नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी फसल सत्र 2024 (1 अक्तूबर, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक) के लिए फास्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों (fertilizers)पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने के उद्देश्य से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस संबंध में रबी फसल सत्र 2024 के लिए अस्थायी बजटीय आवश्यकता लगभग 24,475.53 करोड़ रुपए होगी.

निर्णय से होने वाले लाभ

इस पहल से किसानों को रियायती, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों (fertilizers) की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. उर्वरकों और निविष्टियों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में हालिया रुझानों को देखते हुए फास्फेटिक और पोटैशिक उर्वरकों पर सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जाएगा.

किसानों को सस्ती कीमतों पर इन उर्वरकों (fertilizers) की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ रबी सत्र 2024 के लिए अनुमोदित दरों (1 अक्तूबर, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक लागू) के आधार पर फास्फेटिक और पोटैशिक उर्वरकों पर सब्सिडी दी जाएगी.

सरकार उर्वरक निर्माताओं/आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती दरों पर 28 ग्रेड के फास्फेटिक और पोटैशिक  उर्वरक उपलब्ध करा रही है. ऐसे पीएंडके उर्वरकों (fertilizers) पर सब्सिडी 1 अप्रैल, 2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना द्वारा नियंत्रित होती है. सरकार अपने किसान हितैषी दृष्टिकोण के अनुरूप देश के किसानों को किफायती मूल्यों पर पीएंडके उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सरकार ने उर्वरकों (fertilizers) और निविष्टियों यानी यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में हालिया रुझानों को देखते हुए, रबी 2024 के लिए फास्फेटिक और पोटैशिक (पीएंडके) उर्वरकों (fertilizers) पर 1 अक्तूबर, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है. उर्वरक कंपनियों को अनुमोदित और अधिसूचित दरों के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जाएगी, ताकि किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक उपलब्ध कराई जा सके.

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