Mango Festival : देश के कई राज्यों में ‘फलों का राजा’ कहे जाने वाले आम पर महोत्सव आयोजित किया जाता है. लेकिन देश के सब से बड़े आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के अनूठे आम महोत्सव का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. इस साल 3 दिवसीय उत्तर प्रदेश आम महोत्सव का आयोजन 4 से 6 जुलाई के बीच लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में किया गया था, जिस में आम उत्पादक किसानों व बागबानों, आम के उत्पाद बनाने वालों के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं और सब से अच्छा प्रदर्शन करने वालों को अलगअलग वर्गों और श्रेणियों में पुरस्कृत भी किया गया था.

तीन दिनों तक चलने वाले इस यूपी आम महोत्सव में एक दिन पहले ही आम उत्पादक अपने आमों की किस्मों के साथ पहुंच जाते हैं. इस बार भी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बागबान एक दिन पहले ही 3 जुलाई को पहुंच गए थे. इस दिन उद्यान महकमें के कर्मचारियों द्वारा किसानों के आम की अलग किस्मों के साथ पंजीकरण किया गया और बागबानों के आम को प्रदर्शनी हाल में प्रदर्शन व प्रतियोगता के लिए रखा गया.

आम की किस्मों नें मोहा सब का मन

इस बार के आम महोत्सव में आम की लगभग 800 प्रजातियों को शामिल किया गया था, जिस में अंगूर के आकार से ले कर कद्दू के आकर तक के आम देखने को मिले. प्रदर्शनी में रखे गए रंगीन, शंकर और विदेशी किस्मों में टौमी एटकिंस, सेंसेशन, पूसा प्रतिभा, पूसा लालिमा, पूसा श्रेष्ठ, अंबिका, अरुणिका, पूसा अरुणिमा सहित दर्जनों किस्में दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहीं. इस दौरान लोगों ने न केवल इसे अपने कैमरों में कैद किया बल्कि, हाथो में ले कर सैल्फियां भी लीं. इस के आलावा बड़े किस्मों साइज वाले आमों में हाथीझूल सब से ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहा.

शामिल रहे इतने प्रतियोगी

इस साल के उत्तर प्रदेश आम महोत्सव में 58 वर्गों में 7 श्रेणियों की प्रतियोगिताओं में आम की लगभग 800 प्रजातियों के 2,853 नमूने प्रदर्शित किए गए, जिन में प्रसंस्कृत पदार्थ वर्ग में 108 प्रतिभागियों ने 351 नमूने प्रस्तुत किए. इस महोत्सव में 1,449 प्रतिभागियों की भागीदारी रही.

इस महोत्सव में विभिन्न संस्थानों जैसे केंद्रीय उपोष्ण बागबानी संस्थान, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय, आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, सहारनपुर, बस्ती, झांसी और लखनऊ के औद्यानिक केंद्रों सहित उत्तराखंड, सिक्किम, मध्य प्रदेश के प्रतिभागियों ने भी भाग लिया.

इस महोत्सव में आम आइसक्रीम, आम जलेबी, आम पना, आम हलवा, आम रसगुल्ला आदि जैसे प्रसंस्कृत उत्पादों के स्टाल भी आकर्षण का केंद्र रहे. तीन दिवसीय महोत्सव में भारी संख्या में आए हुए नागरिकों, स्कूली बच्चों ने आम और आम के उत्पादों दीदार किया.

मुख्यमंत्री ने किया आम महोत्सव का आगाज

लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में लगने वाले इस 3 दिवसीय आम महोत्सव का आगाज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. इस मौके पर उन्होंने स्टालों का भ्रमण भी किया और बड़ेबड़े आमों को देख कर अचंभित भी हुए. उन्होंने एक स्टाल पर अवलोकन के दौरान अपने नाम के आम की किस्म देखी तो उसे हाथों में उठा कर खिलखिला कर हंस पड़े.

Mango Festival

इस के बाद दूरदराज से आए किसानों से बात करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश आम महोत्सव किसानों के लिए आमों की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन, बाजार व निर्यात की उत्तम व्यवस्था, औद्यानिक फसलों और तकनीक के विषय में जागरूकता उत्पन्न करने का माध्यम बनता जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के किसान नवाचार व कृषि आधुनिकीकरण का प्रयोग कर कई गुना मुनाफा कमा रहे हैं. आम महोत्सव व प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों की मेहनत को भलीभांति देखा जा सकता है.

इस अवसर पर उन्होंने लंदन और दुबई के लिए आम निर्यात हेतु कंटेनर को झंडी दिखा कर रवाना किया और उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण विभाग की आम महोत्सव-2025 पर आधारित स्मारिका का विमोचन भी किया गया. साथ ही उन्होंने प्रदेश के प्रगतिशील किसानों, बागबानों और निर्यातकों को सम्मानित भी किया.

उद्यान राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कार्यक्रम में किसानों से कहा कि लखनऊ के आम की महक देश व विदेश के कोनेकोने तक पहुंच रही है. ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, रूस, इटली, ओमान आदि देशों में भी हमारे देश का आम निर्यात किया जा रहा है.

अजब गजब नाम वाले आम

इस बार उत्तर प्रदेश आम महोत्सव में केंद्रीय उपोष्ण बागबानी संस्थान लखनऊ के स्टाल पर कई अजब गजब नाम वाले आम की किस्में को देखने को मिली, जिस में अलिफ लैला, अफीम, अंडा, मुसरत शास्त्री, हैदर साहब, खरबूजा, फकीर वाला, आर्य समाज, पत्थर, नबाब उस आमदी जैसी दर्जनों किस्में शामिल रहीं.

इस के अलावा संस्थान द्वारा हाल ही में विकसित की गई 2 रंगीन नवीन किस्मों के साथ दर्जनों, किस्में ऐसी भी देखने को मिलीं जिन पर नई किस्म ईजाद करने के लिए शोध चल रहा है. ऐसे आमों को एक विशेष कोड से पहचाना जाता है.

मोदीयोगी के नाम की किस्में रहीं आकर्षण का केंद्र

‘मैंगो मैन’ हाजी कलीमुल्ला द्वारा ईजाद किए गए सीएम योगी का जब ‘योगी आम’ से सामना हुआ तो चेहरे पर मुस्कान आ गई. ‘मैंगो मैन’ हाजी कलीमुल्ला ने बताया कि ‘योगी आम’ तकरीबन 1 किलोग्राम वजनी होता है, गूदा मुलायम और स्वाद बेहद लाजवाब. इस की गुठली काफी छोटी होती है.

वहीं ‘मोदी मैंगो’ के जनक बागबान मलीहाबाद के नवी पनाह के नवाचारी बागबान उपेंद्र कुमार द्वारा विकसित किए गए मोदी आम की खूबियों के बारे बताया कि मोदी आम लंबा आकार, 500 ग्राम वजन और पके हुए पर पीला रंग का होता है. यह जायके और खुशबू में बेहद संपन्न है.

2 छिलकों वाला अनोखा आम
इस प्रदर्शनी में ‘अनारकली’ नामक आम भी खूब आकर्षण का केंद्र बना था. हाजी कलीमुल्लाह ने बताया कि यह ऐसा आम है जिस में दो छिलके होते हैं, ऊपरी और भीतरी गूदा अलगअलग स्वाद लिए होता है.

पवन सिंह और कुमार विश्वास ने बांधा समां

आम महोत्सव के पहले दिन भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने महोत्सव की शाम में समा बांध दिया. दर्शकों और उन के फैन ने लाइट बुझा कर अपने मोबाईल की लाईट से उन का उत्साह बढाया. दूसरे दिन कवि कुमार विश्वास, पद्मिनी शर्मा जैसे नामचीन कवियों नें अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं तो लोग वाहवाह कर उठे.

उन्नत और रंगीन किस्मों के पौधों की रही डिमांड

आम महोत्सव के दौरान कई नर्सरियों द्वारा पौधे भी बेचे जा रहे थे, जिस में सब से ज्यादा मांग बौनी रंगीन, विदेशी और व्यावसायिक किस्मों की रही. इस दौरान दूर दराज के जिले सेआए किसानों नें जम कर पौधों की खरीदारियां की.

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए किया गया सम्मानित

इस महोत्सव के समापन समारोह में आम की विभिन्न प्रजातियों की 7 श्रेणियों के 46 वर्गों की प्रतियोगिता में 45 विजेताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हेतु कुल 122 पुरस्कार और संरक्षित आम उत्पादों की 11 वर्गों के 22 विजेताओं द्वारा प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के कुल 29 पुरस्कार और आम के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के विजेता मोहम्मद अब्दुल सलीम को अंबिका प्रजाति का प्रदर्शन करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श पुरस्कार प्रदान किया गया.

Mango Festival

सर्वाधिक पुरस्कार पाने वालों में अब्दुल सलीम को 21, इकबाल अहमद को 15 और एससी शुक्ला को 11 पुरस्कार प्राप्त हुए. इन 121 प्रजातियों के प्रदर्श प्रदर्शन हेतु एससी शुक्ला को प्रथम, 72 प्रजातियों के लिए हाजी कलीमुल्ला खान को द्वितीय, और 63 प्रजातियों के लिए अवध आम उत्पादक एवं बागबानी समिति को तृतीय पुरस्कार मिला. वहीं 5 से 12 साल के आयु वर्ग की आम खाने की प्रतियोगिता में अरिक्ता सिंह पहले, अनिका मिश्रा दूसरे और अभिश्रेष्ठ तीसरे स्थान पर रहे.

इस महोत्सव पुरस्कार वितरण के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार व कृषि निर्यात राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विजेताओं को सम्मानित किया.

इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों का सम्मान एवं स्वाभिमान हमारी सरकार की प्राथमिकता है. इस महोत्सव में आम उत्पादकों की मेहनत से 15 गांव से 5 किलोग्राम तक के आम प्रदेश के लोगों को देखने को मिले. उत्तर प्रदेश आम महोत्सव मिठास एवं प्रगति का संगम बना है.

मंत्रियो और अधिकारीयों ने किया आम की किस्मों का दीदार

महोत्सव के दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए०के शर्मा, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, अन्य वरिष्ठ मंत्रियों, वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. अरुण कुमार सक्सेना, क्सेना, आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल, विधान परिषद सदस्य जितेन्द्र सिंघल, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव, जिला पंचायत, रायबरेली की अध्यक्ष रंजना चौधरी, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव बी.एल. मीणा, निदेशक मानु प्रकाश राम संयुक्त निदेशक श्री सर्वेश कुमार व राजीव वर्मा सहित वरिष्ठ विभागीय नें महोत्सव का दीदार किया और बागबानों को पुरस्कृत भी किया.

सफल आयोजन में रही इन की भूमिका

उत्तर प्रदेश आम महोत्सव के सफल आयोजन में महकमें के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने दिन रात एक कर दिया. जिस का परिणाम भी दिखा. आम महोत्सव में आने वालों की भीड़ बता रही थी कि पूरे महकमें नें जम कर मेहनत की है. निदेशक मानु प्रकाश राम के मार्गदर्शन में सभी जिलों के जिला उद्यान अधिकारी और कमर्चारी दिए गए जिम्मेदारियों को निभाते दिखे. सब से ज्यादा मेहनत करते हुए बस्ती जिले के संयुक्त निदेशक डा. वीरेंद्र सिंह यादव नें प्रदर्शनी के इंचार्ज के रूप में पूरे पारदर्शी प्रक्रिया से महोत्सव के आयोजन में भूमिका निभाई.

लुट लिए गए आम

आम महोत्सव के अंतिम दिन अफरातफरी मच गई और प्रदर्शनी में रखे आमों की लूट शुरू हो गई. महोत्सव समाप्ति घोषणा के पहले ही भीड़ बेकाबू हो गई. लोग प्रदर्शनी के आम उठा कर ले जाने लगे, जबकि प्रदर्शनी के आम केवल प्रदर्शन के लिए थे. विभाग द्वारा लगाई गई आमों की प्रदर्शनी को लोगों ने मुफ्त का माल समझ कर लूटा. इस मौके पर औरतें दुपट्टे, साड़ी के आंचल बैग इत्यादि में आम भर कर ले भागी.

आम लूट का वीडियो भी खूब वायरल हुआ, जिस में यह देखा जा सकता की प्रदर्शनी में लगाए गए आमों को कोई झोले में भर रहा है, कोई दुपट्टे में बांध रहा है और कुछ तो ऐसे जेब में घुसा रहे हैं जैसे मोबाइल नहीं, आम रख रहे हों. इस वायरल वीडियो ने यह साफ कर दिया है कि आम भले ही फल हो, पर हिंदुस्तान में वह भावना है और जब भावनाएं उफान पर हों, तो कानूनकायदे भी ठेले के पीछे छूट जाते हैं.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...