बागबानी के लिए सर्दी का मौसम सब से ज्यादा मुश्किल भरा होता है. इस मौसम में पौधों की बढ़वार धीमी हो जाती है, इसलिए उन्हें अधिक पोषण की जरूरत होती है.

ऐसे में पौधों को सही खाद देना बहुत ही महत्वपूर्ण है. पौधों को सर्दियों में मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए कुछ खास तरह की खादें दी जाती हैं. ये खादें घर पर भी बनाई जा सकती है.

इस के लिए आप चाय का पत्ती, अंडे के छिलके, सब्जी और फलों के छिलके आदि को कंपोस्ट कर सकते हैं. कंपोस्ट बनाने के लिए आप एक गड्ढा खोद सकते हैं या किसी बरतन में भी. पौधों को खाद देने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से ढीला कर लें. फिर खाद को मिट्टी में मिला दें. खाद को पौधे की जड़ों के पास न डालें. खाद देने के बाद मिट्टी को अच्छी तरह से पानी दें. पौधों को खाद देने का सब से अच्छा समय सुबह या शाम का होता है. जब मौसम ठंडा हो, तब खाद देनी चाहिए.

डीएपी खाद प्राकृतिक खाद है, जो पौधों को पोटैशियम, नाइट्रोजन और फास्फोरस देती है. यह खाद पौधों की बढ़वार में बहुत अच्छी है. डीएपी खाद पौधों को सर्दियों में देने से वे स्वस्थ और मजबूत होते हैं.

कंपोस्ट खाद एक कार्बनिक खाद है, जो पौधों को सभी पोषक तत्व देती है. यह खाद पौधों के आसपास की मिट्टी भी उपजाऊ बनाती है. कंपोस्ट खाद सर्दियों में पौधों को मजबूत और स्वस्थ बनाती है.

गोबर खाद एक प्राकृतिक खाद है, जो पौधों को सबकुछ देती है. यह खाद पौधों के आसपास की मिट्टी भी उपजाऊ बनाती है. गोबर खाद सर्दियों में पौधों को स्वस्थ और मजबूत बनाती है.

मस्टर्ड केक खाद एक प्राकृतिक खाद है, जो पौधों को पोटैशियम, नाइट्रोजन और फास्फोरस देती है. पौधों की प्रतिरक्षा प्रणाली भी इस खाद से मजबूत होती है. सर्दियों में मस्टर्ड केक खाद देने से पौधे ठंड से बचते हैं और अच्छी तरह से विकसित होते हैं.

सर्दियों के समय पौधों में डालने के लिए वर्मी कंपोस्ट खाद बहुत अच्छी खाद है. आप इस खाद को सभी प्रकार के पौधों में इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, फूलों, फलों और सब्जियों वाले पौधों के लिए यह खाद अधिक फायदेमंद है.

वर्मी कंपोस्ट, मिट्टीरहित माध्यम जैसे कोकोपिट आदि में उगाए जाने वाले पौधों के लिए भी अच्छी मानी जाती है. यह पौधों को अतिरिक्त पोषक तत्व देती है. इस के अलावा वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी की संरचना में भी सुधार होता है.

वर्मी कंपोस्ट खाद का उपयोग नए पौधों को लगाने के दौरान पौटिंग मिक्स बनाने के लिए किया जाता है. वर्मी कंपोस्ट खाद का प्रयोग पौधों की बढ़वार अवस्था में भी किया जाता है. पौधे की बढ़वार अवस्था के दौरान हर 2-3 महीने में एक गमले में एक मुट्ठी वर्मी कंपोस्ट खाद डाली जा सकती है.

सर्दियों में पौधों की बढ़वार के लिए एप्सम साल्ट एक सब से अच्छा उर्वरक है. इस का इस्तेमाल तकरीबन सभी प्रकार के पौधों में कर सकते हैं. यह उर्वरक पौधों को झाड़ीदार यानी घना बनाने में मदद करता है, अधिक फूल पैदा करता है, पत्तियों में क्लोरोफिल उत्पादन बढ़ाता है और पौधों को मैग्नीशियम और सल्फर पोषक तत्व प्रदान करता है.

यदि सर्दी के दौरान पौधों में पत्तियों, फलों और फूलों का उत्पादन कम हो रहा हो, तो एप्सम साल्ट को पौधों में डाल सकते हैं. एप्सम साल्ट का प्रयोग पौटिंग मिक्स बनाने के दौरान और पौधे की बढ़वार अवस्था में किया जा सकता है. पौधे की बढ़वार अवस्था के दौरान महीने में 1-2 बार 1 लिटर पानी में 1 चम्मच एप्सम साल्ट मिला कर पौधों की जड़ों में डाल दें या इस पानी का दिन के समय पौधों पर छिड़काव (स्प्रे) करें.

अगर सर्दी में होम गार्डन में लगे सब्जियों और फूलों वाले पौधे नहीं बढ़ रहे हैं या फिर उन में फूल और फल नहीं आ रहे हैं, तो इस के लिए किसान मस्टर्ड केक उर्वरक का उपयोग पौधों में कर सकते हैं. यह उर्वरक पौधों की ग्रोथ को बढ़ाता है और साथ ही साथ पौधों को कीड़ों और बीमारी से भी बचाता है.

पौधों में इस फर्टिलाइजर का इस्तेमाल घोल बना कर किया जाता है. सौल्यूशन बनाने के लिए मिट्टी के बरतन में थोड़ी मात्रा में मस्टर्ड केक ले कर उस में 1 लिटर पानी डालें और फिर उसे कुछ दिनों के लिए ढक कर रख दें. इस के बाद इस घोल को कपडे की मदद से अच्छे से छान लें. छानने के बाद तकरीबन 50 मिलीलिटर मस्टर्ड घोल को 1 लिटर पानी में मिलाएं और फिर उसे पौधों में डालें.

सर्दी के मौसम में पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए लकड़ी की राख, एक बैस्ट खाद का काम करती है. इस में पोटैशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, मैंगनीज और जस्ता जैसे उपयोगी पोषक तत्व पाए जाते हैं. लकड़ी की राख का गार्डन में अनेक उद्देश्य की पूर्ति के लिए उपयोग किया जाता है: जैसे यह मिट्टी के पीएच स्तर को बढ़ा देती है, स्लग और घोंघे जैसे कीटों को गार्डन से दूर रखती है और पौधों को जरूरी पोषक तत्व प्रदान कर के पौधों की ग्रोथ को बढाती है.

होम गार्डन में लकड़ी की राख का उपयोग करने का सब से अच्छा तरीका यह है कि इसे पौधों की मिट्टी के ऊपर फैला (टौप ड्रैसिंग) दिया जाए. सभी पौधों पर लकड़ी की राख का उपयोग न करें, केवल वे पौधे, जिन्हें पोटैशियम पोषक तत्व की जरूरत हो या मिट्टी के पीएच लैवल को बढ़ाना हो, तभी इस का प्रयोग थोड़ी मात्रा में करें.

केला खाने के बाद जो छिलका बचता है, उस का उपयोग जैविक खाद बनाने में किया जा सकता है. सर्दी के मौसम में यह खाद पौधों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है. इस में पोटैशियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस पोषक तत्व की भरपूर मात्रा पाई जाती है. केले के छिलकों को फर्टिलाइजर के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सब से पहले एक बरतन लें और उस में 3-4 छिलकों को डाल कर पानी भर दें. कुछ (4-5) दिनों के बाद केले के छिलकों को पानी में से निकाल कर अलग कर दें और पानी को पौधों में फर्टिलाइजर के रूप में इस्तेमाल करें.

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