भारत में ज्यादातर किसान खेती से परेशान हैं. ऐसे में वे मजबूरी में खेती कर रहे हैं. इस की मुख्य वजह कहीं न कहीं उन की उपज का सही दाम न मिल पाना है, जिस के चलते उन्हें लगातार घाटा हो रहा है. फिर भी कुछ ऐसे किसान हैं, जो जरा कर के खेतीबारी कर रहे हैं.

कृषि में नया प्रयोग एक सार्थक प्रयास सच साबित हो रहा है. ऐसे ही एक किसान हैं अचल मिश्रा. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के रहने वाले अचल मिश्रा ने कृषि में नया कीर्तिमान बनाया है.

देश की राजधानी से तकरीबन 450 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश का चीनी का कटोरा कहा जाने वाला जिला लखीमपुर खीरी के पलिया इलाके के मड़ई पुरवा के रहने वाले अचल मिश्रा तकरीबन 80 एकड़ भूमि पर गन्ने की खेती करते हैं. वे गन्ने में प्रति एकड़ गन्ना उत्पादन भी काफी अच्छा लेते हैं. नईनई विधियों को आजमा कर उपज बढ़ाने के लिए वे उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती में हमेशा प्रथम स्थान हासिल करते हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध काल्विन डिगरी कालेज से बैरिस्टरी में स्नातक अचल मिश्रा अपने विश्वविद्यालय से गोल्ड मैडलिस्ट भी रह चुके हैं. पढ़ाई के बाद नौकरी करने के बजाय खेती को ही अपना व्यवसाय बनाया और अपने गांव लौट कर परंपरागत खेती को छोड़ कर आधुनिक विधि से करना शुरू किया.

Sugarcane
Sugarcane

पत्रिका ‘फार्म एन फूड’ से बात करते हुए अचल मिश्रा बताते हैं, ‘‘हम ने साल 2006 से गन्ने की खेती को नईनई वैज्ञानिक विधि से करना शुरू किया. मौजदू समय में मेरे खेत में भी 18 से 20 फुट तक का गन्ना होता है. उपज की बात करें, तो 1,050 से 1,200 क्विंटल प्रति एकड़ होती है. गन्ने की खेती में पिछले 5 सालों से लगातार मुझे प्रथम पुरस्कार मिल रहा है.’’

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