Mushroom Production : मशरूम उत्पादन रोजगार का एक अच्छा जरिया है, जो न केवल आपको अच्छी आय दिला सकती है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करती है. मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) महिलाएं भी कर अपनी जिंदगी संवार सकती हैं.
मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) कम लागत में की जा सकती है, जिससे यह छोटे और मध्यम किसानों के लिए भी उपयुक्त भी है. मशरूम की बाजार में अच्छी मांग होती है, जिससे आपको अच्छी आय हो सकती है.
केंद्र और राज्य सरकारें मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) को बढ़ावा देने के लिए अनुदान और प्रशिक्षण भी प्रदान करती हैं.
मशरूम खेती से न केवल आपको रोजगार मिलता है, बल्कि आप दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं .
महिलाओं को डिजिटल सखी और जीविका दीदी के माध्यम से प्रशिक्षण और समर्थन दिया जाता है. मशरूम किट की लागत कम है और सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाता है .
इसी के तहत चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में मशरूम उत्पादन (Mushroom Production)तकनीक पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न 6 राज्यों के 86 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
यह जानकारी देते हुए संस्थान के सहनिदेशक डा. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज के मार्गदर्शन में किसानों व युवाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए समयसमय पर मधुमक्खीपालन, केंचुआ खाद उत्पादन, फलसब्जी परिरक्षण और कृषि में ड्रोन की उपयोगिता जैसे प्रशिक्षण दिए जाते हैं.
उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) तकनीक के प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रतिभागियों ने भाग लिया. उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) एक पर्यावरण अनुकूल गतिविधि है जो खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के साथसाथ युवाओं को बेहतर रोजगार भी उपलब्ध कराती है.
भूमिहीन किसान और युवा कम लागत में यह व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. प्रशिक्षण का समन्वय डा. सतीश कुमार महता ने किया.
संस्थान के वैज्ञानिक डा. संदीप भाकर ने हरियाणा सरकार के बागबानी विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों को दिए जाने वाले अनुदान के बारे में जानकारी दी. प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को पंजाब नैशनल बैंक के एलडीएम विनोद शर्मा ने बैंक ऋण सुविधा एवं सरकारी अनुदान योजनाओं के बारे में भी बताया.
प्रतिभागियों को डा. राकेश कुमार चुघ, डा. जगदीप सिंह, डा. विकास कांबोज, डा. सरोज यादव, डा. पवित्रा, डा. डीके शर्मा, डा. भूपेंद्र सिंह और डा. विकास हुड्डा ने विभिन्न विषयों के बारे में अपनेअपने व्याख्यान दिए.