सब्जियों का हमारे जीवन में काफी महत्त्व है. आमतौर पर हम बाजार से सब्जियां खरीदते हैं, जो कई बार जहरीले पानी में पैदा होती हैं और कई तरह के कैमिकल भी सब्जी की बढ़वार के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, जिन का खराब असर हमारी सेहत पर पड़ता है.

तो क्यों न हम अपने घर के पिछवाड़े या साथ में खाली पड़ी जमीन में सब्जी की खेती करें. घर के गमलों में भी कुछ सब्जियां बोई जा सकती है. इस से हमें पौष्टिकता के साथसाथ खुशी भी मिलेगी.

मिट्टी व क्यारी की तैयारी : आइए सब से पहले हम मिट्टी की बात करते हैं. सब्जी उगाने के लिए दोमट मिट्टी सब से अच्छी होती है, जिस में चिकनी या काली मिट्टी और रेतीली मिट्टी बराबर मात्रा में होती है.

जहां भी हमें अपनी सब्जी की क्यारी तैयार करनी है, वहां 30-40 सैंटीमीटर गहरी खुदाई फावड़ा, कुदाली वगैरह से करें. कंकड़पत्थर व खरपतवार साफ कर दें और उस में जरूरत के मुताबिक गोबर की सड़ी हुई खाद मिला दें या किसी भी खाद वाली दुकान से केंचुए की खाद खरीद कर डाल दें. अगर दोनों तरह की खाद मिला कर डालें तो सोने पर सुहागा वाली बात होगी.

सीधे बोने वाली सब्जियां : भिंडी, बीन, लोबिया, सेम, तुरई, लौकी वगैरह की बोआई मेंड़ पर या क्यारी में की जाती है. बेल वाली सब्जी के बीज मेंड़ पर बोएं.

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पौध वाली सब्जियां : बैगन, टमाटर, मिर्च जैसी सब्जियों की पहले पौध तैयार की जाती है, फिर उसी पौध को वहां से निकाल कर क्यारी या गमले में लगाया जाता है. पौध तैयार होने में लगभग 1 माह का समय लगता है. वैसे, आजकल खाद व बीज की दुकानों पर सब्जियों की तैयार पौध भी मिलती है, तो आप वहां से भी खरीद कर पौध लगा सकते हैं. पौध को क्यारी या गमले में लगाने के बाद उस में हलकी सिंचाई करें व प्रारंभिक अवस्था में 2 दिनों में 1 दिन पानी दें. जब कुछ दिनों बाद आप के पौधे ठीक तरह से जम जाएं, तब आप अपनी रसोई वगैरह के पानी का बहाव उन क्यारियों में कर सकते हैं. इस से आप के बेकार पानी का भी इस्तेमाल होता रहता है.

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