Crop Residue : कुछ सालों पहले तक किसानों के लिए उन के खेतों में पैदा होने वाली हर चीज काम लायक होती थी. खाने के लिए अनाज के अलावा बाकी बचे पुआल, भूसा व गन्ने पत्तियों को मवेशियों के लिए चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन अब अवशेष (Crop Residue) किसानों को बेकार लगने लगे हैं. वे इन अवशेषों को खेतों में ही जलाने लगे हैं.
किसान सबकुछ जानते हुए भी यह काम कर रहे हैं, जिस के तमाम बुरे नतीजे सामने आ रहे हैं. इस से वातावरण खराब हो रहा है. इस से धरती का तापमान बढ़ता है और खेतों की मिट्टी की फसल पैदावार कूवत कम होती है. इस से जमीन कठोर हो जाती है और कुदरती वनस्पति व जीवजंतु आदि नष्ट हो जाते हैं. तमाम तरह के पक्षी खत्म होने की कगार पर हैं, जो कीटपतंगों को खा कर फसल की रक्षा भी करते हैं. ये सब ऐसे नुकसान हैं जिन्हें किसान नजरअंदाज कर रहे हैं.
हम सभी को पता है कि फसल के अवशेषों को खेतों में जलाने पर बहुत वायु प्रदूषण बढ़ता है. अभी पिछले दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि वे किसानों के फसल के अवशेषों को जलाने पर रोक लगाएं. तमाम प्रगतिशील व समझदार किसानों ने इस बात को समझा और माना भी. उन्होंने अपने धान के पुआल को रोटावेटर जैसी मशीनों से खेत में मिला कर सड़ा कर खाद में बदल दिया.
फतेहाबाद, हरियाणा के ऐसे ही एक किसान सुखविंदर सिंह संधु हैं, जिन्हें कई बार सरकार सम्मानित कर चुकी है. उन्होंने भी पिछले 5 सालों से अपने खेत के अवशेष नहीं जलाए हैं. उन का मानना?है कि फसलों के अवशेषों से बढि़या कोई खाद नहीं हो सकती. उन्होंने बताया कि वे फसल के अवशेषों को ट्रैक्टर से जोत कर जमीन में ही मिला देते?हैं, जिस से जमीन में कार्बनिक पदार्थ बढ़ते?हैं.
किसानों को समझना चाहिए कि खेत की ऊपरी सतह में ही तमाम जरूरी पोषक तत्त्व होते हैं, जो आग लगाने के कारण नष्ट हो जाते हैं, लिहाजा फसल के अवशेषों को खेत में न जला कर उन से खाद बना देनी चाहिए. 1 एकड़ खेत में करीब 3 से 4 टन तक गन्ने की पत्तियां होती हैं, उन पत्तियों को अगर मशीन से खेत में जोत दिया जाए, तो एक तरफ तो प्रदूषण नहीं होगा और दूसरी तरफ जो खाद बनेगी उस से जमीन की पैदावार कूवत बढ़ेगी. इस से पैसे की भी बचत होगी.
शुगरकेन ट्रैश श्रेडर मशीन
(शुगरकेन लीफ कटर)
गुरू एग्रो इंडस्ट्रीज की यह मशीन बहुत कम समय में अच्छे खासे एरिए की गन्ने की पत्तियों आदि का चूरा कर के खाद बना देती है. इस कंपनी से जुड़े विक्की ने बताया कि इस मशीन के इस्तेमाल से भारी मात्रा में खाद हासिल होती है, जो जमीन को उपजाऊ बनाने में कारगर होती है. इस से पानी की बचत होती और घासफूस से छुटकारा भी मिलता है.
मास्किओ गास्पार्दो का टर्मिनेटर
इस टर्मिनेटर मशीन के बारे में मेरठ के मशीन विक्रेता सुरेंद्र सिंह वर्मा ने बताया कि यह अच्छी तकनीक और बेहतर डिजाइन के साथ बनाया गई यह श्रेडर मशीन टर्मिनेटर के नाम से हमारे पास उपलब्ध है. यह पुआल, पत्तियां, डंठल जैसे फसल अवशेषों (Crop Residue) को बारीक करने के लिए बेहतर क्वालिटी का कृषि यंत्र है. गन्ना पत्तियां, गेहूं व धान आदि फसलों के अवशेषों का खेत में ही चूरा बना कर खाद के लिए खेत को तैयार करता है.