नई दिल्ली : 18 जुलाई 2023. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 95वें स्‍थापना दिवस समारोह का समापन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में हुआ.

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कृषि एवं खाद्य सुरक्षा के संबंध में वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों के समाधान में आईसीएआर के वैज्ञानिकों की महती जिम्मेदारी है, इन में वे सफल हों. साथ ही, वैज्ञानिकों का अनुसंधान आम लोगों के ध्यान में भी आएं, वे और प्रशंसा के पात्र बनें, इस दृष्टि से स्थापना दिवस को प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाने की सार्थकता है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारे कृषि प्रधान देश में किसानों के अथक परिश्रम, वैज्ञानिकों के अनुसंधान व केंद्र एवं राज्यों की किसान हितैषी नीतियों के कारण हमारा देश आज खाद्यान्न अतिशेष बन चुका है और अधिकांश कृषि उत्पादों की दृष्टि से दुनिया में नंबर वन या टू पर है.

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उन्होंने यह भी कहा कि हमारे वैज्ञानिकों का दूरगामी दृष्टिकोण भारत को हर विधा में नंबर वन पर पहुंचाने का है और इस दिशा में आईसीएआर के संस्थानों से ले कर देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों तक, सभी वैज्ञानिक प्रयत्नशील हैं.

कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की चुनौती हम सब लोगों क सामने है, सारी दुनिया इस से जूझ रही है. जलवायु परिवर्तन के दौर में जिन बीजों की जरूरत है और खाद्यान्न-बागबानी, पशुपालन, मत्स्यपालन क्षेत्र में भी दूरगामी सोच व आपूर्ति की अपेक्षा के अनुरूप हमारे वैज्ञानिक काम कर रहे हैं, उन की सफलता का विश्वास है.

उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उद्घाटन समारोह के दौरान विभिन्न विषयों से संबंधित 17 समझौतों का आदानप्रदान हुआ. साथ ही, आईसीएआर एवं वैज्ञानिकों को परामर्शदाता के रूप में आगे आने के लिए भागीदारों द्वारा रुचि की अभिव्यक्ति भी की गई है.

आईसीएआर ने 16 जुलाई, 2023 को 95वां स्थापना दिवस मनाया. पहली बार स्थापना दिवस को प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया गया. परिषद द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों व नवाचारों के बारे में लोगों को बताने व जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिस में किसानों, कृषि उद्योग से जुड़े लोगों ने सहभागिता की.

प्रदर्शनी का केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अवलोकन किया. इस में नई दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया व वैज्ञानिकों से संवाद किया. इस तरह के प्रयासों से छात्रछात्राओं को कृषि विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ने की प्रेरणा मिलती है.

 

आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक ने बताया कि आयोजन के दौरान कृषि नवाचारों को बढ़ावा देने व व्यावसायीकरण के लिए वैज्ञानिक उद्योग इंटरफेस बैठकें भी साइड इवेंट में आयोजित की गई. कार्यक्रम में किसान, स्टार्टअप प्रतिनिधि, आईसीएआर कर्मी भी मौजूद थे.

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