हमारे देश में किस्मकिस्म की सब्जियां उगाई जाती हैं. बहुत से किसान केवल सब्जियां उगा कर ही अच्छी कमाई कर लेते हैं, पर एक सवाल उठता है कि सब्जियों की फसल में कैसी खाद डाली जाए, जिस से ग्राहक को पौष्टिक सब्जियां मिल सकें?

हमारे यहां ज्यादातर सब्जियों को नर्सरी में उगाई गईं पौध का पौधारोपण कर के उगाया जाता है. इसलिए यह जरूरी है कि नर्सरी में सेहतमंद पौधे तैयार हों.

नर्सरी में गोबर की सड़ी खाद के अलावा दूसरी खाद या उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जिस की वजह से बहुत कमजोर पौध तैयार होती हैं.

क्यारी बनाने के बाद लगभग 250 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट का इस्तेमाल जरूर करें. ऐसा करने से पौधों की जड़ें काफी फैलती हैं और मजबूत होती हैं. कुछ खास सब्जी फसलों में खाद प्रबंधन ऐसे करें:

फूलगोभी : पौध रोपण से पहले 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस व 60 किलोग्राम पोटाश की मात्रा प्रति हेक्टेयर दें. नाइट्रोजन की आधी और फास्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा को कतारों में डाल कर पौध रोपण करें व बाकी बची नाइट्रोजन को 2 बराबर भागों में निराईगुड़ाई व फूल आने के समय डालें. यदि पत्तों पर पीलापन नजर आए, तो यूरिया की 100 से 150 ग्राम मात्रा 10 लिटर पानी में घोल कर छिड़काव करें.

प्याज व लहसुन : गोबर की सड़ी खाद या कंपोस्ट 15 से 20 टन या 5 से 10 टन वर्मी कंपोस्ट के साथ 120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस व 60 किलोग्राम पोटाश की मात्रा प्रति हेक्टेयर जरूरत होती है. नाइट्रोजन की आधी और फास्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा को खेत की आखिरी जुताई के समय मिला देना चाहिए. नाइट्रोजन की बाकी बची मात्रा को 30 से 40 दिन बाद खड़ी फसल में देना चाहिए.

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