पटना : बिहार में आम की विविधताओं को प्रदर्शित करने और आम उत्पादक किसानों को एक बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिहार के राजभवन में 2 दिवसीय आमोत्सव-2024 का आयोजन 15 जून व 16 जून को हुआ. यह कार्यक्रम बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और कृषि विभाग, बिहार सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया.  इस आमोत्सव में 300 से अधिक आम की किस्मों को हजारों लोग पूरे बिहार से देखने आए. यहां आम के विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम उत्पादक किसान, व्यापारी और आम के प्रेमी लोगों ने हिस्सा लिया.

आमोत्सव-2024 का उद्घाटन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “आम से मेरा प्यार बहुत पुराना है. गोवा जहां से मैं हूं, वहां का अल्फांजो और हापूस आम पूरी दुनिया में भारत की पहचान के तौर पर जाने जाते हैं. लेकिन जब मुझे बिहार आने पर बीएयू, सबौर के कुलपति द्वारा भागलपुरी जर्दालू आम दिया गया, तो मैं इस के स्वाद से काफी प्रभावित हुआ.

“मैं यह कह सकता हूं कि बिहार के प्रमुख आम जर्दालू, दीघा मालदह और दुधिया मालदह में वह क्षमता है कि यह भारत की पहचान के रूप में स्थापित हो सके.”

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने आमोत्स्व-2024 के आयोजन के पीछे का मकसद बताते हुए कहा कि बिहार के आम का स्वाद बहुत अनोखा होता है और इसे उचित बाजार मिले तो निश्चित तौर पर आम उत्पादकों को बड़ा फायदा होगा. यहां अगर हम इंडस्ट्री लगाने की बात करते हैं, तो वह इंडस्ट्री कृषि आधारित होनी चाहिए.”

बिहार के आम (Mangoes of Bihar)

इस आमोत्सव में बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में आम और भारतीय संस्कृति में अनूठे रिश्ते पर प्रकाश डाला और कहा कि आम प्रकृति का सब से बड़ा उपहार है.

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में आमों की इतनी विविधताएं पाई जाती हैं, फिर भी बिहार का देश में आम उत्पादन में चौथा स्थान है. इस तरह के आयोजन से आम के उत्पादन और विपणन में बढ़ोतरी होगी और निश्चित तौर पर बिहार आम उत्पादन में अपना प्रथम स्थान हासिल करेगा.

कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आम प्रदर्शनी में 300 से अधिक किस्में और आम के विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं. यहां प्रदर्शित आम के विभिन्न उत्पादों में उद्यमिता की भरपूर क्षमता है. अतः यह बात आज ध्यान में आने के बाद कृषि विभाग इस दिशा में काम करेगा.

उन्होंने आगे कहा कि बिहार में लगभग 1.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम की खेती होती है और औसत उपज 9.7 टन प्रति हेक्टेयर है. बिहार सरकार के बागबानी मिशन और मुख्मंत्री तीव्र बागबानी योजना से हर वर्ष उपज क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. कृषि मंत्री ने आम की उत्पादकता को बढ़ाने में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के योगदानों की सराहना की.

बिहार के आम (Mangoes of Bihar)

इस अवसर पर कार्यक्रम में देशभर के उद्यान वैज्ञानिकों के अलावा कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया, जिन में बिहार सरकार के मंत्री डा. प्रेम कुमार और श्रवन कुमार, पद्मश्री रामचेत चौधरी, किसान चाची के नाम से मशहूर पद्मश्री राजकुमारी देवी, मैंगो मैन अशोक चौधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व उपमहानिदेशक डा. एचपी सिंह और वर्तमान में सहायक महानिदेशक (फल एवं रोपण फसलें) डा. विश्वबंधु पटेल के अलावा बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. डीआर सिंह, राज्यपाल के प्रधान सचिव रौबर्ट चोंगथू और सचिव कृषि विभाग संजय कुमार अग्रवाल इत्यादि लोगों की उपस्थिति रही.

इस से पूर्व राज्यपाल द्वारा आमोत्सव 2024 की स्मारिका पुस्तिका और वेरिएटल वेल्थ औफ बिहार नामक पुस्तक का विमोचन किया गया. राज्यपाल द्वारा जर्दालू आम पर बनी लघु वृत्तचित्र और मैंगो पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...