अनार की खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए उन्नत किस्मों को इस्तेमाल करने के साथसाथ अनार के बागों को कीट व बीमारी से बचाना भी जरूरी है. अनार में कीट बीमारी लगने पर फल का विकास रुक जाता है. जिस से फल का बाजार भाव भी ठीक नहीं मिलता. इसलिए समय रहते अनार के बागों में कीट बीमारी न पनपने दें, समय रहते उन का निदान करें.

कीट से नुकसान

अनार की तितली या फल छेदक: यह अनार का एक प्रमुख कीट है, जो अनार के विकासशील फलों में छेद कर देता है और अंदर से खाता रहता है. इस वजह से फल फफूंद और जीवाणु संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाते हैं.

नियंत्रण : शुरुआती अवस्था में फलों को पौलीथिन बैग से बैगिंग कर के या ढक कर नियंत्रित किया जा सकता है. फास्फोमिडान का 0.03 फीसदी या सेविन का 4 ग्राम प्रति लिटर पानी में घोल कर छिड़काव कर के भी इस कीट से छुटकारा पाया जा सकता है.

छाल भक्षक : यह कीट रात को तने की छाल खाता है. कीट द्वारा बनाए गए छेद इस के मलमूत्र से भरते जाते हैं, जिस के कारण इस के लक्षणों को भी पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है. यह कीट मुख्य तने पर छेद बनाता है और तने के अंदर सुरंगों का एक जाल बना लेता है, जिस के कारण पौधे की शाखाएं तेज हवा चलने पर टूट जाती हैं.

नियंत्रण : इस कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए कीट द्वारा बनाए गए छेदों को डीजल या केरोसिन में रूई भिगो कर बंद कर देते हैं. कीट द्वारा बनाए हुए छेदों में केरोसिन का तेल भर देते हैं. आजकल किसानों द्वारा फलों की बैगिंग की जाती है, जो फलों की गुणवत्ता में सुधार करती है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...