हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में दोदिवसीय कृषि अधिकारी कार्यशाला (खरीफ) 2024 का आयोजन हुआ. इस मौके पर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित की गई फसलों की सिफारिश के अलावा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में फसल उत्पादन में अलगअलग तरह से काश्तकारी की जा रही है, जिस के कारण अनुमोदित सिफारिश की पैदावार के मुकाबले किसानों की पैदावार में अंतर आ जाता है.

उन्होंने कृषि अधिकारियों से आह्वान किया कि फसल उत्पादन की समग्र सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करवा कर पैदावार के इस अंतर को कम कर के, कम लागत पर अधिक से अधिक लाभ किसानों को पहुंचाएं.

उन्होंने आगे बताया कि इस कार्यशाला से विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई नवीनतम किस्मों व कृषि पद्धतियों को जल्दी से जल्दी किसानों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, जिस से कि फसलों की पैदावार बढ़ेगी.

मुख्यातिथि प्रो. बीआर कंबोज ने वर्तमान समय में कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतियों जैसे भूजल के स्तर का गिरना, भूमि की उर्वराशक्ति में कमी आना, भूमि की लवणता, क्षारीयता व जल भराव की स्थिति, जलवायु परिवर्तन, फसल विविधीकरण और फसल उत्पादन में कीटनाशक एवं रसायनिक उर्वरकों का अधिक प्रयोग शामिल है.

उन्होंने जमीनी स्तर पर किसानों के संपर्क में काम कर रहे कृषि अधिकारियों के फीडबैक से विश्वविद्यालय में चल रहे शोध कार्य को और अधिक तीव्रता से व केंद्रित कर के इन समस्याओं का उचित समाधान जल्दी मिल सकेगा.

उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने किसान समुदाय के उत्थान के लिए हर गांव से 30 किसानों का डाटा एकत्रित कर उसे सीएससी सेंटर से जोड़ा है, ताकि कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा कृषि क्षेत्र से जुड़ी दुरुस्त जानकारियां, नवाचारों, प्रौद्योगिकियों व नई तकनीकों को आसानी से किसानों तक पहुंचाया जा सके.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...