Farmers Fair : जनपद मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ‘पौष्टिक अनाज-समृद्ध किसान’ विषय पर आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला (Farmers Fair) एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का आयोजन 14 अक्तूबर से शुरू हो कर 16 अक्तूबर, 2025 तक हुआ.
मेले का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने किया. मेले का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में किसानों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसान मेले ने देश के दूरदराज के क्षेत्रों से आए किसानों और उद्यमियों को कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने का और अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को बांटने का एक अवसर प्रदान किया है.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्तूबर, 2025 को 24,000 करोड़ रुपए वाली पीएम धनधान्य कृषि योजना की शुरुआत की है. पीएम धनधान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य हर खेत तक सिंचाई सुविधा पहुंचाना, फसल उत्पादकता को बढ़ावा देना और किसानों को आसान ऋण एवं भंडारण सुविधाएं प्रदान करना व कृषि पद्धतियों के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है. इस योजना के तहत देश के 100 कम उत्पादकता वाले जिलों का व्यापक विकास किया जाएगा. इस के साथ ही भारत को दलहन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन की भी शुरुआत की गई, जिस का उद्देश्य दालों की उत्पादकता के स्तर में सुधार करना, दालों की खेती के क्षेत्रफल का विस्तार करना और मूल्य श्रंखला खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण को मजबूत करना है.
उन्नत बीज अच्छा उत्पादन
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आगे कहा कि किसान अपने खेत में जैसा बीज लगाते हैं, वैसा ही अनाज हमें मिलता है, इसलिए अच्छा बीज लगाएं, जिस से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सके. उन्होंने आगे कहा कि हम केवल पेट भरने के लिए अनाज का उत्पादन न करें, बल्कि अब पौष्टिक अनाज उत्पादन की ओर ध्यान देना होगा. हमें पोषण के लिए अब श्रीअन्न योजना का लाभ उठा कर बीज प्राप्त कर बीज बोने चाहिए.
उन्होंने प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र से श्रीअन्न की खेती के लिए किसानों को जागरूक करने का आह्वान किया और कहा कि जब तक अच्छा उत्पादन प्राप्त नहीं होगा, तो स्वास्थ कैसे ठीक रह सकता है, इसलिए पौष्टिकता की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा.
सब से ज्यादा दुग्ध का उत्पादन
सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सब से ज्यादा दुग्ध का उत्पादन बुलंदशहर जिले में होता है और यहां के किसान अधिक पशुधन होने के कारण जैविक खेती से भी अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हम भूमि में डीएपी, यूरिया, पैस्टीसाइड और इंसैक्टिसाइड का प्रयोग कर रहे हैं, जिस से भूमि का स्वास्थ खराब हो रहा है और साथ ही ज्यादातर लोग बीमार भी पड़ रहे हैं और अस्पताल भी पहुंच रहे हैं, इसलिए हमें पोषणयुक्त अनाज के उत्पादन पर ध्यान देना होगा.
प्रदेश में दलहन तिलहन का उत्पादन बढ़ाना होगा
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खद्यान्न फसलों गेहूं, मटर, मसूर, चना की उत्पादकता कम है, इस के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हम कार्य कर रहे हैं. उन्होंने दलहन एवं तिलहन की सहफसली खेती शुरू करने की बात कही. सरकार उत्तर प्रदेश में इस साल 6 लाख, 33 हजार, 758 मुफ्त बीज का वितरण करने जा रही है. उन्होंने बताया कि मसूर, उड़द, मूंग अधिक से अधिक लगाई जाए, जिस को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी एमएसपी पर खरीदा जाएगा. उन्होंने बताया कि साल 2047 तक देश को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाना है और इस के लिए सभी को मिल कर प्रयास करने होंगे.
कृषि यंत्रों पर घटी जीएसटी
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दीवाली से पहले कृषि यंत्रों पर जीएसटी की दर 18 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी करते हुए आप सभी को दीवाली का उपहार दिया है, जिस से कि आप कृषि यंत्रों पर घटी हुई जीएसटी के आधार पर कृषि यंत्रों को क्रय कर सकें.
सेहत से भरपूर मोठे अनाज
हमारा देश कृषि प्रधान देश है और हमारी परंपरागत खेती में पोषक तत्त्वों से भरपूर अनेक अनाज जैसे बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो, कुटकी, सांवा आदि सदियों से हमारे भोजन का हिस्सा रहे हैं. ये केवल भोजन नहीं, बल्कि स्थानीय पोषण और आत्मनिर्भरता के प्रतीक थे. आज जब दुनिया स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरण के प्रति अधिक सजग हो रही है, तब ये ‘पौष्टिक अनाज’ दोबारा अपनी महत्ता सिद्ध कर रहे हैं. इन की खेती कम पानी, कम खाद और कम लागत में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है.
कृषि राज्यमंत्री शबलदेव सिंह औलख ने कहा कि इस वर्ष मेले का विषय ‘पौष्टिक अनाज-समृद्ध किसान’ है. देश कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है, पर पोषण सुरक्षा पर अभी और कार्य करने की जरूरत है.
तकनीकी प्रसार और महिला सशक्तीकरण जरूरी
तकनीकी प्रचारप्रसार के लिए किसान मेलों का बहुत महत्त्व है. किसान मेलों में विभिन्न विभागों, कंपनियों और बैंकों द्वारा किसानों के हित में नईनई जानकारी उपलब्ध कराई जाती हैं, जिस के माध्यम से किसान अपनी उत्पादकता के साथसाथ आय में भी वृद्धि कर सकते हैं. पोषण सुरक्षा में महिलाओं का सशक्त होना आज की आवश्यकता है, क्योंकि महिलाएं परिवार और समाज की पोषक होती हैं. बच्चे के पहले आहार से ले कर परिवार के भोजन तक, निर्णय प्रायः महिलाओं के हाथ में होता है. यदि महिलाएं शिक्षित, जागरूक और आत्मनिर्भर होंगी, तो वे अपने परिवार को संतुलित आहार, स्वच्छता और पोषण के प्रति अधिक सजग बना सकती हैं.
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डा. केके सिंह ने बताया कि हमारे विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक लगातार किसानों के साथ मिल कर श्रीअन्न फसलों के उन्नत बीज, आधुनिक तकनीक, प्रसंस्करण एवं विपणन की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं. ‘पौष्टिक अनाज-समृद्ध किसान, स्वस्थ भारत’ के इस अभियान में विश्वविद्यालय सदैव प्रयासरत है कि ‘प्रयोगशाला से खेत तक, खेत से बाजार तक और बाजार से स्वास्थ्य तक’ के लक्ष्य को पूर्ण कर विश्व स्तर पर ‘श्रीअन्न’ के रूप में भारत की पहचान बनाने में भागीदार बने.
उन्होंने यह भी बताया कि हमें ऐसी कृषि नीति विकसित करनी होगी जिस में खर्च कम आए और लाभ अधिक हो, इस के लिए कृषि में विविधता एवं कृषि आधारित व्यवसायों को अधिक महत्त्व देना होगा. साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती हुई प्रतियोगिता में मुकाबला करने के लिए हमें उत्पादन की गुणवत्ता एवं प्रबंधकीय क्षमता को बढ़ाना होगा. शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लिए शिक्षण संस्थानों के साथ शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में कार्य करने के लिए अनुबंध किए गए हैं प्रयोगात्मक एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है.
विश्वविद्यालय छात्रों को पठनपाठन संबंधित मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए छात्र सुविधा केंद्र स्थापित किया गया है. पुनर्वास महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय द्वारा नामित सैनिकों को विभिन्न विषयों जैसे पोल्ट्री फार्मिंग, लघु स्तर पर डेयरी फार्मिंग, मशरूम फार्मिंग इत्यादि पर 5 बैचों को प्रशिक्षण दिया गया और छठा प्रशिक्षण प्रगति पर है, जिस के प्रशिक्षणार्थी यहां पर उपस्थित हैं.
विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र के 18 जनपदों में 20 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हैं. मुजफ्फरनगर, बदायूं और मुरादाबाद में 2-2 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हैं. वर्ष 2024-25 में कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा 37,603 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया गया. किसानों के प्रक्षेत्र पर 9,000 से अधिक तकनीकी प्रदर्शनों का आयोजन किया गया. 110 कृषक उत्पादन संगठनों के 37,000 से अधिक सदस्यों को तकनीकी प्रदान की जा रही है और 140 स्वयंसहायता समूहों के 1,600 से अधिक सदस्यों को आवश्यकतानुसार तकनीकी सलाह प्रदान की जा रही है. विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र के 18.92 लाख से अधिक किसानों को किसान सारथी पोर्टल पर रजिस्टर किया गया है और इन को तकनीकी सलाह उपलब्ध कराई जा रहा हैं.
विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र में महिला सशक्तीकरण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन लगातार किया जा रहा है. माननीया कुलाधिपति महोदया की प्रेरणा से कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से 3,500 अशिक्षित महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षित किया गया, जिस में से 160 अशिक्षित महिलाओं ने अपना स्वरोजगार शुरू कर दिया है. प्राकृतिक खेती के प्रचारप्रसार को सुदृढ़ करने हेतु प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र पर प्राकृतिक खेती, जैविक खेती एवं परंपरागत रासायनिक खेती के प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि विज्ञान केंद्रों के स्टौलों का भ्रमण कर किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त कर अच्छे कार्यों की सराहना की. उन्होंने किसान मेले में लगे स्टौलों का भ्रमण किया. किसानों के कृषिकार्य को देश का भाग्योदय करने वाला बताते हुए किसान मेला (Farmers Fair) को देशप्रदेश के भाग्य का मेला बताया. उन्होंने किसानों को कृषि में नवीन तकनीक और आविष्कारों को खेत तक पहुंचाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि किसान मेला (Farmers Fair) और प्रदर्शनी के माध्यम से विश्वविद्यालय की तकनीक और नए अनुसंधान गांवों और किसानों तक पहुंचेंगे. उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों की चर्चा करते हुए उत्पादन बढ़ाने और फसलों की बहुउपयोगिता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया.
निदेशक प्रसार डा. पीके सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस बार मेले में लगभग 175 से अधिक स्टौल लगाए गए हैं. इस अवसर पर मैनकाएंड एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड नरचरकाइंड माइक्रो की जानकारी डा. अमित सिंह एवं प्रीवर्धन पंवार द्वारा तथा एसएमएल द्वारा टैक्नो जैट की जानकारी विवेक रस्तोगी और दिलीप जादौन हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड द्वारा अपना पावर प्रोडक्ट की जानकारी प्रवीन कुमार सिंह द्वारा एवं क्रिस्टल क्राप प्रोटैक्शन नवीन पैस्टीसाइड की जानकारी पीके पांडेय द्वारा दी गई.
मेले में रबी फसलों के बीज पौधे एवं किसान गोष्ठी एवं चौपाल का भी आयोजन किया गया. मेले के प्रथम दिन जादूगर वी. सम्राट द्वारा मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव, वित्त नियंत्रक, समस्त अधिष्ठातागण, निदेशकगण एवं प्रसार निदेशालय के डा. सतेंद्र कुमार, डा. मुकेश कुमार, डा. पीके सिंह, डा. एसके लोधी, डा. एसके त्रिपाठी, डा. हरिओम कटियार एवं अन्य स्टाफ का भी विशेष सहयोग रहा.