मवेशियों को किसी भी समय चोट, बीमारी या तकलीफ हो सकती है. लेकिन हर वक्त पशु अस्पताल पहुँचना संभव नहीं होता — क्योंकि न तो हर गाँव में वेटनरी हॉस्पिटल पास में होता है, न ही हमेशा डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं.ऐसे में फर्स्ट एड बॉक्स ही काम आता है, जो आकस्मिक स्थिति में तुरंत उपचार करने में मदद करता है.
क्यों आवश्यक है फर्स्ट एड बॉक्स
पशुपालकों की आजीविका उनके मवेशियों पर निर्भर होती है. इसलिए पशुओं की सेहत और देखभाल अत्यंत महत्वपूर्ण है. मानव की तरह मवेशियों को भी छोटी-मोटी चोटें या हल्की बीमारियाँ होती रहती हैं. अगर घर में फर्स्ट एड बॉक्स मौजूद है तो किसान तुरंत उपचार कर सकता है और पशु का जीवन बचाया जा सकता है.
प्राथमिक उपचार
मवेशियों में अक्सर ये समस्याएँ देखने को मिलती हैं —
• कब्ज
• पेट फूलना
• दस्त
• घाव या चोट
• हड्डी टूटना
• सांप का काटना
• जहरीला चारा या कीटनाशक खा लेना
• लू या ठंड लगना
अगर इनका समय पर प्राथमिक उपचार (First Aid Treatment) न किया जाए, तो ये जानलेवा साबित हो सकती हैं.पशुपालकों को अपने मवेशियों की चाल, खानपान, मलमूत्र और दूध उत्पादन में बदलाव पर ध्यान देना चाहिए.
जख्म या चोट लगने पर क्या करें
• बर्फ या ठंडे पानी से चोट की सिंकाई करें.
• एंटीसेप्टिक क्रीम या टिंचर बैंजाइन लगाएँ.
• अगर घाव बड़ा या पुराना है तो तुरंत वेटनरी डॉक्टर से सलाह लें.
कब्ज या दस्त होने पर घरेलू उपचार
कब्ज होने पर:
60 ग्राम काला नमक + 60 ग्राम सादा नमक + 15 ग्राम हींग + 50 ग्राम सौंफ + 500 ग्राम गुड़ मिलाकर मवेशी को हर 2 घंटे पर दें.
दस्त होने पर:
गुड़, नमक और जौ के आटे का घोल पिलाएँ. इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती.
इसके अलावा मांड़, छाछ और तरल पदार्थ भी दें.
बीमारी के खतरे को पहचानें
अगर मवेशी की त्वचा खींचने पर अपनी जगह पर आने में 6 सेकंड से ज़्यादा समय लेती है, तो यह डिहाइड्रेशन या गंभीर बीमारी का संकेत है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर को बुलाएँ.
जहरीला चारा या कीटनाशक खाने पर क्या करें
यदि मवेशी ने गलती से जहरीला पदार्थ खा लिया है —
• तुरंत मुंह से पानी डालें ताकि जहर पतला हो जाए.
• नमक या पीसी सरसों का घोल बनाकर पिलाएँ, ताकि उल्टी हो सके.
• मैग्नीशियम सल्फेट (Magnesium Sulphate) पानी में घोलकर दें (बड़े मवेशी को 250 ग्राम, छोटे को 100 ग्राम) यह आंतों से जहर को बाहर निकालने में मदद करता है.
गले में कुछ अटकने पर उपचार
अगर मवेशी के गले में फल, आलू या कोई चीज़ फँस जाए —
• मवेशी बेचैन होकर लार बहाता है और निगलने की कोशिश करता है.
• गले पर हल्के हाथों से दबाव दें और सहलाएँ, ताकि वस्तु नीचे चली जाए.
• अगर सुधार न हो तो तुरंत डॉक्टर बुलाएँ.
अधिक खून बहने पर क्या करें
• खून बहने वाली जगह पर कपड़ा कसकर बाँधें.
• अगर बांधना संभव न हो, तो कपड़े को फिटकिरी के घोल में भिगोकर लगाएँ.
• यह डॉक्टर आने तक अस्थायी उपचार के रूप में असरदार होता है.
सांप काटने पर तुरंत उपचार
• डसे गए हिस्से से 4–5 इंच ऊपर डोरी कसकर बाँधें.
• नई ब्लेड से हल्का चीरा लगाकर जहर को बाहर आने दें.
• मवेशी को गरम पानी या चाय पिलाएँ ताकि उसे नींद न आए.
• जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएँ.
लू या ठंड लगने पर देखभाल
लू लगने पर –
• मवेशी को ठंडी जगह पर रखें.
• ठंडे पानी से शरीर धोएँ और मीठा, नमकीन पानी बार-बार पिलाएँ.
• पुदीना और प्याज का अर्क लाभकारी है.
ठंड लगने पर –
• मवेशी कांपता है या नाक से पानी बहता है.
• कुनकुने पानी में गुड़ मिलाकर पिलाएँ.
• अजवायन, सेंधा नमक और अदरक गुड़ में मिलाकर दें.
• सरसों या तारपीन के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करें.
क्या-क्या रखें फर्स्ट एड बॉक्स में
मवेशियों के फर्स्ट एड बॉक्स में जरूरी सामान रुई, फिटकिरीबांस की खपच्ची, टिंचर बैंजाइन, एंटीसेप्टिक क्रीम, नया ब्लेड, कारबोलिक एसिड, मैग्नीशियम सल्फेट, जमालगोटा, जौ का आटा, तारपीन का तेल, कपूर, मांड़ या डिटॉल / सेवलॉन, बोरिक एसिड जरुर रखें.
साथ ही नजदीकी पशु चिकित्सक का नंबर और अस्पताल का संपर्क विवरण भी बॉक्स में रखें ताकि आपातकाल में तुरंत मदद ली जा सके.
मवेशियों के लिए तैयार किया गया फर्स्ट एड बॉक्स हर पशुपालक के लिए अनिवार्य है.यह न केवल पशुओं का जीवन बचाता है, बल्कि किसान की आजीविका की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है.थोड़ी सी सतर्कता और तैयारी से पशुपालक अपने मवेशियों को स्वस्थ और उत्पादक रख सकते हैं.





