नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के धनबाद के सिंदरी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) सिंदरी उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में उर्वरक संयंत्र का शिलान्यास किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की यात्रा की इस महत्वपूर्ण पहल के महत्व पर प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा कि भारत को हर साल 360 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता होती है और वर्ष 2014 में भारत सिर्फ 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन कर रहा था. मांग और पूर्ति के इस भारी अंतर के कारण बड़ी मात्रा में यूरिया की आयात की आवश्यकता पड़ी.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में यूरिया का उत्पादन बढ़ कर 310 लाख मीट्रिक टन हो गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि इस संयंत्र के शुभारंभ से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए मार्ग खुले हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामागुंडम, गोरखपुर और बरौनी उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार के बारे में भी जानकारी दी. साथ ही, सिंदरी को भी इस सूची में जोड़ा गया है.

यूरिया उत्पादन (Urea production)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तालचेर उर्वरक संयंत्र भी अगले वर्ष में शुरू हो जाएगा. ये 5 संयंत्र 60 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करेंगे और भारत को इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर करेंगे.

हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) अर्थात राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी), इंडियन औयल कारपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और एफसीआईएल)/एचएफसीएल की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है, जिसे 15 जून, 2016 को निगमित किया गया था. प्रति वर्ष 12.7 एलएमटी की स्थापित क्षमता के साथ नया अमोनिया यूरिया संयंत्र स्थापित कर के सिंदरी उर्वरक इकाई का पुनरुद्धार किया गया. सिंदरी संयंत्र ने 5 नवंबर, 2022 को यूरिया का उत्पादन शुरू किया.

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