उदयपुर: यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (यूएसआर) के तहत प्रदेश की प्रत्येक राज्यपोषित विश्वविद्यालय द्वारा गांव को गोद ले कर उसे स्मार्ट विलेज में रूपांतरित किए जाने की राज्यपाल द्वारा पहल की गई. राज्यपाल द्वारा वर्ष 2022 में स्मार्ट गांव में विश्वविद्यालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों का खुद ही अवलोकन किया. पूर्व में भी वर्ष 2021-22 में एमपीयूएटी के स्मार्ट गांव को प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप स्मार्ट गांव में कृषि, सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक क्षेत्रों में थोड़ाबहुत परिवर्तन हुआ.
इस कार्यक्रम का महत्वपूर्ण घटक सभी राजकीय एवं गैरराजकीय संस्थानों को साथ ले कर कृषि, शिक्षा, पशुपालन, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण विकास के विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. साथ ही, कारपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत एक करोड़ रुपए से अधिक के काम संपादित किए जा चुके हैं. वहीं वर्ष 2022-23 में विश्वविद्यालय के 130 वैज्ञानिकों एवं अन्य अधिकारियों द्वारा 42 बार भ्रमण किया और कुलपति ने भी इन गांवों में 4 बार भ्रमण कर काम की योजना के क्रियान्वयन का निरीक्षण किया. विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न परियोजनाओं द्वारा विकसित तकनीकी एवं यंत्रों आदि का भी इन गांवों में प्रदर्शन किया गया.
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा 36 एकदिवसीय प्रशिक्षणों के माध्यम से 2311 किसान और किसान महिलाएं लाभान्वित हुए.
विश्वविद्यालय द्वारा फसल, सब्जी, फल एवं गृह वाटिका उत्पादन पर विभिन्न प्रशिक्षण एवं 165 प्रदर्शन किसानों के खेतों पर आयोजित किए गए.
राजस्थान कृषि महाविद्यालय, मात्स्यकी महाविद्यालय, डेरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के 168 एनएसएस के छात्रों द्वारा स्मार्ट गांव मदार एवं ब्राह्मणों के हुंदर में स्वच्छता अभियान, जल प्रबंधन एवं पोषक अनाज उत्पादन पर जागरूकता रैली आयोजित की गई. बंजर भूमि विकास के लिए ग्राम पचांयत एवं वन विभाग के सहयोग से 175 वृक्ष नीम, करंज, जामुन, सुबबूल एवं मोरिंगा आदि का वृक्षारोपण किया गया. पशुपालन विभाग के सहयोग से पशु चिकित्सा शिविर में 360 पशुओं और 590 भेड़बकरियों का टीकाकरण किया गया और लंपी वायरस से बचाव के लिए पशुपालकों को जागरूक किया गया.