मसाला उत्पादन और मसाला कारोबार के मामले में भारत नंबर वन है. मसाले हमारे भोजन को जायकेदार बनाते हैं, साथ ही उन का निर्यात कर हम विदेशी लोगों के भोजन को भी जायकेदार बनाते हैं.

हमारे देश से बड़ी मात्रा में मसालों का निर्यात होता है. जीरा मसालों का राजा माना जाता है. इस का इस्तेमाल मसाले के अलावा दवाएं बनाने के लिए भी किया जाता है.

किसान जीरे की खेती कर के ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. जीरे में कई बीमारिया लग जाती हैं, जिस से उत्पादन के साथसाथ जीरे की क्वालिटी भी खराब होती है. इसलिए जरूरी है कि जीरे की फसल को बीमारी से बचाया जाए.

जीरे में लगने वाली खास बीमारी उकठा,  झुलसा, छाछया है. इन बीमारियों से जीरे की फसल को काफी नुकसान होता है.

उकठा : इस बीमारी को विल्ट भी कहते हैं. इस का हमला पौधे की किसी भी अवस्था में हो सकता है, लेकिन फसल की जवान अवस्था में ज्यादा होता है.

इस बीमारी के चलते पूरी फसल खत्म हो जाती है. पहले साल यह बीमारी कहींकहीं पर आती है, फिर हर साल बढ़ती रहती है और 3 साल बाद उस रकबे में जीरे की फसल लेना नामुमकिन हो जाता है.

यह बीमारी मिट्टी और बीज के साथ आती है. इस बीमारी के लक्षण सब से पहले बीज पर आते हैं और पौधा मिट्टी से निकलने के पहले ही मर जाता है. खड़ी फसल पर बीमारी आने से पौधे मुरझा जाते हैं.

इस बीमारी का हमला फूल आने के बाद भी होता है. फिर भी कुछ बीज बन जाते हैं तो बीमार बीज हलके, छोटे, पिचके हुए व उगने की कूवत कम रखते हैं. बीमार पौधे छोटे होते हैं और दूर से पत्तियां पीली नजर आती हैं.

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