नई दिल्ली : मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत मत्स्यपालन विभाग प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की पहल विशेष अभियान 4.0 की तैयारियों में है. 2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर, 2024 तक चलाए जाने वाले इस अभियान का उद्देश्य स्वच्छता को संस्थागत बनाना और सरकारी कार्यालयों में लंबित मामलों में कमी लाना है. विशेष अभियान 4.0 को 2 चरणों में चलाया जाएगा, जिन में 16 सितंबर से 30 सितंबर, 2024 तक प्रारंभिक चरण और 2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर, 2024 तक कार्यान्वयन चरण शामिल है.
मत्स्यपालन विभाग स्वच्छता को बढ़ावा देने, लंबित संदर्भों के निबटान में तेजी लाने और अभिलेखों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित बनाने से संबंधित इस राष्ट्रव्यापी पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह अभियान कार्यालय में जगह के बेहतर प्रबंधन और परिचालन दक्षता के माध्यम से शासन में सुधार लाने के सरकार के व्यापक विजन के अनुरूप है.
विशेष अभियान 4.0 की तैयारी के लिए मत्स्यपालन विभाग के सचिव अभिलक्ष लिखी ने मत्स्यपालन विभाग के संयुक्त सचिव (प्रशासन) सागर मेहरा और विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ एक तैयारी बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में विभागीय स्तर पर और साथ ही सभी फील्ड कार्यालयों/इकाइयों में अभियान के दौरान गतिविधियों और अभियान की योजना और क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया.
इस के अतिरिक्त मत्स्यपालन विभाग के संयुक्त सचिव सागर मेहरा ने भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण (एफएसआई), केंद्रीय मत्स्यपालन तटीय इंजीनियरिंग संस्थान (सीआईसीईएफ), राष्ट्रीय मत्स्यपालन पोस्टहार्वेस्ट प्रौद्योगिकी एवं प्रशिक्षण संस्थान (एनआईपीएचएटीटी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी), केंद्रीय मत्स्य नौचालन एवं इंजीनियरी प्रशिक्षण संस्थान (सिफनेट), तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण (सीएए) सहित विभाग की क्षेत्रीय इकाइयों के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में इन संस्थानों में विशेष अभियान के लिए चल रही तैयारियों का आकलन किया गया.