MPUAT Convocation : फसलों में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग का खामियाजा मौजूदा पीढ़ी तो भुगत रही है लेकिन यही क्रम जारी रहा तो आने वाले समय में प्रदेश का हर आठवां व्यक्ति कैंसर रोगी होगा. यह बात राजस्थान के माननीय राज्यपाल हरिभाऊ बागडे महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह (MPUAT Convocation) के दौरान कहीं. कार्यक्रम में क्या रहा ख़ास, जाने –

अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत

राज्यपाल ने कहा कि- “1980 तक हम अन्य देशों से अनाज आयात करते थे, लेकिन आज भारत की 140 करोड़ की आबादी के बावजूद अनाज के मामले में हम न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि अतिरिक्त भंडार भी हमारे पास है. युवा वैज्ञानिक ऐसी किस्में तैयार करें जिनमें प्रोटीन प्रचूर मात्रा में हो. दूध उत्पादन में राजस्थान दूसरे स्थान पर है. हमारे यहां की मिठाइयां विदेशों में जा रही हैं. देसी गाय का दूध ज्यादा गुणकारी है, इसलिए हमें ऐसी देसी नस्लों के पशुओं के संरक्षण पर ध्यान देना होगा.”

उन्होंने कहा कि, दीक्षांत समारोह (MPUAT Convocation) शिक्षा का समापन नहीं बल्कि विद्यार्थी जीवन का नवआरंभ है. छात्राओं को अवसर मिले तो वे हर कार्य को करने में सक्षम है. कुल 44 स्वर्ण पदकों में से 27 पदक छात्राओं ने प्राप्त किए है.

विश्वविद्यालय ने विकसित की हैं किस्में

राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि, विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों के प्रयासों से 8 पेटेंट हासिल किए हैं और इसी तरह 57 उन्नत कृषि-तकनीक और 5 उन्नत फसल किस्में विकसित की हैं. सरकार का राष्ट्रीय खाद्य तेल तिलहन मिशन 2030-31 तक चलेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य तिलहन के उत्पादन को बढ़ाना और भारत को तेल बीजों के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है. जैविक एवं प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की सब से बड़ी मांग है, इसलिए कृषि विश्वविद्यालयों को इस दिशा में कार्य करना होगा.
आज का भारत स्टार्टअप का भारत है और कृषि स्टार्टअप इसमें तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. छात्र-छात्राओं के लिए एग्री-बिजनेस इन्क्यूबेशन प्रोग्राम. मूल्य संवर्द्धन और फूड प्रोसेसिंग में निवेश के नए अवसर है. सरकार का उद्देश्य है कि आप नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें.

MPUAT Convocation

5 उन्नत फसल किस्मों का लोकार्पण

इस खास मौके पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित 5 उन्नत किस्मों- प्रताप मूंगफली-4, प्रताप संकर मक्का-6, प्रताप ज्वार-2510, प्रताप ईसबगोल-1 एवं प्रताप असालिया-1 का लोकार्पण किया गया.

छात्राओं का उत्कृष्ट प्रदर्शन, स्वर्ण पदकों में बढ़त

समारोह (MPUAT Convocation) के दौरान कृषि, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी, सामुदायिक विज्ञान, डेयरी व खाद्य प्रौद्योगिकी एवं मत्स्य पालन सहित विभिन्न संकायों में कुल 1181 उपाधियां और 44 स्वर्ण पदक प्रदान किए. स्वर्ण पदक लेने में छात्राओं का पलड़ा भारी रहा. स्नातक, निष्णात एवं विद्या वाचस्पति में कुल 17 छात्रों को जबकि 27 छात्राओं को स्वर्ण पदक से नवाजा गया. समारोह (MPUAT Convocation) में कुलाधिपति स्वर्ण पदक विज्ञान निष्णात (सामुदायिक विज्ञान) खाद्य एवं पोषण मुस्कान को दिया गया जबकि इसी वर्ष से आरंभ हुआ कुलगुरु स्वर्ण पदक विज्ञान स्नातक (ऑनर्स) कृषि वत्सला वशिष्ठ को दिया गया. जैन इरिगेशन स्वर्ण पदक प्रौद्योगिकी स्नातक (कृषि अभियांत्रिकी) आदित्य ओझा को, श्री फूल सिंह राठौड़़ मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रौद्योगिकी स्नातक (कृषि अभियांत्रिकी) माही गुप्ता, ब्रिगेडियर अनिल अदल खां स्वर्ण पदक दीपांशा कुमावत, किरण कुमावत व लांजेकर प्रणय राजेंद्र को दिया गया.

1181 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान

स्नातक स्तर पर कृषि संकाय में राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर, कृषि महाविद्यालय भीलवाड़ा, आर.एन.टी. कृषि महाविद्यालय कपासन, श्री गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय बांसवाड़ा एवं कृषि महाविद्यालय डूंगरपुर के 266 छात्र एवं 114 छात्राओं सहित कुल 380 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं. इसी प्रकार अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय में 384, सामुदायिक विज्ञान संकाय में 67, डेयरी व खाद्य विज्ञान संकाय में 69 व मात्स्यकी विज्ञान संकाय में 34 छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी गईं.
इसी प्रकार निष्णात (स्नातकोत्तर) में कृषि संकाय में 108, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय में 35, सामुदायिक विज्ञान संकाय में 1़9 व डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी संकाय में 9 छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी गईं. विद्या वाचस्पति में कृषि संकाय में 49 अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय में 15, गृह विज्ञान संकाय में 7 एवं सामुदायिक विज्ञान संकाय में 5 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं.

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