गुना: कलक्‍टर अमनबीर सिंह बैंस द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पशुओं के आहार के रूप में उपयोग में लाने वाले समस्त प्रकार के चारे/घास, भूसा एवं पशुओं के द्वारा खाए जाने वाले अन्य किस्म के चारे पर जिले की राजस्व सीमा के बाहर निर्यात प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए गए हैं.

उपसंचालक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा अपने प्रतिवेदन के माध्‍यम से अवगत कराया गया है कि जिले में वर्तमान में रबी की फसल की कटाई का काम प्रारंभ हो चुका है, जिस के उपरांत चारे/भूसे की उपलब्धता पशुधन के लिए बनाए रखना आवश्यक है.

मध्य प्रदेश राज्य के जिलों को छोड़ कर अन्य राज्यों के जिलों में भूसे के परिवहन और ईंटभट्टों के ईंधन के रूप में चारे/भूसे का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित किए जाने का अनुरोध किया गया है. जारी आदेश अनुसार, कोई भी किसान, व्यापारी, व्यक्ति, निर्यातक किसी भी प्रकार के पशुचारे का किसी भी वाहन, मोटर, रेल, यान अथवा पैदल जिले के बाहर कलक्‍टर एवं जिला दंडाधिकारी की अनुज्ञापत्र के निर्यात नहीं करेगा. शासकीय उपयोग के लिए भूसा एवं पशुचारे का परिवहन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति से किया जाएगा.

उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत वैधानिक दांडिक कार्यवाही की जाएगी. जारी आदेश तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...