विझिंजम : मत्स्यपालन विभाग के सचिव डा. अभिलक्ष लिखी ने आईसीएआर-सीएमएफआरआई-विझिंजम क्षेत्रीय केंद्र का दौरा किया. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में समुद्री मछली हैचरी का भी दौरा किया और वहां वैज्ञानिकों और मछली किसानों के साथ बातचीत की. उन्होंने नैशनल ब्रूड बैंक औफ सिल्वर पोम्पानो, समुद्री सजावटी और लाइव फीड कल्चर यूनिट और बाइवाल्व हैचरी का दौरा किया. डा. अभिलक्ष लिखी ने सागरिका समुद्री अनुसंधान मछलीघर का भी दौरा किया.

उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की. उन्होंने मसल्स हैचरी के तटीय जल में स्थायी उत्पादन के प्रस्ताव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण काम को शुरू किया जाना है.

Fishingउन्होंने आगे कहा कि समुद्र में हैचरी उत्पादित सीप के अवशेषों की समुद्री खेती के माध्यम से मोती सीपों के प्राकृतिक आवासों को बचाने और संवर्धित करने से संसाधन संरक्षण और आर्थिक स्थायित्व के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलेगी.

उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल से मसल्स और सीपों के प्राकृतिक आवास के फिर से जीवंत होने की उम्मीद है, जो अंततः कई मछुआरा परिवारों की आजीविका में सहयोग करेगा.

सजावटी मछली हैचरी का भी दौरा

सचिव ने सागरिका समुद्री अनुसंधान मछलीघर और सजावटी मछली हैचरी का भी दौरा किया और वहां सजावटी प्रजातियों की क्षमता जानने को उत्सुक थे.

डा. अभिलक्ष लिखी ने आजीविका के विकल्प के रूप में सजावटी मछली के महत्त्व पर प्रकाश डाला और मछली किसानों और उद्यमियों को प्रशिक्षण दे कर सजावटी मछलीपालन तकनीक को लोकप्रिय बनाने के सीएमएफआरआई के प्रयासों पर का भी उल्लेख किया.

उन्होंने मछली किसानों और उद्यमियों के साथ बातचीत की और उन्हें सजावटी मछली उत्पादन इकाइयों में पालने के लिए सजावटी मछली के बीज भी वितरित किए.

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