Insurance: मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत में मात्स्यिकी क्षेत्र के स्थाई  और विकास और मछुआरों के कल्याण के माध्यम से नीली क्रांति लाने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 20,050 करोड़ रुपए के निवेश से प्रमुख योजना ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ का कार्यान्वयन कर रहा है.

यह योजना अन्य बातों के साथसाथ, अंतर्देशीय मछुआरों और मत्स्य श्रमिकों सहित मछुआरों को समूह दुर्घटना बीमा कवरेज के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा उपाय प्रदान करती है, जिस में समुद्री और अंतर्देशीय मछुआरों और संबंधित मत्स्य श्रमिकों दोनों को शामिल किया जाता है, जिस में संपूर्ण बीमा प्रीमियम राशि केंद्र और राज्य के बीच सामान्य राज्यों के लिए 60:40 के अनुपात में, हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 90:10 के अनुपात में साझा की जाती है.

जबकि केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में, सारी प्रीमियम राशि केंद्र द्वारा भुगतान की जाती है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली बीमा कवरेज में मृत्यु या स्थायी पूर्ण शारीरिक अक्षमता के लिए 5 लाख रुपए, स्थायी आंशिक शारीरिक अक्षमता के लिए ढाई लाख रुपए और दुर्घटना की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने पर 25 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्यान्वयन के बीते 3 सालों में (2022-23 से 2024-25) के दौरान, केंद्र सरकार ने 103.73 लाख मछुआरों के बीमा कवरेज के लिए 54.03 करोड़ रुपए की राशि जारी की है, जिस में सालाना औसतन 34.57 लाख मछुआरे शामिल हैं.

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