Revdi : लखनऊ की गुलाब रेवड़ी (Revdi) दूरदूर तक मशहूर है और अब तो फेरी में बिकने वाली रेवड़ी बड़ीबड़ी मिठाई की दुकानों की शान बन गई है. जाड़ों के दिनों में यह बहुत बिकती है. गुड़, शक्कर व तिल से बनने वाली रेवड़ी सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है.

तिल व गुड़ शरीर में जाड़ों में होने वाली तेल की कमी को भी पूरा करते हैं. इन से शरीर में जाड़े से बचाने वाली उर्जा बनती है. यही वजह है कि जाड़ों में गुड़ और तिल से तैयार होने वाली रेवड़ी (Revdi) सभी को पसंद आती है. पहले यह छोटे कारोबारियों के द्वारा बनाई और बेची जाती थी. अब समय बदला तो यही रेवड़ी पूरे विश्व के बाजार पर छा गई है. ज्यादा समय तक चलने वाली मिठाई होने के कारण लोग इस को खूब पंसद करते हैं.

रेवड़ी (Revdi) की अब आनलाइन शापिंग भी होने लगी है. विदेशों में रह रहे लोग इस को पंसद कर रहे हैं और देश में रहने वाले लोग अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को उपहार में रेवड़ी देने लगे हैं. अपने देश की माटी की खुशबू लिए रेवड़ी सात समुद्र पार भी खूब पंसद की जा रही है.

यही वजह है कि अब यह रेवड़ी (Revdi) देश के हर बड़े शहर में मिलने लगी है. दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों से लगे छोटेछोटे शहरों में रेवड़ी और गजक बनाने का काम जोरशोर से अक्तूबर से मार्च महीने के बीच होने लगता है.

लखनऊ की गुलाब रेवड़ी

एक समय तक लखनऊ की गुलाब रेवड़ी पूरे देश में मशहूर थी. अब लखनऊ में रेवड़ी की तमाम तरह की किस्में बनने लगी हैं. ये सभी तिल, गुड़ और चीनी से बनती हैं. मधुरिमा स्वीट्स में अलगअलग तरह की रेवडि़यां बनती हैं, जो स्वाद, खुशबू और आकार में अलगअलग होती हैं.

अब रेवडि़यां कारपोरेट लुक वाली पैकिंग में आ गई हैं, जिन को देशविदेश में भेजा जा सकता है. इस के लिए पैकिंग से ले कर इन्हें बनाने के तौरतरीकों में बदलाव किया गया. बाजार और मांग के हिसाब से हुए ये बदलाव लोगों को इतने पंसद आए कि हर जगह रेवड़ी हाथोंहाथ बिकने लगी.

मधुरिमा स्वीट्स के मालिक मनीष गुप्ता कहते हैं कि रेवड़ी अब कारपोरेट स्वीट बन गई है. दीवाली, नए साल और होली के अवसर पर इस को उपहार में दिया जाने लगा है. अब इस की अच्छी क्वालिटी के साथ ही साथ अलगअलग तरह की रेवडि़यां बनाने का काम भी शुरू किया गया है.

रेवड़ी (Revdi) की सब से खास बात इस का कुरकुरापन होता है. इस को बनाए रखने के लिए अलग किस्म की पैकिंग की गई. लखनऊ के अलावा यह कारोबार उत्तर प्रदेश के मेरठ, हरियाणा के रोहतक और राजस्थान के जयपुर व अलवर जैसे शहरों में भी बड़े पैमाने पर होने लगा है. अपने खास स्वाद के कारण जयपुर और मेरठ की रेवडि़यां भी खूब पसंद की जा रही हैं.

रेवड़ी बनाएं घर में

रेवड़ी बनाने के लिए भी तिल, गुड़ व चीनी का इस्तेमाल किया जाता है.

चीनी और गुड़ की चाशनी को मिला कर खूंटी में गरमगरम लटका कर खींचा जाता है. जब इस में से सफेदसफेद तार निकलने लगे तो गरमगरम हालत में ही मनचाहे आकार में काट कर छोटीछोटी रेवडि़यां तैयार की जाती हैं. इन को मशीन से दबा कर ऊपर से तिल चिपका दिए जाते हैं. रेवड़ी बनाने में सब से अधिक सावधानी चाशनी को तैयार करने में बरतनी होती है. सभी काम गरमगरम हालत में करना पड़ता है. चाशनी के ठंडा पड़ते ही रेवड़ी नहीं बन पाती है.

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