सरसों, चना, अलसी, गेहूं फसलों की कटाई के बाद इन का भंडारण करना होता है. भंडारण की सही जानकारी न होने के कारण 20-25 फीसदी तक अनाज नमी, दीमक, घुन, चूहों द्वारा नष्ट हो जाता है, इसलिए अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इन विधियों को अपना सकते हैं.

भंडारण की सही जानकारी न होने से 10 से 15 फीसदी तक अनाज नमी, दीमक, घुन, बैक्टीरिया द्वारा बरबाद हो जाता है. अनाज को रखने के लिए गोदाम की सफाई कर दीमक और पुराने अवशेष आदि को बाहर निकाल कर जला कर नष्ट कर दें.

दीवारों, फर्श व जमीन आदि में यदि दरार हो तो उन्हें सीमेंट, ईंट की मदद से बंद कर दें. टूटी दीवारों आदि की मरम्मत करा दें. भंडारण में होने वाले इस नुकसान को रोकने के लिए किसान इन सुझावों को ध्यान में रख कर अनाज को भंडारित कर सकते हैं :

अनाजों को अच्छी तरह से साफसुथरा कर धूप में सुखा लेना चाहिए, जिस से कि दानों में 10 फीसदी से अधिक नमी न रहने पाए. अनाज में ज्यादा नमी रहने से फफूंद व कीटों का हमला अधिक होता है. अनाज को सुखाने के बाद दांत से तोड़ने पर कट की आवाज करे तो समझ लेना चाहिए कि अनाज भंडारण के लायक सूख गया है.

बोरियों में अनाज भर कर रखने से पहले इन बोरियों को 20-25 मिनट तक खौलते पानी में डाल देना चाहिए. इस के बाद धूप में अच्छी तरह सुखा लेना चाहिए या छिड़काव के लिए बने मैलाथियान 50 फीसदी के घोल में बोरियों को डुबो कर फिर बाहर निकाल कर सुखा लेना चाहिए. ठीक से सूख जाने के बाद ही उस में अनाज भरना चाहिए.

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