जयपुर: महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना द्वारा गोदित गांव गुडली में 10 वर्षा जल संरक्षण इकाई का उद्घाटन डॉ मृदुला देवी, निदेशक, केंद्रीय कृषिरत  महिला संस्थान द्वारा किया गया. यह वर्षा जल संरक्षण इकाइयाँ स्थानीय गांव में प्रदूषित हुए जल को शुद्ध करने के उद्देश्य से परियोजना द्वारा स्थापित की  गई है. इसके साथ ही गांव में बेरोजगार महिलाओं को रोजगार हेतु मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए 50 महिलाओं को चूजे वितरित किए गए, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बने.

प्रत्येक वर्षा जल संरक्षण इकाई से 100000 लीटर वर्षा जल भू जल में रिचार्ज होगा जिसका बाजार मूल्य 20 लाख रूपये होता है . इस तरह इन सभी इकाइयों से होने वाले वर्षा जल जो रिचार्ज होगा उसका बाजार मूल्य एक करोड़ होता है. इससे सभी इकाइयों का भू जल शुद्ध भी होगा जिसकी यह नितांत आवश्यकता है.

यह जानकारी तकनीकी सहायक, नगर के वाटर हीरो डॉ पी सी जैन ने दी है. निदेशक ने महिलाओं को घर पर उद्यम शुरू कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया व उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए संभावित उद्यम के य द्वारा गत पांच वर्षों में स्थानीय गांव में हुए कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया एवं वर्षा जल संरक्षण इकाई स्थापित करने के उद्देश्य को बताया. साथ ही महिलाओं को मुर्गी पालन के लिए प्रेरित किया. डॉ गायत्री तिवारी ने अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में डॉ सुधा बाबेल, डॉ हेमू राठौड़, डॉ विशाखा सिंह, डॉ स्नेहा जैन, डॉ सीमा डांगी चारु नागर व प्रियंका भाटी का सफल योगदान रहा.  कार्यक्रम में कुल 50 महिलाओं व 20 बच्चों ने भाग लिया.

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