हिसार: चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में ‘वैश्विक खाद्य पोषण सुरक्षा, स्थिरता और स्वास्थ्य के लिए रणनीति’ विषय पर तीनदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, जिस में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में जरमनी से डा. डिटर एच. त्रुट्ज ओस्नाबु्रक व जापान से डा. टाकुरो शिनानो मौजूद रहे.

मुख्य अतिथि प्रो. बीआर कंबोज ने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों से निबटने के लिए टिकाऊ खेती की ओर अग्रसर होना होगा. असमय तापमान का बढ़ना कृषि उत्पादन को प्रभावित कर रहा है, जिस से निबटने के लिए जलवायु के अनुकूल रोगरहित किस्में उपलब्ध करवाना, मिट्टी की नमी का संरक्षण, जल संचय, फसल विविधीकरण, मौसम का सटीक पूर्वानुमान, टिकाऊ फसल उत्पादन प्रबंधन को अपनाने की आवश्यकता है.
खेती में आधुनिक तकनीक अपनाना जरूरी
प्रो. बीआर कंबोज ने कहा कि भूमि की उर्वराशक्ति को बनाए रखने के लिए मृदा के और्गैनिक कार्बन को बढ़ाना, फसल अवशेषों को जलाने के बजाय खेत में ही मिलाना, क्लाईमेट स्मार्ट तकनीक, जिस में टपक सिंचाई, फव्वारा सिंचाई, प्रिशिजन खेती, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग, लेजर लैंड लैवलिंग, जीरो टिलेज व ड्रोन का इस्तेमाल भी शामिल है.

उन्होंने आगे कहा कि खाद्य सुरक्षा में न केवल भोजन की उपलब्धता शामिल है, बल्कि इस की पोषण गुणवत्ता भी शामिल है. मृदा स्वास्थ्य, इनपुट उपयोग दक्षता, जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए उत्पादन तकनीक, जल संसाधन प्रबंधन, जैविक कीट और रोग प्रबंधन, फसल मौडलिंग, रिमोट के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए संसाधन बाधाओं के तहत फसल और खेती प्रणाली के विकास पर ध्यान देने के साथ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सही उपयोग कर के गुणवत्ता से परिपूर्ण खाद्यान्न के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं.

विशिष्ट अतिथि जरमनी से डा. डिटर एच. त्रुट्ज ओस्नाबु्रक ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण खेती में बढ़ रही चुनौतियों से निबटने के लिए संरक्षित कृषि, संसाधन प्रबंधन एवं एकीकृत कृषि प्रबंधन को अपनाना होगा. जापान से डा. टाकुरो शिनानो ने इस तीनदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने पर खुशी जता कर सभी का अभिवादन किया. उन्होंने मिट्टी की उर्वराशक्ति को बढ़ाने के लिए विभिन्न उपाय बताए व फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन अपनाने के लिए प्रेरित किया.
अतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न प्रतियोगिताओं में रहे विजेताओं को भी सम्मान दिया गया.

Modern Farmingथीम-1 मौखिक प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- डा. रितु, सीसीएसएचएयू, हिसार, द्वितीय पुरस्कार- डा. गीतिका सरहंदी, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला.
पोस्टर प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- सिमरन गुप्ता, दयाल बाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, आगरा, द्वितीय पुरस्कार- अदिती, सीसीएसएचएयू, हिसार.

थीम-2 मौखिक प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- डा. चित्रा जी. भट्ट, सीसीएसएचएयू, हिसार, द्वितीय पुरस्कार- तुशादरी सिंह, जीबी पंत यूनिवर्सिटी, पंतनगर व चारूलता, आईआईडब्ल्यूबीआर, शिमला.
पोस्टर प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार पीएयू, लुधियाना के शाइला बिंद्रा व जतिन शर्मा, द्वितीय पुरस्कार- इशान मुखर्जी, सीसीएसएचएयू, हिसार व सधान देबनाथ, यूमीयम, मेघालय

थीम-3 मौखिक प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- पुजा रावत, सीसीएसएचएयू, हिसार, द्वितीय पुरस्कार- स्वतंत्र कुमार दुबे, इंटरनेश्नल राइस रिसर्च इंसटीट्यूट, वाराणसी ने प्राप्त किया.
पोस्टर प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- सुमंत्रा आर्य, सीसीएसएचएयू, हिसार, द्वितीय पुरस्कार- सरिता रानी, सीसीएसएचएयू, हिसार.

थीम-4 मौखिक प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- सौरभ सुमन, आईसीएआर, आईएआरआई, नई दिल्ली, द्वितीय पुरस्कार- दीपशिखा मंडल, आईसीएआर-आईएआरआई, नई दिल्ली.
पोस्टर प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- पीएयू, लुधियाना के तेनजिनय, जबकि द्वितीय पुरस्कार- केवीके पंचकुला के राजेश लाठर.

थीम-5 मौखिक प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- सीसीएसएचएयू, हिसार की डा. जतेश काठपालिया ने प्राप्त किया.
पोस्टर प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एजुकेशन, सीसीएसएचएयू, हिसार के अरूलमनिकंदन ने, जबकि द्वितीय पुरस्कार एपरेल एंड टैक्सटाइल सांइस, सीसीएसएचएयू, हिसार की गुंजन ने प्राप्त किया.

थीम-6 मौखिक प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार- यूनिवर्सिटी औफ राजस्थान, अजमेर से के. सिद्धारथा ने प्राप्त किया.
पोस्टर प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार: ऐक्सटेशन एजुकेशन एंड कम्यूनिकेशन मैनेजमेंट, सीसीएसएचएयू, हिसार की वर्तिका श्रीवास्तव ने, जबकि द्वितीय पुरस्कार दिल्ली टैक्नोलौजी यूनिवर्सिटी, दिल्ली की अनीशा काठपालिया ने प्राप्त किया.

थीम-7 मौखिक प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार पीएयू, लुधियाना के मनोज कुमार ने, जबकि द्वितीय पुरस्कार सीसीएसएचएयू, हिसार के आशुतोष लोवांशी ने प्राप्त किया.
पोस्टर प्रस्तुति: आईसीएआर-एनआरसीई, हिसार की भव्या पहले, जबकि जुलोजी विभाग, सीसीएसएचएयू, हिसार के राहुल कुमार दूसरे स्थान पर रहे.

थीम-8 मौखिक प्रस्तुति: सीसीएसएचएयू, हिसार की रीना चैहान प्रथम, जबकि सीसीएसएचएयू, हिसार की लोचन शर्मा व पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला की गुरविंदर कौर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया.
पोस्टर प्रस्तुति: पीएयू, लुधियाना की अर्शदीप कौर ने प्रथम, सीसीएसएचएयू, हिसार के नविश कुमार कंबोज व पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ की सिमरन द्वितीय स्थान पर रही.

थीम-9 मौखिक प्रस्तुति: प्रथम पुरस्कार एमपीयूएटी, उदयपुर के मोहित ने प्राप्त किया.
पोस्टर प्रस्तुति: सीसीएसएचएयू, हिसार के राम नरेश प्रथम, जबकि भारत पटेल दूसरे स्थान पर रहे.

थीम-10 मौखिक प्रस्तुति: इंटरनेशनल राइस रिर्सच इंसटीट्यूट के प्रोलौय देब प्रथम, आईआरआरआई, साउथ एशिया रीजनल सैंटर, वाराणसी के माले कुमार भौमिक व सीसीएसएचएयू, हिसार के जगदीप सिंह द्वितीय स्थान पर रहे.
पोस्टर प्रस्तुति: वाईएसपी यूएचएफ, सोलन की अमीशा रानी प्रथम व सीसीएसएचएयू, हिसार की शिखा महता दूसरे स्थान पर रही.

थीम-11 मौखिक प्रस्तुति: सैंट्रल यूनिवर्सिटी औफ हरियाणा की अनीता कुमारी प्रथम, जबकि मोनाद यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश की रीतू छिकारा दूसरे स्थान पर रही.
पोस्टर प्रस्तुति: सीसीएसएचएयू, हिसार के अंकुश ने प्रथम, जबकि पीएयू, लुधियाना की अर्चना तिवारी दूसरे स्थान पर रही.

थीम-12 मौखिक प्रस्तुति: सीसीएसएचएयू, हिसार की अन्नू रानी प्रथम, जबकि प्रियंका ने दूसरा स्थान प्राप्त किया.
पोस्टर प्रस्तुति: सीसीएसएचएयू, हिसार के मंजीत ने प्रथम, जबकि वाईएसपी यूएचएफ, सोलन की शिवानी ठाकुर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया.

विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक एवं सम्मेलन के आयोजन सचिव डा. जीतराम शर्मा ने सभी का स्वागत किया, जबकि कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एसके पाहुजा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया.

अतिरिक्त अनुसंधान निदेशक डा. राजेश गेरा ने सम्मेलन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. साथ ही, मंच संचालन डा. जयंति टोकस ने किया. इस अवसर पर डा. आरके बहल, डा. र्साइंदास, डा. देवकी नंदन, डा. अनिता भटनागर, डा. अनिता दूआ व डा. बीके शर्मा सहित देशविदेश के संस्थानों से आए प्रख्यात वैज्ञानिक व शोधार्थी मौजूद रहे.

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