उदयपुर, 14 अक्तूबर. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय में कल्याण समिति प्रशासनिक कार्यालय द्वारा कुलपति डाक्टर अजीत कुमार कर्नाटक को एमपीयूएटी में 3 साल का स्वर्णिम सेवाकाल पूरा करने पर भावभीना विदाई समारोह आयोजित किया गया.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरे नेतृत्व में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी) नवाचार, सतत उन्नति और वैश्विक मान्यता के केंद्र के रूप में परिवर्तित हो गया है, जिस ने भारत में कृषि अनुसंधान, शिक्षा और ग्रामीण विकास पर एक अमिट छाप छोड़ी है.
अपनी उपलब्धियों को अपने 3 वर्षों के सेवाकाल में मैं एमपीयूएटी की सामूहिक विजय मानता हूं. हमारे समर्पित संकाय, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों, छात्रों और सहयोगियों के अथक प्रयासों ने विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. उन्होंने विश्वविद्यालय के समस्त परिवार से अपेक्षा जताई कि वे अपने अथक परिश्रम से विश्वविद्यालय की सतत उन्नति, शैक्षणिक, प्रसार और अनुसंधान में नवाचारों की इस पताका को और अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे.
उल्लेखनीय है कि 15 अक्तूबर को कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक का 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ और राज्यपाल ने वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के कुलगुरु डा. बीएल वर्मा को MPUAT कुलगुरु का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है और वे 15 अक्तूबर से अपना कार्यभार संभाल रहे हैं.
कल्याण समिति के अध्यक्ष दिनेश सुखवाल ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कुलसचिव अशोक कुमार, वित्त नियंत्रक दर्शना गुप्ता, निदेशक प्लानिंग एवं अधिष्ठाता सीटीआई डा. सुनील जोशी निदेशक और अधिष्टाता डा. धृति सोलंकी विशेषाधिकारी डा. सुबोध शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डा. आरएच मीना, कल्याण समिति सचिव जगत सिंह पवार, कोषाध्यक्ष अभय सिंह, कुलपति सचिवालय से पूर्व निजी सचिव नारायण सिंह चौहान, कुलपति निजी सचिव विशाल अजमेर उपाध्यक्ष एलएन सालवी, रघुनाथ सिंह देवड़ा, चंदन दवे, तेजकरण नागदा, शिप्रा भाटी, लक्ष्मण देवासी, भूपेंद्र सिसोदिया, यक्षराज सिंह इत्यादि सभी पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे. इस अवसर पर कार्यकारिणी द्वारा कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक को प्रशस्तिपत्र, उपर्णा, शाल और प्रतीकचिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया गया.
अशोक कुमार ने उन्हें श्रेष्ठ प्रशासक बताते हुए उन के सुखमय भविष्य की कामना की. दर्शना गुप्ता ने बताया कि डा. कर्नाटक बड़े ही सहृदयी, स्नेही और अविस्मरणीय प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं और एकसाथ 3 विश्वविद्यालयों का कार्यभार उन्होंने बहुत ही कुशलता के साथ संपन्न किया है. उपाध्यक्ष सालवी ने कहा कि आने वाले समय में यह विश्वविद्यालय और इस के सभी कर्मचारी आप को बहुत ही प्रेम और आदर के साथ याद रखेंगे और आप की प्रेरणा से उत्तरोत्तर प्रगति के लिए प्रयासशील रहेंगे.
डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि यहां के सभी कर्मचारी बहुत ही सरल और सहृदयी व्यक्ति हैं और अपने कार्य के प्रति उन में पूर्ण निष्ठा और लगन उन्होंने देखी है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी के सहयोग से यह विश्वविद्यालय प्रदेश के ही नहीं, बल्कि देश का प्रथम विश्वविद्यालय बनने की क्षमता रखता है. इस के लिए उन्होंने अपनी शुभकामनाएं दीं.
इस अवसर पर नवनियुक्त कुलपति प्रो. बीएल वर्मा ने सभी डीन, डायरैक्टर, प्राध्यापकों, विद्यार्थियों व अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर विश्वविद्यालयों की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि उन का प्रयास रहेगा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ढांचे में कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार को और आगे बढ़ाने के लिए नए दृष्टिकोण से कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सुशासन के साथ शिक्षा, अनुसंधान, प्रसार और कौशल विकास के क्षेत्रों में समग्र विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे. उन्होंने इस अवसर पर माननीय राज्यपाल एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एमपीयूएटी ने राज्य की कृषि शिक्षा, शिक्षण, अनुसंधान, विस्तार एवं कृषि उद्यमिता में उल्लेखनीय प्रगति की है.