कोलकाता : केंद्र सरकार के मत्स्यपालन विभाग के सचिव डा. अभिलक्ष लिखी ने पिछले दिनों कोलकाता स्थित आईसीएआर-केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीआईएफआरआई) का मत्स्यपालन प्रबंधन संबंधी ड्रोन अनुप्रयोग के क्षेत्र में इस संस्थान के अनुसंधान एवं विकास की समीक्षा करने के लिए दौरा किया.

इस कार्यक्रम में वैज्ञानिक, राज्य मत्स्यपालन अधिकारी, मछुआरे और मछुआरियां शामिल हुईं. प्रस्तुति के दौरान, राज्यों के मत्स्यपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, नागर विमानन मंत्रालय, नेफेड, एनसीडीसी, एनईआरएमएआरसी, एसएफएसी, खुदरा विक्रेताओं, स्टार्टअप, मत्स्यपालन अधीनस्थ कार्यालयों, राज्य सरकार के अधिकारियों, एफएफपीओ, सहकारी समितियों आदि को वर्चुअल कौंफ्रेंस के माध्यम से शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.

ड्रोन प्रदर्शन के दौरान, डा. अभिलक्ष लिखी ने मछलीपालकों और मछुआरों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की, उन के अनुभवों, उन की सफलता की कहानियों और उन के दैनिक कार्यों में आने वाली चुनौतियों को सुना. इस बातचीत ने इस बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की कि कैसे ड्रोन जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकी उन की जरूरतों को पूरा कर सकती है, दक्षता में सुधार कर सकती है और मत्स्यपालन के क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ा सकती है. साथ ही, उन्हें अपनी आकांक्षाओं और चिंताओं को व्यक्त करने के लिए एक मंच भी प्रदान कर सकती है.

इस मौके पर बोलते हुए सचिव डा. अभिलक्ष लिखी ने कहा कि आईसीएआर-सीआईएफआरआई द्वारा शुरू की गई पायलट परियोजना मछलीपालन के क्षेत्र में नए अवसरों को खोलेगी, जो कम समय और न्यूनतम मानवीय भागीदारी के साथ ताजी मछली के परिवहन के लिए एक प्रभावी और आशाजनक विकल्प प्रदान करेगी और साथ ही मछलियों पर तनाव को कम करेगी.

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