय प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.
निदेशक, ICAR-IARI ने क्या कहा
डॉ. सी. एच. श्रीनिवास राव, निदेशक, आईसीएआर–आईएआरआई, ने भारतीय किसानों की रचनात्मकता, जिजीविषा और व्यावहारिक ज्ञान की सराहना की. उन्होंने बताया कि, देश के 25 राज्यों से आए किसानों ने सम्मेलन में भाग लिया तथा अपनी नवोन्मेषी कृषि पद्धतियों, स्वदेशी तकनीकों एवं सफल कृषि मॉडलों का प्रदर्शन किया.
उन्होंने किसानों के समक्ष मौजूद जलवायु परिवर्तन, मौसम की अनिश्चितता एवं बाजार से जुड़ी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए सभी राज्यों में किसान–वैज्ञानिक सहभागिता को सुदृढ़ करने के लिए भा.कृ.अनु.प.- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की प्रतिबद्धता दोहराई. ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना में किसान की केंद्रीय भूमिका है और कृषि की प्रगति केवल किसानों की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है.
किसानों के उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला सम्मान
कार्यक्रम (Innovative Farmer Conclave) के दौरान प्रकाशनों का विमोचन तथा प्रतिभागी किसानों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रमाणपत्रों का वितरण कर किसानों को भी सम्मानित किया गया. इस सम्मेलन का समापन डॉ. आर. एन. पडारिया, संयुक्त निदेशक (विस्तार), भा.कृ.अनु.प.- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने कार्यक्रम (Innovative Farmer Conclave) को सफल बनाने में किसानों, वैज्ञानिकों एवं आयोजकों के योगदान की सराहना की.





