गांधीनगर : मुख्य अतिथि के तौर पर लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात सहित पूरे पश्चिम भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है कि आज गांधीनगर जिले के कलोल में इफको के नैनो डीएपी (तरल) संयंत्र का लोकार्पण हुआ है.

इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उवर्रक मंत्री मनसुख मांडविया भी उपस्थित थे.

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी में भारत को विश्व में सर्वप्रथम ले जाने के लिए इफको की टीम को बधाई देते हुए कहा कि भारत जैसी उपजाऊ भूमि, सुजलामसुफलाम धरती, कृषि प्रधान देश, इतनी बड़ी खेती लायक भूमि, 3 से 4 फसलों के लिए उपयुक्त आबोहवा दुनिया में कहीं और नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां 75 साल में हम ने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि किसान हर महीने खेती कर सके.

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि देश में अनाज की जरूरत और उत्पादन के अंतर को पूरा करने की जिम्मेदारी भारत की सहकारी संस्थाओं की है. 10 साल बाद जब कृषि क्षेत्र में हुए सब से बड़े प्रयोगों की लिस्ट बनेगी, तब इफको के नैनो यूरिया और नैनो डीएपी उस में शामिल होंगे.

मंत्री अमित शाह ने कहा कि समय की जरूरत है कि यूरिया का उपयोग घटा कर प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ा जाए, लेकिन साथ ही उत्पादन बढ़ाने की भी आवश्यकता है.

उन्होंने आगे कहा कि नैनो यूरिया का छिड़काव जमीन पर नहीं, बल्कि पौधे पर किया जाता है और इस से धरती में मौजूद केंचुओं के मरने और प्राकृतिक तत्वों के नष्ट होने की संभावना शून्य होती है. अगर सभी प्राथमिक कृषि ऋण समितियां यानी पीएसीएस इफको के साथ मिल कर नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का उपयोग करें, तो बहुत जल्द ही हमारी धरती प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ेगी.

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