रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से चल रही फूलों से संबंधित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की जनजातीय उपयोजना के तहत बागबानी विभाग में ‘व्यावसायिक पुष्पोत्पादन तकनीक’ विषय पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

इस में रांची जिला के नगड़ी प्रखंड के चिपरा पंचायत के 2 गांवों- कोलांबी और पंचडीहा की 30 किसान महिलाओं ने भाग लिया. ये महिलाएं झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा गठित कृषक समूह की अगुवा शांति तिर्की, नीतू तिर्की और किसान मित्र फूलमनी खलखो के नेतृत्व में आई थीं.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीएयू के अनुसंधान निदेशक डा. पीके सिंह ने कहा कि झारखंड में कृषि संबंधी अधिकांश काम महिलाएं ही करती हैं, इसलिए फूलों की खेती के परिदृश्य में भी वे बड़े बदलाव ला सकती हैं. झारखंड की जरूरत का अधिकांश फूल भी दूसरे राज्यों से आता है, इसलिए इस राज्य में फूलों के उत्पादन और लाभकारी विपणन की काफी संभावनाएं हैं.

उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान अर्जित ज्ञान का व्यावहारिक उपयोग करने की सलाह किसान महिलाओं को दी.

बागबानी विभाग की डा. पूनम होरो, डा. शुभ्रांशु सेनगुप्ता, डा. सविता एक्का, डा. सुप्रिया सुपल सुरीन और डा. अब्दुल माजिद अंसारी ने प्रशिक्षणार्थियों को गेंदा, ग्लेडियोलस, जरबेरा और गुलाब की वैज्ञानिक खेती, उत्पादन क्षमता, झारखंड के लिए उपयुक्त उन्नत प्रभेदों, फसल संरक्षण तकनीक आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

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