नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए परिपूर्णता लक्ष्य को अपना कर जनजातीय समुदायों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए 79,156 करोड़ रुपए (केंद्रीय हिस्सा: 56,333 करोड़ रुपए और राज्य हिस्सा : 22,823 करोड़ रुपए) के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी.
बजट भाषण 2024-25 की घोषणा के अनुरूप इस में लगभग 63,000 गांव शामिल होंगे, जिस से 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ होगा. इस में 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय बहुल 549 जिले और 2,740 ब्लौक के गांव शामिल होंगे.
साल 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में अनुसूचित जनजातियों की आबादी 10.45 करोड़ है और देशभर में 705 से अधिक जनजातीय समुदाय हैं, जो दूरदराज और पहुंच से दूर क्षेत्रों में रहते हैं. प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना और पीएम जनमन (प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान) की सीख और सफलता के आधार पर जनजातीय क्षेत्रों एवं समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है.
इस मिशन में 25 कार्यक्रम शामिल हैं, जिन्हें 17 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा. प्रत्येक मंत्रालय/विभाग अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत उन्हें आवंटित धनराशि के माध्यम से अगले 5 सालों में समयबद्ध तरीके से इस से संबंधित योजना के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी होगा, ताकि निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके :
लक्ष्य- 1 : सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास