मोटे अनाज से दूरी बना चुके किसान अब फिर से अनेक मोटे अनाज की खेती कर ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं, क्योंकि अब सरकार भी मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. लोगों का खान – पान का नजरिया बदल रहा है, जिसका फायदा सीधा किसानों की जेब में जा रहा है.

एमएसपी पर मोटे अनाज की खरीद 

सरकार द्वारा मोटे अनाज की खरीद 1 दिसंबर, 2025 से शुरू हो गई है. किसानों को उनकी फसल का ज्यादा दाम मिल सके, इसी इरादे से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए पंजीकरण जरूरी कर दिया है और 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान करने के निर्देश दिए हैं.

धान के भी मिल रहे अधिक दाम

मध्य प्रदेश में 1 दिसंबर, 2025 से मोटे अनाज खरीदी के साथ अब धान की भी ज्यादा कीमत मिल रही है. धान की भी सरकारी खरीद भी 1 दिसंबर, 2025 से शुरू कर दी गई है. खरीद के लिए किसानों को स्लॉट बुकिंग करनी होगी और खरीद केंद्रों पर क्वालिटी की सख्त जांच की जाएगी. किसानों की फसल खरीद सोमवार से शुक्रवार तक की जाएगी.

20 जनवरी 2026 तक उपज खरीदेगी सरकार

मध्य प्रदेश में 1 दिसंबर, 2025 से राज्य में मोटे अनाज के साथ ही धान की सरकारी खरीद शुरू कर दी गई है. यह खरीद प्रक्रिया 20 जनवरी, 2026 तक जारी रहेगी. पंजीकृत किसानों से उपज खरीद की जा रही है और भुगतान 48 घंटे के भीतर भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं.

पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी

अपनी पैदावार बेचने के लिए किसानों को ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण करना जरूरी है, तभी उसे सरकारी कीमत का फायदा मिल सकेगा. पंजीकृत किसान मंडी पहुंचने से पहले स्लॉट बुकिंग जरूर कर लें, जिससे उनके समय की बचत हो सके. खरीद केंद्रों पर अनाज की गुणवत्ता की जांच के बाद उन्हें एमएसपी के तय दाम मिलेंगे.

धान की मिल रही अधिक कीमत

मध्य प्रदेश सरकार राज्य के धान उगाने वाले किसानों को पिछले साल की तुलना में 69 रुपए प्रति क्विंटल भाव बढ़ाकर दे रही है. सरकार ने सामान्य धान का MSP 2,369 रुपए प्रति क्विंटल, जबकि ग्रेड-ए धान का MSP 2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.

देखा जाए तो किसानों के लिए मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती करना अब अन्य फसलों की अपेक्षा कहीं ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है, क्योंकि मोटे अनाज की खेती करना आसान है और कम लागत भी लगती है. सरकार भी मोटे अनाज/मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा दे रही है.

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