Relief amount: विगत दिनों राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता सिटी में विशाल किसान सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों के बैंक खातों में सहायता राशि (Relief amount) का डीबीटी हस्तांतरण किया. क्या रहा ख़ास जानें –

राजस्थान ने रचा इतिहास

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित किसानों और ग्रामीणों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, राजस्थान ने पिछले दो वर्षों में विकास का नया इतिहास रचा है. राज्य की 12,600 सड़कों के निर्माण के लिए ₹2,089 करोड़ की राशि  आज जारी की गई है, और भारत एक गौरवशाली, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है. जिसमें किसानों और कृषि वैज्ञानिकों का भी बड़ा योगदान है.

कृषि क्षेत्र में चल रहा विकास का दौर

राजस्थान में कृषि क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है. नई जलवायु-अनुकूल उच्च उपज वाली किस्मों के विकास से किसानों की आय बढ़ी है और उत्पादन लागत में कमी आई है. उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने किसानों को केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे ₹6,000 के साथ अतिरिक्त ₹3,000, यानी कुल ₹9,000 की सहायता दी है, जिससे खेती की लागत में राहत मिली है.

क्लेम में देरी हुई तो किसानों को मिलेगा ब्याज

पिछले दो वर्षों में राजस्थान के किसानों को ₹29,000 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राहत राशि (Relief amount) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मिली है. अब योजना में यह प्रावधान जोड़ा गया है कि अगर क्लेम में देरी होने पर बीमा कंपनियों को किसानों को 12 फीसदी का ब्याज भी दें होगा.

किसानों को मिलेगा उपज का उचित दाम

इस वर्ष राजस्थान से ₹2,680 करोड़ की 3.05 लाख मीट्रिक टन मूंग खरीद को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा, 5.54 लाख मीट्रिक टन मूंगफली तथा 2.65 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद का कार्य भी चल रहा है. उन्होंने स्पष्ट कहा- “केंद्र सरकार किसानों को उचित मूल्य देने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी.”

ग्रामीण परिवर्तन का नया अध्याय

नई योजना के तहत भारत के गांवों का कायाकल्प करने जा रही है. “विकसित भारत–जी राम जी” योजना से गांव समृद्ध होंगे, रोजगार बढ़ेगा. इस कानून के तहत रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 कर दिए गए हैं.

ग्राम पंचायतों को मिली बड़ी भूमिका

इस नई योजना में ग्राम पंचायतें ही गांव के विकास की रूपरेखा तय करेंगी. अगले पांच वर्षों में इस योजना के अंतर्गत ₹7.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है. इसमें जल संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है. किसानों और मजदूरों की सुरक्षा के लिए नए प्रावधान किए गए हैं. मजदूरों को समय पर भुगतान न होने पर ब्याज देना अनिवार्य।प्रशासनिक व्यय 6% से बढ़ाकर 9% तक किया गया है ताकि रोजगार सहायकों और पंचायत कर्मियों को समय पर वेतन मिल सके.

किसानों, मजदूरों को मिली मदद

अनेक योजनाओं के माध्यम से किसान मजदूर परिवारों को भी मदद मिल रही है. 35,800 किसानों को डीबीटी के माध्यम से ₹187 करोड़ से अधिक की राशि हस्तांतरित की गयी है. 5 लाख किसानों को ₹617 करोड़ की कृषि इनपुट सब्सिडी तथा 5 लाख दुग्ध उत्पादकों को ₹151 करोड़ की सहायता राशि (Relief amount) उनके खातों में हस्तांतरित की गई. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 18,500 लाभार्थियों को ₹100 करोड़ की राशि दी गई. निम्न आय वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण परिवारों को पक्का घर और सुविधाओं के लिए ₹1.20 लाख की सहायता राशि (Relief amount) प्रदान की गई.

किसान को ठगने वालों को मिलेगा कड़ा दंड

संसद के अगले सत्र में दो नए विधेयक लाने की तैयारी है- बीज एक्ट (Seed Act) और नकली खाद और उर्वरक की रोकथाम संबंधी कानून ,जिसमें किसानों को ठगने वालों के खिलाफ कड़े दंड और सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जाएगा.

कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश, राजस्व राज्यमंत्री विजय सिंह, किसान आयोग के अध्यक्ष सी.आर. चौधरी, सांसद महिमा कुमारी और विधायक लक्ष्मण राम कलरू उपस्थित रहे.

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