Artificial Insemination : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर द्वारा पहली बार राजस्थान राज्य के विभिन्न जिलों से आए अनुसूचित जाति के 40 पशुधन सहायक (38 पुरुष और 2 महिलाएं) डिप्लोमा होल्डर प्रतिभागी के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन हुआ. यह प्रशिक्षण 6 से 15 अक्तूबर, 2025 तक हुआ. इस प्रशिक्षण ‘भेड़बकरियों मे मद समकालीन एवं कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) , विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर के मार्गदर्शन में 6 अक्तूबर को की गई. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्थान में चल रही अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत वित्तपोषित है. निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर द्वारा कार्यक्रम मे उपस्थिति पशुधन सहायक को अपने संबोधन में छोटे पशुओं भेड़बकरी और खरगोशपालन के बारे उपलब्ध तकनीकीय ज्ञान और वर्षभर किए जाने वाले क्रियाकालापों के साथ अपना उपलब्ध ज्ञान को बढ़ाने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण को जरूरी बताया.

निदेशक ने कहा कि पशुधन सहायक को अपने व्यवहार से अपने पशुपालक के पशुओ के स्वास्थ्य प्रबंधन के साथ सभी तरह की प्रबंधन को मजबूत करना है, जिस से अपने पशुपालक की पशुपालन उत्पादन मे बढ़ोतरी के साथ आजीविका बढ़ सके. पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) एक बहुत जरूरी तकनीकी है जिस को उपयोग मे ले कर पशुधन सहायक नस्ल सुधार के साथ सर्वोच्च पशुओं के सीमन से कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) द्वारा पशुपालक की आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते हैं.

निदेशक द्वारा सभी प्रतिभागियों को अधिक से अधिक अपने प्रैक्टिकल ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण में आपस में सार्थक चर्चा पर जोर दिया. 10 दिवसीय कार्यक्रम का प्रशिक्षण समन्वयक डा. सत्यवीर सिंह डागी, डा. मेघा पांडे, डा. अजित सिंह महला और डा. वी. रालते द्वारा किया जाएगा. कार्यक्रम में उपस्थित डा. रणधीर सिंह भट्ट पशु पोषण विभाग अध्यक्ष, नोडल अधिकारी एससीएसपी डा. अजय कुमार, डा. लीलाराम गुर्जर, डा. चंदन गुप्ता और डा. अमर सिंह मीना द्वारा कार्यक्रम में पशुपालन के विभिन्न पहलुओं पर संवाद पशुधन सहायक के साथ किया गया.

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