Bastar Gaurav Samman : फरसगांव में हुए ‘मेरा लक्ष्य, मेरा अभिमान’ कार्यक्रम के अंतर्गत हजारों लोगों की मौजूदगी में बस्तर अंचल की कई प्रतिभाशाली विभूतियों को ‘बस्तर गौरव सम्मान’ (Bastar Gaurav Samman) प्रदान किया गया. इस आयोजन में लगभग 10,000 लोगों की ऐतिहासिक उपस्थिति रही, जिन में 5,000 से अधिक युवा और बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं.
मुख्य अतिथि गजेंद्र यादव (मंत्री, स्कूल शिक्षा, छत्तीसगढ़) थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक नीलकंठ टेकाम ने की. नीलकंठ टेकाम पहले कोंडागांव के कलक्टर रहे हैं, जिन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ कर जनसेवा को जीवन का ध्येय बनाया.
इस अवसर पर बस्तर की जिन विभूतियों को सम्मानित किया गया, उन में प्रमुख हैं डा. राजाराम त्रिपाठी जो जैविक खेती व औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण में अग्रणी रहे हैं और सफेद मूसली, स्टीविया और काली मिर्च की उन्नत प्रजाति विकसित कर पूरे देश को नई दिशा देने वाले और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए समर्पित हैं.
विशाल सभा को संबोधित करते हुए विधायक नीलकंठ टेकाम ने कहा, “डा. राजाराम त्रिपाठी ने अपने अदम्य परिश्रम से न केवल बस्तर, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है. प्राकृतिक खेती और लुप्त हो रही जड़ीबूटियों को पुनर्जीवित करने का उन का कार्य ऐतिहासिक है. सफेद मूसली, स्टीविया और विशेषकर काली मिर्च की उन्नत प्रजाति ने हजारों किसानों की जिंदगी बदली है. आदिवासी समाज के उत्थान में उन का योगदान अमूल्य है. ऐसे व्यक्तित्व वास्तव में धरती के सच्चे सपूत हैं.”
सम्मान ग्रहण करते हुए डा. राजाराम त्रिपाठी ने कहा, “मुझे देशविदेश में कई पुरस्कार तथा सम्मान प्राप्त हुए, लेकिन अपनी धरती, अपनी माटी और अपने लोगों से मिला यह ‘बस्तर गौरव सम्मान’ (Bastar Gaurav Samman) मेरे जीवन का सब से बड़ा सम्मान है. इसे मैं बस्तर की माटी, अपने आदिवासी भाइयोंबहनों, अपने सभी परिजनों और मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के अपने प्रत्येक साथी को समर्पित करता हूं. सच्चा सम्मान वही है जो हमें और अधिक समर्पण और ऊर्जा के साथ समाजसेवा के लिए प्रेरित करे.”
इस कार्यक्रम का एक और प्रमुख आकर्षण स्थानीय छात्रछात्राओं द्वारा प्रस्तुत की गई ‘रक्तबीज नृत्य नाटिका’ और नशामुक्ति पर केंद्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा.